28 october 2025 Current Affairs PDF Download | Daily GK Top Questions in Hindi

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28 अक्टूबर 2025 करेंट अफेयर्स in hindi और  GK quiz

28 october 2025 के Latest करेंट अफेयर्स Hindi फॉर्मेट में पढ़ें और साथ में FREE Latest Current Quiz देवें।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मुंबई में 'भारत समुद्री सप्ताह 2025' का उद्घाटन किया – भारत के समुद्री विज़न की नई दिशा

Update on : 28 अक्टूबर 2025, शाम 4:37 बजे |

भारत समुद्री सप्ताह 2025 मुंबई

केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज मुंबई में आयोजित 'भारत समुद्री सप्ताह - 2025' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी, और केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी का समुद्री विज़न – सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समुद्री दृष्टिकोण तीन स्तंभों – सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता – पर आधारित है। उन्होंने कहा कि "यह भारत का समुद्री क्षण है, जो गेटवे ऑफ़ इंडिया को गेटवे ऑफ़ द वर्ल्ड में बदल रहा है।"

पिछले एक दशक में मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधारों ने भारत को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक उभरती हुई शक्ति बना दिया है।

भारत की समुद्री शक्ति और सामरिक स्थिति

भारत की 11,000 किलोमीटर लंबी तटरेखा, 13 तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश देश के GDP में लगभग 60% योगदान देते हैं। भारत का 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) दुनिया भर के निवेशकों और निर्माताओं को आकर्षित करता है।

श्री शाह ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के 38 देश वैश्विक निर्यात में लगभग 12% योगदान करते हैं और भारत इस क्षेत्र को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

वैश्विक दक्षिण और हिंद-प्रशांत में भारत की भूमिका

भारत अपनी लोकतांत्रिक स्थिरता और नौसैनिक क्षमताओं के बल पर हिंद-प्रशांत और वैश्विक दक्षिण के बीच एक सेतु की भूमिका निभा रहा है, जिससे विकास, सुरक्षा और पर्यावरणीय प्रगति को बढ़ावा मिल रहा है।

100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि भारत की समुद्री नीति वैश्विक साझेदारी और स्थिरता का प्रतीक बन चुकी है।

भारत समुद्री सप्ताह – 2047 के लक्ष्य की दिशा में

‘भारत समुद्री सप्ताह 2025’ सम्मेलन का उद्देश्य भारत को 2047 तक समुद्री उद्योग में अग्रणी बनाना है। इस कार्यक्रम में 350 वक्ता, 500 कंपनियाँ और 1 लाख से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। अनुमान है कि इससे लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश अवसर उत्पन्न होंगे।

सागरमाला, ब्लू इकोनॉमी और हरित भविष्य

श्री शाह ने कहा कि ‘मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030’, सागरमाला और ब्लू इकोनॉमी जैसी पहलों के माध्यम से भारत जहाज निर्माण उद्योग में शीर्ष पाँच देशों में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि 839 परियोजनाएँ सागरमाला के तहत शुरू की गई हैं, जिनमें से 272 पहले ही पूरी हो चुकी हैं। साथ ही, ग्रेट निकोबार परियोजना और कोचीन शिपयार्ड में भारत का सबसे बड़ा डॉक निर्माणाधीन है।

हरित, स्थायी और समावेशी समुद्री विकास

भारत का लक्ष्य एक हरित समुद्री भविष्य का निर्माण करना है जो प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखते हुए विकास को गति दे। श्री शाह ने कहा कि भारत छोटे द्वीपीय देशों और वैश्विक दक्षिण के देशों को ध्यान में रखते हुए साझा और स्थायी महासागर के विज़न पर काम कर रहा है।

मुख्य बिंदु: भारत समुद्री सप्ताह 2025, अमित शाह, समुद्री विज़न 2030, सागरमाला, ब्लू इकोनॉमी, हरित समुद्री विकास, आत्मनिर्भर भारत, वैश्विक दक्षिण, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, ग्रीन मैरीटाइम विज़न, मोदी सरकार की पहल।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई

Update on : 28 अक्टूबर 2025, दोपहर 1:36 बजे

सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मंत्रालय के सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

सप्ताह की थीम – "सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी"

देशभर में 27 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष की थीम है – “सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी”। इसका उद्देश्य केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।

