प्रतियोगी परीक्षाएं Rajasthan REET, VDO, SI, Patwar, SSC, UPSC के लिए Daily Current Affair । राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं का व्यापक कवरेज विस्तृत विवरण के साथ।
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भारत ने जलवायु निगरानी और मौसम पूर्वानुमान के लिए समर्पित एक नया उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इनसैट-3डी नामक यह उपग्रह श्रीहरिकोता के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
इनसैट-3डी द्वारा एकत्र किए गए डेटा को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा ताकि वैश्विक जलवायु मॉडल और प्राकृतिक आपदाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में सुधार किया जा सके।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 अक्टूबर, 2025 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के ग्राम डुमरीखुर्द में 'ग्राम चौपाल' का आयोजन कर किसानों, स्वयं सहायता समूहों और पंचायत प्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया।
इस चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष, किसान भाई-बहन, स्वयं सहायता समूह की दीदियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंत्री जी ने कहा कि जनता और मंत्री मिलकर काम करें, तो व्यापक बदलाव संभव है।
केंद्रीय मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने बीजों की गुणवत्ता, लागत में कमी और स्थानीय खाद्य दुकानों की आवश्यकता पर भी किसानों से सुझाव लिए।
श्री चौहान ने दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत चना और मसूर की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया और बताया कि 2025-26 की रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की गई है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों पर GST दर को 12% और 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे किसानों की लागत में बड़ी बचत हो रही है।
‘ग्राम चौपाल’ के दौरान मंत्री ने ग्रामीणों को कृषि से जुड़े वैकल्पिक व्यवसाय जैसे पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और बागवानी को अपनाने की सलाह दी, जिससे आमदनी के कई स्रोत बन सकें।
कार्यक्रम के दौरान पशुओं के टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी भी ग्रामीणों को दी गई। अंत में मंत्री जी ने सभी से आग्रह किया कि वे ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भर गांव के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
भारत ने दवा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए अपनी पहली स्वदेशी एंटीबायोटिक “नैफिथ्रोमाइसिन” का विकास किया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 18 अक्टूबर 2025 को यह घोषणा की।
यह अत्याधुनिक एंटीबायोटिक विशेष रूप से प्रतिरोधी श्वसन संक्रमण के इलाज में प्रभावी है और कैंसर एवं मधुमेह जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए वरदान मानी जा रही है।
इस परियोजना का विकास भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और प्रसिद्ध निजी फार्मा कंपनी वॉकहार्ट के बीच सहयोग से किया गया। इसे भारत की पहली इंडस्ट्री-एकेडेमिया सफलता की मिसाल माना जा रहा है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान की भावना को दर्शाती है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि जीन थेरेपी में भारत ने एक और सफलता हासिल की है। हीमोफीलिया के इलाज के लिए भारत का पहला स्वदेशी नैदानिक परीक्षण क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर में सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें 60-70% सुधार दर दर्ज की गई। यह निष्कर्ष प्रतिष्ठित New England Journal of Medicine में प्रकाशित हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत पहले ही 10,000+ मानव जीनोम को अनुक्रमित कर चुका है और अगले चरण में इसे 10 लाख तक ले जाने का लक्ष्य है।
कार्यक्रम में AI और मल्टी-ओमिक्स डेटा एनालिसिस पर आधारित एक तीन दिवसीय चिकित्सा कार्यशाला का भी उद्घाटन हुआ, जिसमें AI-आधारित हाइब्रिड मोबाइल क्लीनिक जैसी योजनाएं प्रस्तुत की गईं, जो ग्रामीण भारत में हेल्थकेयर एक्सेस बढ़ा रही हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) के ₹50,000 करोड़ के बजट की भी घोषणा की, जिसमें से ₹36,000 करोड़ निजी क्षेत्र और परोपकारी संस्थाओं से आएंगे। यह एक आत्मनिर्भर नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में निर्णायक कदम है।
AI, जैव प्रौद्योगिकी और जीनोमिक्स जैसे क्षेत्रों में इंटरडिसिप्लिनरी सहयोग भारत को विश्व स्तर पर अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है।
यह कदम विकसित भारत @2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन' के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की।
बैठक में श्री चौहान ने निर्देश दिए कि 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग तथा सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय किया जाए, जिससे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।
उन्होंने 'दलहन मिशन' के लिए राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि जिला स्तर पर क्लस्टर आधारित कार्यान्वयन प्रभावी हो सके।
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर, 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पूसा, नई दिल्ली में इन दोनों योजनाओं का शुभारंभ किया था।
‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को 16 जुलाई, 2025 को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिली थी और यह 2025-26 से 6 वर्षों तक चलेगी।
‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ का लक्ष्य है भारत को दलहनों में आत्मनिर्भर बनाना, साथ ही कृषि रोजगार के नए अवसर सृजित करना।
आइसलैंड के रेक्जाविक में आयोजित आर्कटिक सर्कल असेंबली-2025 में भारत का आयुष प्रतिनिधिमंडल भी सम्मिलित हुआ। इसमें केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) के महानिदेशक प्रो. (वैद्य) रबीनारायण आचार्य और आयुष मंत्रालय के संयुक्त सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. श्रीनिवास राव चिंता शामिल थे।
प्रो. आचार्य ने बहु-विषयक अवधारणा-सिद्धांत नैदानिक परीक्षणों की शुरुआत, संयुक्त अनुसंधान संघ की स्थापना, और अंतर-सांस्कृतिक आयुष वितरण के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
यह सहभागिता भारत की वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व और विज्ञान आधारित आयुष समाधान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम भारत की आर्कटिक नीति के अंतर्गत एक सकारात्मक, समावेशी और जिम्मेदार भूमिका का प्रतीक है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' (प्रति बूंद अधिक फसल) योजना के अंतर्गत एक नई नीति लागू की है।
यह नीति राज्यों को जल संरक्षण के लिए स्थानीय समाधान अपनाने की स्वतंत्रता देती है, जो देश की विविध भौगोलिक परिस्थितियों में प्रभावी जल प्रबंधन को सुनिश्चित करेगा।
सरकार का मानना है कि हर बूंद की कीमत है, और इसके बेहतर उपयोग से ही खेती की लागत घटेगी व आय बढ़ेगी।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 15 अक्टूबर, 2025 को कर्नाटक के हम्पी में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के प्रशिक्षुओं से बातचीत की। इस कार्यक्रम में कर्नाटक भर से 60 से अधिक प्रशिक्षु और इंफोसिस, IBM, TCS, BEL, HAL जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
हरि कृष्ण (कडप्पा, आंध्र प्रदेश): किसान परिवार से आने वाले हरि ने TCS में इंटर्नशिप के बाद पूर्णकालिक नौकरी प्राप्त की। उन्होंने अपने अनुभव को “परिवर्तनकारी” बताया।