सतर्कता एक संस्थागत आदत बननी चाहिए: जे.पी. नड्डा

शपथ दिलाते हुए श्री नड्डा ने कहा कि शासन के हर स्तर पर नैतिक आचरण को संस्थागत बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, "सतर्कता एक संस्थागत आदत बन जानी चाहिए। क्या करें और क्या न करें की एक सरल सूची हर व्यक्ति के पास होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति सद्भावना या सहानुभूति के कारण गलत कार्य न करे।"

उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को एक नियमित अभ्यास बनाना चाहिए ताकि सभी अधिकारी और कर्मचारी जागरूक, सतर्क और पारदर्शी बने रहें।

निवारक सतर्कता पर विशेष अभियान

सतर्कता जागरूकता सप्ताह की प्रस्तावना के रूप में, केंद्रीय सतर्कता आयोग ने अगस्त 2025 में सभी संगठनों को 18 अगस्त से 17 नवंबर 2025 तक निवारक सतर्कता अभियान चलाने की सलाह दी थी।

इस तीन महीने के अभियान में पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

  • लंबित शिकायतों का निपटान
  • लंबित मामलों का समाधान
  • क्षमता निर्माण कार्यक्रम
  • परिसंपत्ति प्रबंधन
  • डिजिटल पहल

ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही का संदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्यों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई।

श्री नड्डा ने कहा कि सतर्कता सप्ताह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह नैतिक शासन, पारदर्शी प्रशासन और जनसेवा के प्रति जिम्मेदारी का प्रतीक है।

मुख्य बिंदु: सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025, जे.पी. नड्डा, स्वास्थ्य मंत्रालय, सत्यनिष्ठा की शपथ, केंद्रीय सतर्कता आयोग, निवारक सतर्कता, ईमानदारी, पारदर्शिता, जवाबदेही, नैतिक शासन, सुशासन।
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत में निर्मित उपकरणों के प्रभावी उपयोग से भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Update on : 28 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:38 बजे | PIB दिल्ली

ऑपरेशन सिंदूर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा भारत में निर्मित उपकरणों के प्रभावी उपयोग ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को मज़बूत किया है। उन्होंने कहा कि यह सफलता न केवल हमारे बहादुर सशस्त्र बलों की है, बल्कि उन ‘उद्योग योद्धाओं’ की भी है जिन्होंने नवाचार, डिज़ाइन और स्वदेशी विनिर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई।

स्वदेशी उद्योग के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना

श्री सिंह ‘रक्षा आत्मनिर्भरता: स्वदेशी उद्योग के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करना’ विषय पर नई दिल्ली में आयोजित सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने घरेलू उद्योग से नवाचार, अनुसंधान एवं विकास, और प्रौद्योगिकी-आधारित विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, ताकि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके।

ऑपरेशन सिंदूर से मिली प्रेरणा

रक्षा मंत्री ने कहा कि आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश तीर वायु रक्षा प्रणाली जैसे स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्मों की सफलता ने भारत की तकनीकी क्षमता को विश्व स्तर पर प्रदर्शित किया है।

उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर हमारे लिए एक केस स्टडी की तरह है। हमें इससे सीख लेकर भविष्य की दिशा तय करनी चाहिए। हमारी तैयारी हमारी अपनी तकनीकी और औद्योगिक नींव पर आधारित होनी चाहिए।"

आत्मनिर्भर भारत के मार्ग पर रक्षा क्षेत्र

श्री सिंह ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच, भारत के लिए ‘स्वदेशीकरण’ ही सबसे मजबूत रास्ता है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार “मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड” दृष्टिकोण को साकार कर रही है।

उन्होंने कहा, “सरकार केवल असेंबली लाइन नहीं, बल्कि एक वास्तविक विनिर्माण आधार स्थापित कर रही है जिससे भारत रक्षा उत्पादों का निर्यातक देश बने।”

तेज़ी से बढ़ता रक्षा उत्पादन और निर्यात

रक्षा मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर था, लेकिन अब वह अपने देश में ही रक्षा उपकरणों का उत्पादन कर रहा है।

“हमारा रक्षा उत्पादन 2014 के ₹46,000 करोड़ से बढ़कर अब ₹1.51 लाख करोड़ तक पहुँच गया है, जिसमें से ₹33,000 करोड़ का योगदान निजी क्षेत्र से है। रक्षा निर्यात अब ₹24,000 करोड़ को पार कर चुका है और मार्च 2026 तक ₹30,000 करोड़ तक पहुँचने की उम्मीद है,” श्री सिंह ने कहा।

उद्योग जगत के लिए आह्वान

रक्षा मंत्री ने निजी क्षेत्र से अगले तीन वर्षों में घरेलू रक्षा विनिर्माण में अपने योगदान को 25% से बढ़ाकर कम से कम 50% करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि “अब हमें केवल प्लेटफ़ॉर्म नहीं, बल्कि उप-प्रणालियों और कलपुर्जों के स्वदेशी निर्माण पर ध्यान देना होगा ताकि रखरखाव और आपूर्ति श्रृंखलाओं में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो सके।”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी मिट्टी, हमारा कवच, हमारी पहली पसंद बने।"

नवाचार और अनुसंधान ही सफलता की कुंजी

श्री सिंह ने कहा कि कोई भी देश नवाचार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने iDEX और ADITI जैसी पहलों के माध्यम से नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि “उद्योग जगत को अब बड़े पैमाने पर संपूर्ण तकनीकी उत्पाद विकसित करने और उन्हें रक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुत करने की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए।”

SIDM वार्षिक सत्र में प्रमुख उपस्थिति

इस अवसर पर रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह, SIDM के अध्यक्ष श्री राजिंदर सिंह भाटिया, महानिदेशक श्री रमेश के., पूर्व अध्यक्ष श्री एस.पी. शुक्ला, सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग जगत के नेता और युवा उद्यमी उपस्थित थे।

मुख्य बिंदु: ऑपरेशन सिंदूर, राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्रालय, स्वदेशी उद्योग, आत्मनिर्भर भारत, मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड, SIDM, रक्षा निर्यात, आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस, रक्षा आत्मनिर्भरता, रक्षा उत्पादन, iDEX, ADITI।

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भारतीय नौसेना 06 नवंबर को स्वदेश निर्मित सर्वेक्षण पोत (बड़ा) ‘इक्षक’ को नौसेना में शामिल करने के लिए तैयार

Update on : 28 अक्टूबर 2025, शाम 5:42 बजे | PIB दिल्ली

भारतीय नौसेना इक्षक सर्वेक्षण पोत

भारतीय नौसेना का स्वदेश निर्मित तीसरा सर्वेक्षण पोत (बड़ा) ‘इक्षक’ अब कमीशनिंग के लिए तैयार है। यह समारोह 06 नवंबर 2025 को नौसेना बेस कोच्चि में आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी करेंगे। यह आयोजन जहाज के औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल होने का प्रतीक होगा।

स्वदेशी हाइड्रोग्राफिक उत्कृष्टता की दिशा में एक नई उपलब्धि

‘इक्षक’ अपनी श्रेणी का तीसरा पोत है, और इसका नौसेना में शामिल होना भारतीय नौसेना की स्वदेशी जल सर्वेक्षण क्षमता और हाइड्रोग्राफिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

यह कदम भारतीय नौसेना की उस दृष्टि को साकार करता है, जिसके तहत अत्याधुनिक प्लेटफ़ॉर्मों का विकास और आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) को गति दी जा रही है।

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा निर्माण

‘इक्षक’ का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE), कोलकाता ने जहाज उत्पादन निदेशालय और युद्धपोत निरीक्षण दल (कोलकाता) की देखरेख में किया है। इस पोत में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो भारत के एमएसएमई सेक्टर और नौसेना के बीच सफल सहयोग का प्रतीक है।

यह आत्मनिर्भर भारत की भावना को साकार करता है और देश की बढ़ती औद्योगिक क्षमता का प्रमाण है।

मानवीय सहायता और आपदा राहत क्षमता

जल सर्वेक्षण कार्यों की अपनी प्राथमिक भूमिका के साथ-साथ, ‘इक्षक’ को दोहरी भूमिका क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। यह न केवल समुद्री सर्वेक्षण में सक्षम है, बल्कि मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्लेटफ़ॉर्म के रूप में भी कार्य कर सकता है।

आपात स्थिति के दौरान यह जहाज एक अस्पताल पोत के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे यह नौसेना के बहुउद्देशीय संचालन में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।