आर. लक्ष्मी प्रसन्ना (चित्तूर, आंध्र प्रदेश): इंफोसिस में इंटर्नशिप के बाद कॉर्पोरेट जीवन से जुड़ने का आत्मविश्वास पाया।
गौरी एच (केरल): एकल मां की बेटी, गौरी ने हनीवेल में इंटर्नशिप कर अपने सपनों के करियर की शुरुआत की। मंत्री ने उनकी दृढ़ता की सराहना की।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने कहा, "यह जानकर खुशी है कि इंटर्नशिप से युवाओं के व्यक्तित्व और कौशल में कितना सकारात्मक बदलाव आया है।"
यह योजना 21–24 वर्ष के अशिक्षित और बेरोजगार युवाओं को देश की प्रमुख कंपनियों में सशुल्क इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करती है। इसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ इंटर्नशिप देना है। फिलहाल यह योजना पायलट चरण में है।
सरकार का लक्ष्य है कि यह योजना Developed India 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप एक सक्षम, कुशल और आत्मनिर्भर कार्यबल तैयार करे।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अंतर्गत नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) को 16 अक्टूबर, 2025 को ब्राज़ील के उपराष्ट्रपति महामहिम श्री गेराल्डो अल्कमिन और उनके उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
इस दौरे में भारत में ब्राज़ील के राजदूत महामहिम श्री केनेथ नोब्रेगा, ANVISA (ब्राज़ील की स्वास्थ्य नियामक एजेंसी) के निदेशक सहित 14 अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल था।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और AIIA निदेशक प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। AIIA की टीम ने पारंपरिक चिकित्सा, अनुसंधान और एकीकृत स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत-ब्राज़ील सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने अस्पताल खंड, अनुसंधान विंग, शैक्षणिक इकाइयों और एकीकृत स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया तथा शोधकर्ताओं और छात्रों से संवाद किया।
तीन प्रमुख समझौता ज्ञापनों (MoU) पर पहले से हस्ताक्षर हो चुके हैं:
इनका उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा में संयुक्त अनुसंधान, शिक्षा, गुणवत्ता, सुरक्षा और सुलभता को बढ़ावा देना है।
श्री गेराल्डो अल्कमिन ने अंत में कहा, "अगर यह यात्रा थोड़ी लंबी होती, तो मैं अपना पीठ दर्द यहीं AIIA में ही ठीक करवाता।" उनके इस वक्तव्य ने आयुर्वेद की प्रभावशीलता में विश्वास को दर्शाया।
यह यात्रा भारत-ब्राज़ील संबंधों में परंपरागत चिकित्सा सहयोग को गहराई देने और आयुर्वेद के वैश्विकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
प्रस्तावना:
खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य है कि सभी लोगों को हर समय पर्याप्त सुरक्षित और पौष्टिक भोजन तक वास्तविक एवं आर्थिक पहुंच मिले, जो उनके सक्रिय और स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हो। इसके लिए न केवल अन्न उत्पादन बल्कि समान वितरण भी आवश्यक है।
सरकार ने वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) शुरू किया, जिसका उद्देश्य चावल, गेहूं, दालों और बाद में मोटे अनाज के उत्पादन और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना, रोजगार सृजित करना और किसान की आय बढ़ाना है। 2024-25 में इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (एनएफएसएनएम) के नाम से बदला गया, जिसमें किसानों को फसल उत्पादन, बीज वितरण, प्रशिक्षण आदि में सहायता दी जाती है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 75% ग्रामीण और 50% शहरी आबादी को निशुल्क खाद्यान्न प्रदान करता है, जिससे भोजन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
एनएफएसए के तहत पात्र परिवार टीपीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त करते हैं। अधिनियम के तहत अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवारों को प्रति माह 35 किलोग्राम और प्राथमिकता प्राप्त परिवारों (पीएचएच) को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न निशुल्क मिलता है।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2023 से सभी लाभार्थियों को नि:शुल्क खाद्यान्न देने का निर्णय लिया है, जो 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए जारी रहेगा, जिसका अनुमानित खर्च 11.80 लाख करोड़ रुपये है।
अधिनियम के तहत 6 माह से 14 वर्ष के बच्चे, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं पोषण के मानकों के अनुसार भोजन पाने की पात्र हैं। कुपोषित बच्चों के लिए उच्च पोषण मानक निर्धारित हैं। गर्भवती महिलाओं को नकद मातृत्व लाभ भी प्रदान किया जाता है।
टीपीडीएस सब्सिडी प्राप्त खाद्यान्न वितरण का प्राथमिक माध्यम है, जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से संचालित करती हैं। केंद्र सरकार खाद्यान्न की खरीद, आवंटन और परिवहन की जिम्मेदारी निभाती है, जबकि राज्य सरकारें वितरण, राशन कार्ड जारी करना और उचित मूल्य की दुकानों की निगरानी करती हैं।
अंततः, एनएफएसएम/एनएफएसएनएम उत्पादन बढ़ाते हैं और एनएफएसए वितरण सुनिश्चित करता है, जिससे खाद्य सुरक्षा और पोषण समानता सुनिश्चित होती है।
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), भुवनेश्वर ने प्रभावी जनसंचार में सरकार और मीडिया के बीच सहयोग को मज़बूत करने के लिए आज कोणार्क में एक क्षेत्रीय मीडिया कार्यशाला "वार्तालाप" का आयोजन किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अपर महानिदेशक, पीआईबी और सीबीसी (ओडिशा एवं झारखंड क्षेत्र) श्री अखिल कुमार मिश्रा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की और मुख्य भाषण दिया। श्री डी. कल्याण चक्रवर्ती, आईआरएस, संयुक्त आयुक्त, सीजीएसटी भुवनेश्वर, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि श्री गुरुकल्याण महापात्र, मुख्य संपादक, समय ने विशिष्ट अतिथि के रूप में इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
अपने संबोधन में, श्री अखिल कुमार मिश्रा ने मीडिया की लोकतंत्र को मजबूत करने में भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "मीडिया, दर्पण और संदेशवाहक दोनों की भूमिका निभाता है — वास्तविकता को प्रतिबिंबित करता है, धारणा को दिशा देता है और लोकतंत्र को मजबूत बनाता है।" उन्होंने निरंतर और पारदर्शी संचार से जनता के विश्वास और सुशासन की महत्ता पर जोर दिया।
श्री मिश्रा ने कहा कि विश्वसनीयता और करुणा ज़िम्मेदार पत्रकारिता के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। उन्होंने पत्रकारों को विकास और मानव-हित की खबरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो सरकारी पहलों के प्रभाव को दर्शाती हैं।
श्री डी. कल्याण चक्रवर्ती ने "अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार और उनके लाभ" विषय पर प्रकाश डाला, बताया कि ये सुधार अनुपालन को सरल बनाते हैं, व्यापार को बढ़ावा देते हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि कराधान का उद्देश्य दंडात्मक नहीं, बल्कि सुविधा प्रदान करना होना चाहिए।
श्री गुरुकल्याण महापात्र ने डिजिटल युग में मीडिया के बदलते परिदृश्य और प्रेस की नैतिक जिम्मेदारी पर चर्चा की। उन्होंने मत्स्य पालन और कृषि जैसे ग्रामीण क्षेत्रों की खबरों को उजागर करने का आग्रह किया, साथ ही विभिन्न केंद्रीय पहलों के बारे में बताया।
कार्यशाला का परिचय सीबीसी के सहायक निदेशक श्री प्रदीप कुमार चौधरी ने दिया, जिन्होंने इसे सरकार और मीडिया के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद बताया।
कार्यक्रम का समापन पीआईबी भुवनेश्वर के उप निदेशक श्री एम.के. जाली के धन्यवाद ज्ञापन और पीआईबी मीडिया एवं संचार अधिकारी श्री स्वाधीन शक्ति प्रसाद के संचालन में हुआ। कोणार्क और आसपास के 60 से अधिक पत्रकारों ने कार्यशाला में भाग लिया और अधिकारियों से संवाद किया।
केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने 14 अक्टूबर, 2025 को विधिक सूचना प्रबंधन एवं ब्रीफिंग प्रणाली (LIMBS) के अंतर्गत "लाइव केस" डैशबोर्ड का उद्घाटन किया। यह पहल सरकारी मुकदमेबाजी के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता में वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में विधिक कार्य विभाग के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय विधि सचिव डॉ. अंजू राठी राणा और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह डैशबोर्ड अदालती मामलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग और आगामी सुनवाई की जानकारी प्रदान करता है, जिससे बेहतर निर्णय लेने और विभागों के बीच समन्वय संभव हो सके।
यह पहल सरकार की डिजिटल परिवर्तन यात्रा का हिस्सा है, और यह दर्शाती है कि कैसे प्रौद्योगिकी का उपयोग शासन के परिणामों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 13 अक्टूबर, 2025 को ब्रासीलिया में आयोजित प्री-सीओपी30 बैठकों में भाग लेते हुए ग्लोबल स्टॉकटेक (GST) ब्रेकआउट सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रथम GST का सफल समापन यह दर्शाता है कि पेरिस समझौते को पूरी निष्ठा के साथ लागू किया जा रहा है। GST, पेरिस समझौते के तहत एक पंचवर्षीय वैश्विक प्रक्रिया है, जो दुनिया की सामूहिक जलवायु प्रगति का मूल्यांकन करती है।
श्री यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना उचित वैश्विक चर्चा के वैज्ञानिक निष्कर्षों को शामिल करने की शीघ्रता नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि सभी वैज्ञानिक स्रोतों से जानकारी लेते हुए निष्कर्षों को ठोस, सटीक और विवेचित रूप में अपनाया जाए।
भारत ने इस मौके पर फिर दोहराया कि जलवायु परिवर्तन से लड़ने में विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है, विशेषकर अनुकूलन और शमन के क्षेत्र में।
श्री यादव का यह संबोधन भारत की न्यायसंगत, संतुलित और उत्तरदायी वैश्विक जलवायु नीति को दर्शाता है, जो पेरिस समझौते की मूल भावना को समर्थन देता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के अंतर्गत कार्यरत इंडियाएआई ने 14 अक्टूबर, 2025 को इंडियाएआई एप्लिकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (IADI) के तहत फेस ऑथेंटिकेशन चैलेंज शुरू किया। इस चुनौती का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया को मजबूत करना है।
स्टार्टअप्स और कंपनियों को आमंत्रित किया गया है कि वे छवि सत्यापन और एप्लिकेशन डी-डुप्लीकेशन के लिए एक उच्च-सटीक, सुरक्षित और स्केलेबल एआई-सक्षम समाधान विकसित करें।
यह चैलेंज AI की सहायता से बड़े पैमाने पर परीक्षाओं के लिए विश्वसनीय और नैतिक समाधान तैयार करने की दिशा में भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसका उद्देश्य नकल, धोखाधड़ी और डुप्लीकेट एप्लिकेशन जैसी समस्याओं से निपटना है।
इच्छुक प्रतिभागी इंडियाएआई की आधिकारिक वेबसाइट indiaai.gov.in पर जाकर आवेदन और गाइडलाइंस देख सकते हैं।
इंडियाएआई मिशन की यह पहल समावेशी, उत्तरदायी और आत्मनिर्भर एआई इकोसिस्टम के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है, जो समाज के सभी वर्गों को एआई के लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस सह्याद्री 13 अक्टूबर, 2025 को दक्षिण कोरिया के बुसान नौसैनिक अड्डे पर पहुंचा। यह पोत भारत और कोरिया गणराज्य की नौसेनाओं (IN और ROKN) के बीच आयोजित पहले द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास में भाग ले रहा है।
इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नौसेना सहयोग को सशक्त बनाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा समुद्री हितों को आगे बढ़ाना है। कोरियाई नौसेना ने आईएनएस सह्याद्री का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो दोनों सरकारों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
आईएनएस सह्याद्री, 2012 में सेवा में शामिल हुआ था और यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की उत्तरदायी और विश्वसनीय समुद्री शक्ति के रूप में उभरती भूमिका को दर्शाता है। साथ ही यह भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और समुद्री साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता को और बल देता है।
विश्व मानक दिवस 2025 के अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के तहत ढांचे को एमएसएमई हितैषी एवं उपयुक्त बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बीआईएस को उपभोक्ता आउटरीच और जागरूकता अभियान और मज़बूत करने की आवश्यकता है।
श्री जोशी ने बताया कि बीआईएस द्वारा अब तक 22,300 से अधिक मानक लागू किए गए हैं, जिनमें 94% अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़ती भूमिका को भी उन्होंने रेखांकित किया।
कार्यक्रम में नेशनल लाइटिंग कोड 2025 को लॉन्च किया गया, जो एलईडी, स्मार्ट लाइटिंग, IoT, सोलर-आधारित रोशनी आदि आधुनिक पहलुओं को कवर करता है।
बीआईएस लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) को लॉन्च कर डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया गया। इसमें भारतीय मानकों पर स्व-गति से चलने वाले ऑनलाइन कोर्स शामिल हैं।
नई पायलट परियोजना के अंतर्गत 25 परख एवं हॉलमार्किंग केंद्रों (AHC) में प्रत्येक आभूषण की तस्वीर और वजन BIS पोर्टल में रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही, बीआईएस प्रयोगशालाओं में 180+ उपकरण अब LIMS (Laboratory Information Management System) से कनेक्ट हैं, जिससे डेटा स्वतः ट्रांसफर होकर मानवीय त्रुटि में कमी आएगी।
राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने मानकीकरण आंदोलन में योगदान देने वाले विशेषज्ञों की सराहना की और BIS की वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने सभी हितधारकों से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने, नवाचार को अपनाने और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्ध रहने की अपील की।
भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय डाक विभाग ने घोषणा की है कि 15 अक्टूबर 2025 से संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के लिए सभी श्रेणियों की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं (EMS, रजिस्टर्ड, एयर पार्सल, ट्रैक्ड पैकेट) फिर से शुरू की जाएंगी।
यह कदम न केवल भारत के डाक नेटवर्क को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा, बल्कि मेक इन इंडिया, ओडीओपी, और DNK जैसी प्रमुख सरकारी पहलों को भी समर्थन देगा।
नई DDP प्रणाली के माध्यम से भेजने वालों को कुल लागत का पूर्वानुमान लगाना आसान होगा और प्राप्तकर्ताओं को अमेरिका में निर्बाध डिलीवरी मिलेगी, बिना अतिरिक्त शुल्क या देरी के।
डाक विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि वाणिज्यिक कूरियर सेवाओं की तुलना में डाक माध्यम अधिक सस्ता, पारदर्शी और नियमित रहेगा, जिससे छोटे और मझोले निर्यातकों को वैश्विक बाज़ार तक पहुंचने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान ‘लीप्स 2025’ पहल का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करना और देश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को सुदृढ़ करना है। यह पहल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) और पीएम गतिशक्ति के समग्र दृष्टिकोण से संरेखित है।