महिलाओं के लिए समर्पित आवास सुविधा

उल्लेखनीय है कि ‘इक्षक’ महिलाओं के लिए समर्पित आवास सुविधा वाला पहला सर्वेक्षण पोत है। यह भारतीय नौसेना के समावेशी, आधुनिक और जेंडर-इक्विटी आधारित दृष्टिकोण का प्रतीक है।

‘इक्षक’ – एक मार्गदर्शक का प्रतीक

‘इक्षक’ शब्द का अर्थ है “मार्गदर्शक”, जो इसके मिशन का सटीक प्रतिनिधित्व करता है — अज्ञात का पता लगाना, सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करना और भारत की समुद्री शक्ति को मज़बूत करना।

यह पोत न केवल तकनीकी रूप से अत्याधुनिक है, बल्कि यह भारतीय नौसेना की भविष्य-दृष्टि, आत्मनिर्भरता और नवाचार की भावना का भी प्रतीक है।

मुख्य बिंदु: भारतीय नौसेना, इक्षक सर्वेक्षण पोत, INS Ikshak, GRSE कोलकाता, आत्मनिर्भर भारत, हाइड्रोग्राफिक उत्कृष्टता, नौसेना बेस कोच्चि, एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, HADR क्षमता, महिलाओं के लिए समर्पित आवास, स्वदेशी रक्षा उत्पादन।
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28 october 2025 से बनने वाले Latest Current Affirs Questions

Q1. भारत समुद्री सप्ताह 2025 का उद्घाटन किस केंद्रीय मंत्री ने किया?
a) नरेंद्र मोदी
b) अमित शाह
c) राजनाथ सिंह
d) नितिन गडकरी
Answer: b) अमित शाह
Explanation:
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुंबई में ‘भारत समुद्री सप्ताह 2025’ का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी के समुद्री विज़न के तहत आयोजित हुआ।

Q2. प्रधानमंत्री मोदी के समुद्री दृष्टिकोण के मुख्य तीन स्तंभ कौन-से हैं?
a) विकास, निवेश, शिक्षा
b) सुरक्षा, स्थिरता, आत्मनिर्भरता
c) विज्ञान, व्यापार, नौवहन
d) ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य
Answer: b) सुरक्षा, स्थिरता, आत्मनिर्भरता
Explanation:
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का समुद्री दृष्टिकोण सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता पर आधारित है, जो भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने में मदद करता है।

Q3. भारत का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) कितना बड़ा है?
a) 11,000 वर्ग किलोमीटर
b) 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर
c) 1.5 लाख वर्ग किलोमीटर
d) 50 लाख वर्ग किलोमीटर
Answer: b) 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर
Explanation:
भारत का EEZ लगभग 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो देश के वैश्विक निवेश और समुद्री व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

Q4. भारत समुद्री सप्ताह 2025 के अनुसार भारत को 2047 तक समुद्री उद्योग में क्या बनाना है?
a) औद्योगिक शक्ति
b) अग्रणी देश
c) पर्यावरणीय केंद्र
d) अनुसंधान केंद्र
Answer: b) अग्रणी देश
Explanation:
‘भारत समुद्री सप्ताह 2025’ का उद्देश्य भारत को 2047 तक समुद्री उद्योग में अग्रणी देश बनाना है। इस कार्यक्रम में 350 वक्ता, 500 कंपनियाँ और लाखों प्रतिनिधि शामिल हैं।

Q5. सागरमाला और ब्लू इकोनॉमी जैसी पहल का उद्देश्य क्या है?
a) भारत को जहाज निर्माण उद्योग में शीर्ष 5 देशों में लाना
b) भारत में कृषि सुधार करना
c) भारत में शिक्षा का स्तर बढ़ाना
d) भारत में डिजिटल मार्केटिंग बढ़ाना
Answer: a) भारत को जहाज निर्माण उद्योग में शीर्ष 5 देशों में लाना
Explanation:
‘मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030’, सागरमाला और ब्लू इकोनॉमी जैसी पहलों के माध्यम से भारत जहाज निर्माण उद्योग में शीर्ष 5 देशों में शामिल होने की दिशा में काम कर रहा है।