‘लीप्स 2025’ पहल, पीएम गतिशक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) 2022 के दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में दक्षता, प्रतिस्पर्धात्मकता और स्थिरता को बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से नवाचार को पहचानने और पुरस्कृत करने का लक्ष्य है, जो भविष्य के लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम को तैयार करेगा। यह पहल 'मेक इन इंडिया' को सशक्त बनाएगी और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देगी।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में 'पीएम गतिशक्ति पब्लिक' प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, जो भू-स्थानिक और अवसंरचना डेटा तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्लेटफॉर्म यूजीआई (एकीकृत भू-स्थानिक इंटरफेस) के माध्यम से डेटा की विनियमित पहुंच प्रदान करता है।
'पीएम गतिशक्ति पब्लिक' प्लेटफॉर्म से न केवल बुनियादी ढांचे के विकास की योजना बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि यह निर्णय लेने के लिए डेटा विश्लेषण को और मजबूत करेगा। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य 'संपूर्ण सरकार' और 'संपूर्ण समाज' की अवधारणा को बढ़ावा देना है, जो भारत के 2047 के विजन को साकार करने में मदद करेगा।
यह प्लेटफॉर्म पीएम गतिशक्ति के तहत केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और राज्यों के भू-स्थानिक डेटा को एकीकृत करके भारत में बुनियादी ढांचे की योजना और कार्यान्वयन में क्रांति ला रहा है। इस पहल ने समन्वित बुनियादी ढांचे के विकास में एक बड़ा बदलाव लाया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने स्वच्छता को बढ़ावा देने और यात्री सहभागिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 'स्वच्छ शौचालय चित्र चुनौती' की शुरुआत की। यह पहल विशेष अभियान 5.0 का हिस्सा है और 31 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगी।
यह अभियान टोल प्लाजा स्थित शौचालयों की स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। ‘स्वच्छ शौचालय चित्र चुनौती’ के माध्यम से नागरिकों को स्वच्छता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, NHAI देशभर में यात्री अनुभव को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठा रहा है, जैसे गड्ढों का समतलीकरण, सड़क सुरक्षा संकेतक सुदृढ़ करना और शौचालयों की सफाई एवं सजावट।
नीति आयोग ने 13 अक्टूबर, 2025 को "इंडिया ब्लू इकोनॉमी: स्ट्रेटेजी फॉर हार्नेसिंग डीप सी एंड ऑफशोर फिशरीज" पर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट का शुभारंभ नीति आयोग के सदस्य (कृषि) प्रोफेसर रमेश चंद और सीईओ श्री बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने किया। रिपोर्ट प्रस्तुति नीति आयोग की कार्यक्रम निदेशक डॉ. नीलम पटेल ने दी।
रिपोर्ट में गहरे समुद्र और अपतटीय मत्स्य संसाधनों के सतत दोहन के लिए एक विज्ञान-आधारित और प्रौद्योगिकी-सक्षम दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है, जो भारत को ब्लू इकोनॉमी में वैश्विक नेतृत्व दिला सकता है।
रिपोर्ट में मत्स्य नीति और नियमन में सुधार, बेड़े का आधुनिकीकरण, सामूहिक स्वामित्व को बढ़ावा, सामुदायिक भागीदारी और पूंजी जुटाने की रणनीतियों पर भी ज़ोर दिया गया है।
तीन चरणों का सांकेतिक ढाँचा प्रस्तावित है:
कार्यशाला में 18 संस्थानों ने भाग लिया, जिसमें गोवा, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा आदि तटीय राज्यों की प्रस्तुतियाँ और नियामक सुधार, अनुसंधान, वित्तपोषण पर पैनल चर्चा भी आयोजित हुई।
यह रिपोर्ट भारत को गहरे समुद्र में मत्स्य पालन क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और समावेशिता के साथ आगे बढ़ने का रोडमैप प्रदान करती है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद 2025’ में भाग लेने के लिए भारतीय सेना की 120 सैनिकों की टुकड़ी 11 अक्टूबर को पर्थ, ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुई। यह अभ्यास 13 से 26 अक्टूबर, 2025 तक इरविन बैरक, पर्थ में आयोजित किया जाएगा।
ऑस्ट्राहिंद 2025 भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने वाला वार्षिक अभ्यास है। इसमें सेनाएं उभरती तकनीकों के प्रयोग, वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में संयुक्त क्रियान्वयन, और सामरिक क्षमताओं को परिष्कृत करने के उद्देश्य से शामिल होती हैं।
यह अभ्यास न केवल सैन्य तैयारियों को मजबूत करेगा, बल्कि रक्षा सहयोग, आपसी सौहार्द और विश्वास को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
दूरसंचार विभाग (DoT) और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में आयोजित ‘रोबोटिक्स फॉर गुड यूथ चैलेंज इंडिया 2025’ का समापन 11 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि, इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुआ।
प्रतियोगिता ITU के ‘AI for Good’ कार्यक्रम के तहत i-Hub Foundation for Cobotics (IHFC), IIT दिल्ली और DoT के सहयोग से आयोजित की गई। इसका उद्देश्य 10–18 वर्ष की आयु के छात्रों को AI और रोबोटिक्स के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर समाधान विकसित करने हेतु प्रेरित करना था।
प्रतियोगिता में प्रस्तुत रोबोटिक समाधानों ने व्यावहारिकता, नवीनता और सामाजिक उपयोगिता का उत्कृष्ट मिश्रण दर्शाया। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को डिजिटल सुरक्षा पर भी मार्गदर्शन दिया गया, जिसमें ऑनलाइन व्यवहार, जिम्मेदार डिजिटल जुड़ाव और नैतिक तकनीकी उपयोग की जानकारी शामिल थी।
ग्रैंड फिनाले: चयनित टीमें — टीम हेयांश (जूनियर) और टीम द एम्बिशन अवेंजर्स (सीनियर) — अब जुलाई 2026 में जिनेवा में 25 देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।
इस आयोजन ने भारत को AI और रोबोटिक्स नवाचार में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया और यह दिखाया कि कैसे युवाओं की रचनात्मकता सामाजिक समस्याओं के तकनीकी समाधान बन सकती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के पूसा में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान कृषि क्षेत्र को 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की ऐतिहासिक सौगात दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दो नई योजनाएं — "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना" और "दलहन आत्मनिर्भरता मिशन" का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी सहित कई मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और लाखों किसान वर्चुअली जुड़े। प्रधानमंत्री ने देशभर के किसानों, एफपीओ और नवाचारकर्ताओं से संवाद भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना देश के आकांक्षी जिलों के समग्र कृषि विकास हेतु बहु-आयामी रणनीति है, वहीं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य देश को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सरकार ने यूरिया और DAP के दाम स्थिर रखकर किसानों को बड़ी राहत दी है। यूरिया ₹266 और DAP ₹1,350 में उपलब्ध है। कृषि यंत्रों पर GST दरों में कटौती से किसानों को सस्ते विकल्प मिल रहे हैं।
MSP में भी बड़ी बढ़ोतरी की गई है — गेहूं ₹160, चना ₹200+, मसूर ₹300, सरसों ₹250, कुसुम ₹600 प्रति क्विंटल की दर से MSP में वृद्धि हुई है।
सरकार द्वारा ₹10 लाख करोड़ से अधिक का कृषि ऋण और ₹1.83 लाख करोड़ का फसल बीमा मुआवजा प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से ₹3.90 लाख करोड़ किसानों के खातों में पहुंचाए गए।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और किसानों को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया।
डिजिटल रूप से समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) ने गोवा में आयोजित पर्पल फेस्ट के अवसर पर नया 'सुगम्य भारत ऐप' लॉन्च किया।
इस लॉन्च का नेतृत्व DEPwD के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने एएलआईएमसीओ (ALIMCO) के स्टॉल पर किया। इस अवसर पर अन्य प्रमुख अधिकारी जैसे सुश्री मनमीत कौर नंदा (अतिरिक्त सचिव), सुश्री ऋचा शंकर (उपमहानिदेशक), सुश्री देबोलीना ठाकुर (संयुक्त सचिव), और ALIMCO के CMD श्री प्रवीण कुमार भी उपस्थित रहे।
लॉन्च के अवसर पर श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह ऐप केवल एक तकनीकी समाधान नहीं बल्कि सशक्तिकरण का माध्यम है, जो दिव्यांगजनों को अवसर, सूचना और अधिकार के साथ जोड़ता है।
यह ऐप सुगम्य भारत अभियान के तहत विकसित किया गया था और अब यह मोबाइल आधारित सुगम्यता पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में कार्य कर रहा है, जिससे दिव्यांगजन न केवल सुविधा प्राप्त कर सकें, बल्कि सुगमता के परिदृश्य को भी आकार दे सकें।
राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) ने 'ऑपरेशन गोल्डन स्वीप' नामक एक विशेष कार्रवाई में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है।
इस अभियान के तहत 10.488 किलोग्राम 24 कैरेट तस्करी किया गया सोना जब्त किया गया, जिसकी बाजार कीमत लगभग ₹12.58 करोड़ आंकी गई है। साथ ही, 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो बांग्लादेशी, छह श्रीलंकाई नागरिक, दो एयरपोर्ट कर्मचारी, दो हैंडलर और एक मास्टरमाइंड शामिल हैं।
डीआरआई ने बताया कि यह कार्रवाई एक अत्यधिक संगठित और तकनीकी रूप से परिष्कृत तस्करी तंत्र का खुलासा करती है, जिसमें यात्रियों के शरीर में छुपाया गया सोना एयरपोर्ट कर्मचारियों के माध्यम से आगे पहुंचाया जा रहा था।
यह ऑपरेशन देश की आर्थिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए डीआरआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आगे की जांच जारी है।
नीति आयोग ने 10 अक्टूबर, 2025 को कर सुधारों को बढ़ावा देने के लिए टैक्स नीति कार्य पत्र श्रृंखला का दूसरा दस्तावेज जारी किया, जिसका शीर्षक है — “Towards India Tax Transformation: Decriminalization and Trust-Based Governance”। यह दस्तावेज साक्ष्य आधारित कर सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह कार्यपत्रक आयकर अधिनियम, 2025 के तहत आपराधिक प्रावधानों की प्रासंगिकता और आनुपातिकता का विश्लेषण करता है और सरकार के व्यापक सुधार एजेंडे के साथ सामंजस्य स्थापित करता है।
दस्तावेज के अनुसार, 2025 अधिनियम में कई पुराने अपराध हटाए गए हैं, लेकिन अभी भी 13 प्रावधानों में 35 कार्य/चूक आपराधिक श्रेणी में हैं, जिनमें अधिकांश के लिए अनिवार्य कारावास का प्रावधान है।
यह नीति आयोग का न्यायशास्त्र-आधारित मूल्यांकन प्रस्तुत करता है और डिक्रिमिनलाइजेशन का रोडमैप बताता है, जिसमें शामिल हैं:
नीति आयोग का मानना है कि विश्वास आधारित कर प्रशासन से स्वैच्छिक अनुपालन बढ़ेगा, मुकदमेबाजी में कमी आएगी और भारत की वैश्विक टैक्स प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी।
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025 – दूरसंचार विभाग (DoT) और इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) द्वारा आयोजित 'AI for Good - Impact India Summit' का उद्घाटन दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने किया। यह सम्मेलन इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के दौरान आयोजित किया गया, जो भारत में उत्तरदायी और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
डॉ. मित्तल ने कहा कि, "जैसे-जैसे हम 5G से 6G की ओर बढ़ रहे हैं, नेटवर्क में AI का उपयोग उन्हें स्व-उपचार योग्य और स्मार्ट बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। लेकिन हमें AI के दुरुपयोग से भी सतर्क रहना होगा – जैसे कि डीपफेक, वॉयस क्लोनिंग और डिजिटल धोखाधड़ी।"
सम्मेलन में AI गवर्नेंस इन एक्शन, AI और साइबर सुरक्षा, क्वांटम फॉर गुड, रोबोटिक्स, और AI फॉर यूथ सेफ्टी जैसे विषयों पर पैनल चर्चाएं हुईं।
Innovation Factory India 2025 के तहत AI स्टार्टअप्स ने स्वास्थ्य, कृषि, जलवायु और डिजिटलीकरण जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जुड़े समाधानों का प्रदर्शन किया। इस मंच का मूल्यांकन ITU और दूरसंचार विभाग द्वारा किया गया।
आईटीयू के प्रतिनिधि बिलेल जमौसी ने भारत के नेतृत्व और डिजिटल समावेशन की दिशा में सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने एआई के वैश्विक मानकों में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत चल रहे IndiaAI मिशन (मूल्य: 1.25 बिलियन डॉलर) को भी सम्मेलन में प्रमुखता से दर्शाया गया, जिसका उद्देश्य एक विश्वसनीय, समावेशी और मानव-केंद्रित AI इकोसिस्टम बनाना है।
सम्मेलन का समापन AI-नेटिव भारत 5G बिल्ड-ए-थॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर किया गया, जिनमें युवा नवप्रवर्तकों के AI/ML-आधारित समाधान शामिल थे।
भारत और ITU की इस साझेदारी ने दिखाया कि कैसे AI को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति हेतु एक सकारात्मक शक्ति के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह समिट डिजिटल समावेशन, नैतिक AI और वैश्विक सहयोग की दिशा में एक मील का पत्थर है।
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने पर्पल फेस्ट – सेलिब्रेटिंग डायवर्सिटी के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम समावेशिता, सुलभता और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है, जिसमें दिव्यांगजनों की प्रतिभा और क्षमता को उजागर किया गया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजन अब केवल लाभार्थी नहीं हैं, बल्कि वे पेशेवर, उद्यमी और समाज के सक्रिय योगदानकर्ता हैं।
राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री श्री सुभाष फल देसाई ने कहा कि समावेश कोई दया का कार्य नहीं, बल्कि शासन का मूल सिद्धांत है, जो गरिमा और स्वतंत्रता प्रदान करता है।
राजेश अग्रवाल (सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) ने राज्य आयुक्तों की भूमिका, CSR कार्यक्रमों और मोबाइल अदालतों जैसी अभिनव पहलों पर प्रकाश डाला।
राज्य आयुक्त श्री गुरुप्रसाद पावस्कर ने इस महोत्सव को दिव्यांगजनों की रचनात्मकता और लचीलेपन को प्रदर्शित करने वाला मंच बताया।
कार्यक्रम में कई विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें मंत्रीगण, सचिव, सामाजिक संगठन, UN के प्रतिनिधि, और दिव्यांगजनों के क्षेत्र में कार्यरत संस्थाएं शामिल थीं।
यह महोत्सव गोवा के समाज कल्याण निदेशालय और एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा द्वारा, भारत सरकार के DEPwD के सहयोग से आयोजित किया गया।
इस आयोजन ने एक समावेशी समाज की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जहां हर नागरिक को सम्मान, अवसर और प्रगति का समान अधिकार है।
8-9 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित ARISE Cities Forum 2025 में स्वीकृत दिल्ली घोषणापत्र ने COP30 के लिए विकासशील देशों के शहरी क्षेत्रों की साझा आवाज़ प्रस्तुत की। इस घोषणापत्र को ब्राजील के बेलेम में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30) के लिए एक प्रभावशाली एजेंडा माना जा रहा है।
घोषणापत्र को शंकर लालवानी (सांसद, इंदौर) द्वारा ICLÉI दक्षिण अमेरिका के उप सचिव श्री रोड्रिगो डी सूजा कोराडी को सौंपा गया। इसमें स्थानीय जलवायु कार्रवाई, अनुकूलन रणनीतियों, शून्य उत्सर्जन, समानता, पारदर्शी डेटा प्रणाली, जलवायु वित्त तक सीधी पहुंच और नागरिक सशक्तिकरण की दिशा में सामूहिक प्रतिबद्धताएं दर्शाई गई हैं।