Q6. सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को किसने सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई?
a) अमित शाह
b) जे.पी. नड्डा
c) राजनाथ सिंह
d) मनसुख मंडाविया
Answer: b) जे.पी. नड्डा
Explanation:
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के अवसर पर सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।

Q7. सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 की थीम क्या थी?
a) ईमानदारी और पारदर्शिता
b) सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी
c) नैतिक शासन और सुशासन
d) जवाबदेही: हर नागरिक की जिम्मेदारी
Answer: b) सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी
Explanation:
इस वर्ष की थीम थी “सतर्कता: हमारी साझा ज़िम्मेदारी”, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है।

Q8. निवारक सतर्कता अभियान के अंतर्गत किन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया?
a) शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सुरक्षा, ऊर्जा
b) लंबित शिकायतों का निपटान, लंबित मामलों का समाधान, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, परिसंपत्ति प्रबंधन, डिजिटल पहल
c) नौकरशाही सुधार, निवेश, डिजिटल इंडिया, महिला सशक्तिकरण, हरित ऊर्जा
d) नीति निर्माण, सरकारी योजनाएँ, राज्य सहयोग, विकास, तकनीकी सुधार
Answer: b) लंबित शिकायतों का निपटान, लंबित मामलों का समाधान, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, परिसंपत्ति प्रबंधन, डिजिटल पहल
Explanation:
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने 18 अगस्त से 17 नवंबर 2025 तक निवारक सतर्कता अभियान चलाने की सलाह दी थी, जिसमें पाँच प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया: लंबित शिकायतों का निपटान, लंबित मामलों का समाधान, क्षमता निर्माण कार्यक्रम, परिसंपत्ति प्रबंधन, डिजिटल पहल।

Q9. जे.पी. नड्डा ने सतर्कता को किस रूप में स्थापित करने पर ज़ोर दिया?
a) तकनीकी उपाय
b) संस्थागत आदत
c) सैद्धांतिक ज्ञान
d) न्यायिक नियंत्रण
Answer: b) संस्थागत आदत
Explanation:
श्री नड्डा ने कहा कि सतर्कता एक संस्थागत आदत बन जानी चाहिए, ताकि शासन के हर स्तर पर नैतिक आचरण और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

Q10. सतर्कता जागरूकता सप्ताह का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
a) सरकार की नीतियों का प्रचार
b) ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना
c) डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देना
d) नौकरशाही सुधार करना
Answer: b) ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना
Explanation:
इस सप्ताह का उद्देश्य सार्वजनिक सेवा में ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है, जिससे नैतिक शासन और सुशासन को मजबूत किया जा सके।

Q11. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत में निर्मित उपकरणों के प्रभावी उपयोग से किसकी प्रतिष्ठा बढ़ी?
a) उद्योग जगत
b) भारत की क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा
c) निजी कंपनियों की
d) केवल सशस्त्र बलों की
Answer: b) भारत की क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा
Explanation:
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत में निर्मित उपकरणों के प्रभावी उपयोग ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत किया।

Q12. भारत के किस दृष्टिकोण के तहत स्वदेशी रक्षा उपकरणों का विकास और निर्यात बढ़ाया जा रहा है?
a) डिजिटल इंडिया
b) मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड
c) आत्मनिर्भर कृषि
d) ग्रीन इंडिया मिशन
Answer: b) मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड
Explanation:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार “मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड” दृष्टिकोण को साकार कर रही है, जिससे भारत अपने रक्षा उत्पादों का उत्पादन और निर्यात बढ़ा रहा है।

Q13. 2014 के बाद भारत के रक्षा उत्पादन में कितना वृद्धि हुई है?
a) ₹46,000 करोड़ से ₹1.51 लाख करोड़
b) ₹30,000 करोड़ से ₹1 लाख करोड़
c) ₹50,000 करोड़ से ₹2 लाख करोड़
d) ₹24,000 करोड़ से ₹1.2 लाख करोड़
Answer: a) ₹46,000 करोड़ से ₹1.51 लाख करोड़
Explanation:
रक्षा मंत्री ने बताया कि 2014 में भारत का रक्षा उत्पादन ₹46,000 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹1.51 लाख करोड़ हो गया है, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान ₹33,000 करोड़ है।