घोषणापत्र में यह भी कहा गया कि शहर जलवायु समाधान का केंद्र हैं और स्थानीय सरकारों की भागीदारी के बिना वैश्विक लक्ष्य अधूरे रहेंगे। यह दस्तावेज़ पेरिस समझौते और NDC 3.0 के अनुरूप जलवायु योगदानों में स्थानीय प्राथमिकताओं के समावेश को बढ़ावा देता है।
राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने उद्घाटन में कहा कि "जहां चुनौतियां हैं, वहीं समाधान भी हैं।" उन्होंने ARISE Cities Forum को सतत शहरी विकास के लिए मील का पत्थर बताया।
ICLÉI दक्षिण एशिया की कार्यकारी निदेशक इमानी कुमार ने कहा, “ARISE भारत से बेलेम तक एक साझा विचार और प्रतिबद्धता की यात्रा है।”
डॉ. देबोलिना कुंडू (निदेशक, NIUA) ने कहा कि घोषणापत्र दर्शाता है कि शहरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन से निपटने की शक्ति है और सामूहिक प्रयास से परिवर्तन संभव है।
सम्मेलन के प्रमुख सत्र: अपशिष्ट और जल चक्रीयता, समावेशी खाद्य प्रणाली, शहरी ताप, स्थानीय जलवायु पहल, जलवायु वित्त, डिजिटल समाधान, स्वच्छ ऊर्जा नियोजन, शहरी आपदा प्रबंधन आदि।
यह घोषणापत्र, स्थानीय सरकारों की वैश्विक नीति में भूमिका को रेखांकित करता है और यह संदेश देता है कि "सतत विकास शहरों से शुरू होता है।"
10 अक्टूबर 2025 को सिडनी में आयोजित भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग व्यापार गोलमेज बैठक में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भारत की रक्षा क्षमताओं, नीति सुधारों और द्विपक्षीय औद्योगिक साझेदारी की विशाल संभावनाओं को रेखांकित किया। यह बैठक व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2020) को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बैठक केवल संवाद नहीं बल्कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोगात्मक रक्षा साझेदारी की आधारशिला है। दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्य, ऐतिहासिक संबंध और वैश्विक दृष्टिकोण इस साझेदारी को मज़बूत आधार प्रदान करते हैं।
भारत की हाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने बताया:
उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’, PLI योजनाओं और 74% FDI जैसे नीति सुधारों का उल्लेख करते हुए ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों को भारत में निवेश और सह-उत्पादन के लिए आमंत्रित किया।
संभावित सहयोग क्षेत्रों में प्रणोदन तकनीक, ऑटोनॉमस अंडरवॉटर व्हीकल्स, फ्लाइट सिमुलेटर, एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी और ग्रीन शिपबिल्डिंग जैसी आधुनिक प्रणालियां शामिल हैं।
उन्होंने थेल्स ऑस्ट्रेलिया, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड जैसे सक्रिय औद्योगिक साझेदारों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं।
भारत ने ऑस्ट्रेलियाई प्रस्ताव का स्वागत किया, जिसमें प्रौद्योगिकी साझाकरण को आसान बनाने और भारत को शीर्ष रक्षा साझेदार के रूप में मान्यता दी गई है।
रक्षा मंत्री ने सम्मेलन में आए ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री, उद्योग जगत, शोध संस्थानों को एक ऐसे रणनीतिक और आर्थिक गठबंधन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित कर सके।
इम्फाल पश्चिम स्थित जिला आईसीडीएस प्रकोष्ठ ने ‘स्मार्ट पोषण, सशक्त पीढ़ी’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समुदाय में आहार संबंधी आदतों में सुधार लाना और पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करना था।
समाज कल्याण निदेशक और संयुक्त निदेशक (आईसीडीएस) ने कार्यशाला में सामुदायिक भागीदारी और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने के महत्व पर बल दिया।
कार्यशाला में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई:
कार्यशाला में पोषण के आधुनिक विज्ञान के साथ पारंपरिक ज्ञान का एकीकरण करने पर भी जोर दिया गया ताकि मजबूत और स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में 'सुशासन और अभिलेख 2025' नामक प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत सुबह 10:00 बजे करेंगे।
इस प्रदर्शनी में विभिन्न मंत्रालयों के बहुमूल्य अभिलेख भी प्रदर्शित किए जाएंगे, जो भारत की शासन व्यवस्था और विकास की प्रगति को दर्शाते हैं:
भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार की स्थापना 11 मार्च 1891 को कोलकाता में इंपीरियल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट के रूप में हुई थी, जिसे 1937 में नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया। यह अभिलेखागार सार्वजनिक अभिलेख अधिनियम, 1993 और सार्वजनिक अभिलेख नियम, 1997 के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
यह प्रदर्शनी भारतीय शासन, राष्ट्र-निर्माण और सार्वजनिक सेवा की यात्रा को प्रदर्शित करती है और सुशासन, संस्थागत पारदर्शिता और अभिलेखीय संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को सम्मानित करती है।
भारतीय कारपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) ने 7 अक्टूबर 2025 को 'जनजातीय विकास के लिए सीएसआर उत्कृष्टता का लाभ' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का समापन किया। यह कार्यक्रम कारपोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आयोजित किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य जनजातीय कल्याण को बढ़ावा देने के लिए सीएसआर पहलों के माध्यम से सहयोग, नवाचार और समावेशी विकास को बढ़ावा देना था।
सम्मेलन में भारत सरकार और उद्योग जगत के विभिन्न प्रतिनिधियों ने जनजातीय विकास के लिए सीएसआर की भूमिका को सशक्त बनाने पर चर्चा की। लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के सचिव श्री के. मोसेस चालई ने अपने संबोधन में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) से दीर्घकालिक सीएसआर पहलों के माध्यम से आदिवासी समुदायों से जुड़ाव बढ़ाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में श्रीमती दीप्ति गौर मुखर्जी, सचिव, कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने जनजातीय विकास के लिए सहयोगात्मक मंच के निर्माण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एक इंटरैक्टिव डिजिटल प्लेटफॉर्म (पुनर्निर्मित सीएसआर एक्सचेंज) के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जो सरकारी और कारपोरेट प्रयासों के बीच समन्वय में सहायक होगा।
आईआईसीए के महानिदेशक श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने सीएसआर के महत्व पर चर्चा करते हुए इसे केवल वित्तीय योगदान से ऊपर उठकर तकनीकी और प्रबंधकीय विशेषज्ञता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सीएसआर निधि की कमी को देखते हुए, भौगोलिक रूप से संतुलित और आवश्यकता-आधारित गतिविधियों की आवश्यकता है।
इस सम्मेलन में सीएसआर के माध्यम से जनजातीय सशक्तीकरण के लिए एक रणनीतिक, डेटा-संचालित और प्रौद्योगिकी-एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम का समापन सरकारी-कारपोरेट सहयोग को बढ़ावा देने और प्रभावशाली सीएसआर पहलों को डिजाइन करने के आह्वान के साथ हुआ।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 8 अक्टूबर, 2025 को प्रातः 9:45 बजे यशोभूमि, नई दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के 9वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य डिजिटल परिवर्तन में भारत के नेतृत्व को प्रदर्शित करना है।
आईएमसी 2025 का उद्देश्य दूरसंचार और उभरती प्रौद्योगिकियों में नवीनतम प्रगति को प्रदर्शित करना है। इस कार्यक्रम में 6जी, क्वांटम संचार, ऑप्टिकल संचार, सेमीकंडक्टर, और साइबर धोखाधड़ी जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, इस आयोजन में वैश्विक नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाया जाएगा।
इस कार्यक्रम में 7,000 से अधिक वैश्विक प्रतिनिधि और 150 से अधिक देशों से 1.5 लाख से अधिक आगंतुकों की उम्मीद है। 5जी, 6जी, एआई, स्मार्ट मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा, और हरित प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर 1,600 से अधिक नए उपयोग-मामले और 100 से ज्यादा सत्र आयोजित होंगे।
आईएमसी 2025 में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर भी जोर दिया जाएगा, जिसमें जापान, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, रूस, आयरलैंड और ऑस्ट्रिया के प्रतिनिधिमंडल भाग लेंगे।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 6 अक्टूबर, 2025 को राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2022-23 के लिए माई भारत - राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), भारत सरकार की एक प्रमुख युवा केंद्रित योजना है, जिसका उद्देश्य स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व और समाज के प्रति उनकी ज़िम्मेदारी को मजबूत करना है।
यह योजना 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर शुरू की गई थी।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए माई भारत - एनएसएस पुरस्कार हर वर्ष समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वयंसेवकों, संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को प्रदान किए जाते हैं।
यह पुरस्कार भारत सरकार की युवाओं को प्रेरित करने और राष्ट्र निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने की नीति का प्रतीक हैं।
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने आयुष मंत्रालय के तहत एक महत्वाकांक्षी अभियान 'देश का स्वास्थ्य परीक्षण' शुरू करने की योजना बनाई है। इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ हाल ही में गोवा में आयोजित 10वें आयुर्वेद दिवस समारोह के दौरान किया गया।
केंद्रीय मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा, "'देश का स्वास्थ्य परीक्षण' केवल एक मूल्यांकन अभियान नहीं है, यह एक जन आंदोलन है जो आयुर्वेद के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।"
इस अभियान का संचालन CCRAS अपने देशव्यापी संस्थानों के नेटवर्क के माध्यम से करेगा। इसके अंतर्गत नागरिकों को स्वास्थ्य संकेतकों की जानकारी दी जाएगी और आयुर्वेद आधारित आहार, जीवनशैली और संतुलन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
अभियान के केंद्र में CCRAS Health Assessment Scale नामक एक प्रमाणित सॉफ्टवेयर उपकरण है, जो शास्त्रीय आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर आधारित संरचित प्रश्नावली के माध्यम से स्वास्थ्य मूल्यांकन करता है।
इस पहल का उद्देश्य जन स्वास्थ्य रुझानों पर जानकारी एकत्र करना और लोगों को निवारक स्वास्थ्य उपायों की दिशा में जागरूक बनाना है। इसमें छात्रों, चिकित्सकों, आयुर्वेदिक संस्थानों और आम जनता की विस्तृत भागीदारी की अपेक्षा की गई है।
यह अभियान भारत सरकार की समग्र कल्याण की दृष्टि और आयुर्वेद के माध्यम से स्थायी स्वास्थ्य समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम है।
भारतीय नौसेना ने 6 अक्टूबर, 2025 को विशाखापत्तनम स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित एक भव्य समारोह में अपने दूसरे पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले जल के युद्धपोत आईएनएस आन्द्रोत को विधिवत कमीशन किया।
आईएनएस आन्द्रोत भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में सशक्त करेगा। यह पोत मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा निर्मित किया गया है।
यह तीन वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली और समुद्री डीजल इंजनों से संचालित होता है, जिससे इसे उच्च गति, चुस्ती और संचालन दक्षता प्राप्त होती है।
आईएनएस आन्द्रोत एक बहुआयामी युद्धपोत है, जो पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ समुद्री निगरानी, खोज एवं बचाव, तटीय सुरक्षा और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों (LIMO) में भी दक्ष है।
इसके जलावतरण ने भारत की आत्मनिर्भर नौसेना और स्वदेशी रक्षा तकनीक के विकास में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
समारोह में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने जहाज के निर्माण की प्रक्रिया, तकनीकी क्षमताओं और उसकी समयबद्ध तैनाती में लगे कमीशनिंग क्रू और GRSE अधिकारियों की सराहना की।
आईएनएस आन्द्रोत का नौसेना में शामिल होना भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूती प्रदान करता है और क्षेत्रीय शांति एवं सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 5-6 अक्टूबर, 2025 को तमिलनाडु के चेन्नई तट पर 27वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (एनओएसडीसीपी) की बैठक और राष्ट्रीय प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (नैटपोलरेक्स) के 10वें संस्करण का सफल आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में 32 देशों से आए 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक और 105 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया। उन्होंने अभ्यास में सक्रिय भागीदारी के साथ-साथ बैठक में सार्थक योगदान दिया।
यह द्विवार्षिक अभ्यास समुद्री तेल रिसाव से प्रभावी निपटने के लिए राष्ट्रीय तैयारियों और अंतर-एजेंसी समन्वय को मजबूत करता है। नैटपोलरेक्स-अभ्यास का एक प्रमुख आकर्षण मरीना बीच पर आयोजित पहला तटीय सफाई अभ्यास था, जिसमें स्थानीय प्रशासन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आदि की संयुक्त भागीदारी रही।
भारतीय तटरक्षक बल ने प्रदूषण नियंत्रण पोत, अपतटीय गश्ती जहाज, तीव्र गश्ती नौका, चेतक हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान जैसी कई समुद्री और हवाई परिसंपत्तियां तैनात कीं, जिससे बहु-एजेंसी सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण पेश हुआ।
तकनीकी सत्रों में तेल रिसाव के पर्यावरणीय प्रभाव, खतरनाक पदार्थों पर केस स्टडी, निगरानी व पुनर्प्राप्ति रणनीतियों जैसे विषयों पर गहन चर्चाएं हुईं, जिनमें पर्यावरण वैज्ञानिक, नीति निर्माता और परिचालन विशेषज्ञ शामिल हुए।
भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष डीजी परमेश शिवमणि ने परिचालन तत्परता, प्रतिक्रिया समन्वय और अंतर-एजेंसी सहयोग की समीक्षा की। केंद्र सरकार, तटीय राज्य सरकारें, प्रमुख बंदरगाह, तेल प्रबंधन एजेंसियां और अन्य समुद्री संगठन इस अभ्यास में सक्रिय रूप से शामिल रहे।
इस अभ्यास ने भारत की समुद्री आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी समुद्री प्रौद्योगिकी और विनिर्माण की वृद्धि को प्रदर्शित किया।
भारतीय तटरक्षक बल को मार्च 1986 से भारत के समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व प्राप्त है। 1993 में अनुमोदित राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (एनओएसडीसीपी) तेल रिसाव से निपटने की तैयारी और प्रतिक्रिया का आधारभूत ढांचा है, जिसके अंतर्गत मुंबई, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर और वाडिनार में प्रदूषण प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित हैं।
भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का लगभग 75% समुद्री मार्ग से तेल के आयात पर निर्भर है, इसलिए एक सशक्त, समन्वित और त्वरित तेल रिसाव प्रतिक्रिया तंत्र का होना राष्ट्रीय रणनीतिक महत्व रखता है।