Q14. ऑपरेशन सिंदूर में किन स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्मों की सफलता का उल्लेख किया गया?
a) आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश तीर वायु रक्षा प्रणाली
b) पृथ्वी मिसाइल, अग्नि मिसाइल, नाग मिसाइल
c) डिफेंस ड्रोन, युद्धक जहाज, लड़ाकू विमान
d) सतीश यंत्र, नेत्र प्रणाली, रक्षा उपकरण
Answer: a) आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश तीर वायु रक्षा प्रणाली
Explanation:
रक्षा मंत्री ने आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस मिसाइल और आकाश तीर वायु रक्षा प्रणाली का उल्लेख किया, जो ऑपरेशन सिंदूर में सफलतापूर्वक उपयोग हुए और भारत की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित किया।

Q15. iDEX और ADITI पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
a) रक्षा बजट बढ़ाना
b) नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करना और R&D को बढ़ावा देना
c) विदेशी निवेश को आकर्षित करना
d) सेना में भर्ती प्रक्रिया सरल बनाना
Answer: b) नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करना और R&D को बढ़ावा देना
Explanation:
iDEX और ADITI जैसी पहलों के माध्यम से नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे नए तकनीकी उत्पाद विकसित करें और भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।

Q16. भारतीय नौसेना का तीसरा स्वदेश निर्मित सर्वेक्षण पोत ‘इक्षक’ किस तारीख को नौसेना में शामिल होगा?
a) 27 अक्टूबर 2025
b) 01 नवंबर 2025
c) 06 नवंबर 2025
d) 15 नवंबर 2025
Answer: c) 06 नवंबर 2025
Explanation:
‘इक्षक’ का नौसेना में औपचारिक शामिल होने का समारोह 06 नवंबर 2025 को नौसेना बेस कोच्चि में आयोजित किया जाएगा।

Q17. ‘इक्षक’ पोत का निर्माण किस शिपबिल्डर द्वारा किया गया है?
a) Mazagon Dock Ltd.
b) Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE)
c) Cochin Shipyard Ltd.
d) Hindustan Shipyard Ltd.
Answer: b) Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE)
Explanation:
‘इक्षक’ का निर्माण GRSE, कोलकाता द्वारा किया गया, जो भारतीय नौसेना के स्वदेशी रक्षा निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

Q18. ‘इक्षक’ पोत की मुख्य विशेषताओं में कौन-सी दोहरी भूमिका शामिल है?
a) लड़ाकू और परिवहन
b) समुद्री सर्वेक्षण और मानवीय सहायता/आपदा राहत (HADR)
c) मरीन अनुसंधान और पर्यटन
d) औद्योगिक निगरानी और व्यापारिक सुरक्षा
Answer: b) समुद्री सर्वेक्षण और मानवीय सहायता/आपदा राहत (HADR)
Explanation:
‘इक्षक’ पोत न केवल समुद्री सर्वेक्षण के लिए सक्षम है, बल्कि मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) के लिए भी उपयोग किया जा सकता है, अस्पताल पोत के रूप में भी कार्य कर सकता है।

Q19. ‘इक्षक’ पोत में महिलाओं के लिए क्या विशेष सुविधा उपलब्ध है?
a) महिलाओं के लिए अलग कमांड डेक
b) महिलाओं के लिए समर्पित आवास सुविधा
c) महिलाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र
d) महिलाओं के लिए स्वास्थ्य केंद्र
Answer: b) महिलाओं के लिए समर्पित आवास सुविधा
Explanation:
‘इक्षक’ पोत महिलाओं के लिए समर्पित आवास सुविधा वाला पहला सर्वेक्षण पोत है, जो भारतीय नौसेना में जेंडर-इक्विटी और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

Q20. ‘इक्षक’ का अर्थ क्या है और यह किस मिशन का प्रतिनिधित्व करता है?
a) खोजकर्ता – समुद्री सुरक्षा
b) मार्गदर्शक – अज्ञात का पता लगाना और सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करना
c) रक्षक – आपदा प्रबंधन
d) नौसैनिक – हथियार परीक्षण
Answer: b) मार्गदर्शक – अज्ञात का पता लगाना और सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करना
Explanation:
‘इक्षक’ का अर्थ मार्गदर्शक है, जो इसके मिशन का प्रतिनिधित्व करता है: अज्ञात क्षेत्रों का पता लगाना, सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करना और भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करना।