नैटपोलरेक्स-अभ्यास ने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुनः मजबूत किया और राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया है।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 6 अक्टूबर, 2025 को केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा खडसे के साथ मिलकर सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 'सरदार@150 एकता मार्च' का शुभारंभ किया। यह दो महीने तक चलने वाला राष्ट्रव्यापी अभियान युवाओं में एकता, देशभक्ति और नागरिक जिम्मेदारी की भावना को जगाने के उद्देश्य से 'MY Bharat' के नेतृत्व में संचालित होगा।
डॉ. मांडविया ने युवाओं से सरदार पटेल की विचारधारा और सेवा की भावना को अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया और कहा कि यह मार्च केवल स्मरणोत्सव नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन है जो युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करता है।
अभियान के तीन प्रमुख चरण हैं:
इस अभियान के माध्यम से युवाओं को सरदार पटेल की विरासत, एकता और 'एक भारत, आत्मनिर्भर भारत' के आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अधिक जानकारी और पंजीकरण के लिए MY Bharat पोर्टल उपलब्ध है। डॉ. मांडविया ने सभी से इस ऐतिहासिक अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
6 अक्टूबर 2025 को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने नई दिल्ली में वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए 'ट्रेड वॉच क्वार्टरली' के चौथे संस्करण का शुभारंभ किया। इस रिपोर्ट में भारत के व्यापार प्रदर्शन का व्यापक मूल्यांकन किया गया है जिसमें माल और सेवाओं के रुझान, वैश्विक मांग में बदलाव और निर्यात विविधीकरण की आवश्यकताएं शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के दौरान भारत का कुल व्यापार 441 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.2% बढ़ा। खनिज ईंधन और कार्बनिक रसायनों के निर्यात में गिरावट के बावजूद विद्युत मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और अनाज जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि हुई।
क्षेत्रीय स्तर पर उत्तरी अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना, जिसमें 25% की वृद्धि हुई। वहीं यूरोपीय संघ, जीसीसी और आसियान को निर्यात धीमा रहा। यूएई ने सीईपीए के तहत सोने के प्रवाह के कारण रूस को भारत का दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनने से पीछे छोड़ दिया।
रिपोर्ट में चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र का भी विश्लेषण है, जो 44 लाख लोगों को रोजगार देता है। भारत इस क्षेत्र में वैश्विक बाजार का केवल 1.8% हिस्सा रखता है। वैश्विक मांग टिकाऊ और गैर-चमड़ा उत्पादों की ओर बढ़ रही है, इसलिए भारत को एमएसएमई को मजबूत करना, अनुसंधान एवं विकास में निवेश करना और हरित एवं डिज़ाइन-संचालित मूल्य श्रृंखलाओं में भागीदारी बढ़ाना आवश्यक है।
बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि सेवा निर्यात, एयरोस्पेस और उच्च-मूल्य विनिर्माण क्षेत्र भारत की व्यापार गतिशीलता को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत को वैश्विक मांग के बदलते पैटर्न के साथ तेजी से तालमेल बिठाना होगा, निर्यात में विविधता लानी होगी और भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर कड़ी नजर रखनी होगी।
19 सितंबर 2025 को नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) और इंडो-फ्रेंच चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईएफसीसीआई) ने नई दिल्ली में एक आशय पत्र (एसओआई) पर हस्ताक्षर किए। यह समारोह भारत में फ्रांस के राजदूत श्री थिएरी मथौ की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
यह साझेदारी अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पाठ्यक्रम सुधारने और उद्योग-विद्यालयों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए सीएसआर और कॉर्पोरेट सहयोग जुटाएगी। आईएफसीसीआई अपनी सदस्य कंपनियों के माध्यम से इस पहल को देशभर में आगे बढ़ाएगा, जिससे स्कूलों और वंचित समुदायों पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।
फ्रांस के राजदूत श्री थिएरी मथौ ने भारत-फ्रांस के सामाजिक विकास सहयोग की प्रशंसा की और कहा कि वर्ष 2026 भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष घोषित होगा, जो तकनीकी और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देगा।
नीति आयोग में एआईएम के मिशन निदेशक दीपक बागला ने कहा कि एआईएम ने अब तक 11 मिलियन से अधिक छात्र उद्यमियों को प्रभावित किया है और यह दुनिया के सबसे बड़े जमीनी नवाचार कार्यक्रमों में से एक है। इस साझेदारी से नवाचार-संचालित शिक्षा का विस्तार होगा।
आईएफसीसीआई की महानिदेशक पायल एस. कंवर ने कहा कि यह साझेदारी युवाओं को 21वीं सदी के कौशल से सशक्त करेगी और उद्योग-शिक्षा के बीच की खाई को पाटेगी।
संयुक्त पहल के तहत सरकारी स्कूलों में एटीएल की स्थापना, शिक्षक प्रशिक्षण, नवाचार चुनौतियां और सतत विकास के लिए शिक्षा पर काम किया जाएगा।
यह सहयोग भारत के लिए एक समावेशी, नवाचार-आधारित भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अरुणाचल प्रदेश 6 अक्टूबर, 2025 को एक ऐतिहासिक दिन का गवाह बनेगा, जब राज्य के नामचिक-नामफुक कोयला ब्लॉक में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान का शुभारंभ होगा। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी भूमि पूजन करेंगे, खनन पट्टा सौंपेंगे और खनन उपकरणों को हरी झंडी दिखाएंगे।
यह खदान न केवल ऊर्जा उत्पादन में योगदान देगी, बल्कि अवैध खनन और संसाधनों की बर्बादी पर भी अंकुश लगाएगी। साथ ही यह पारदर्शी और जवाबदेह खनन प्रणाली का प्रतीक बनेगी।
खनन क्षेत्र को जनभागीदारी, पारिस्थितिकी संरक्षण और सामुदायिक जिम्मेदारी के सिद्धांतों पर आधारित बनाया जा रहा है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि खनन गतिविधियों से पर्यावरण को न्यूनतम नुकसान हो और पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत क्षेत्र की हरियाली को बढ़ावा दिया जाए।
यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ईस्ट - सशक्त बनाओ, कार्य करो, रूपांतरित करो विजन के अनुरूप है और पूर्वोत्तर क्षेत्र को अष्टलक्ष्मी के रूप में विकसित भारत के केन्द्र में लाने का प्रतीक है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश और कनेक्टिविटी, उद्योग, गैस ग्रिड, पर्यटन आदि में क्रांतिकारी बदलाव सरकार की विकास प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
यह खदान स्थानीय संसाधनों, नौकरियों और प्रतिभा को केंद्र में रखकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।
05 अक्टूबर, 2025 को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने अलवर के प्रताप बांध में राजस्थान के पहले 'नमो बायोडायवर्सिटी पार्क' का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रतीकात्मक वृक्षारोपण समारोह भी आयोजित किया गया। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री संजय शर्मा भी उपस्थित थे।
‘नमो वन’ नामक यह बायोडायवर्सिटी पार्क पर्यावरणीय दृष्टिकोण से हरित क्षेत्र के रूप में कार्य करेगा, जिससे न केवल स्वच्छ वायु को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आम नागरिकों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
यह पार्क पर्यावरण के प्रति स्थायी और जिम्मेदार जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह प्रयास जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और लोक भागीदारी आधारित संरक्षण मॉडल को दर्शाता है।
राजस्थान के लिए यह पहल हरित बुनियादी ढांचे को विस्तार देने और जैव विविधता की रक्षा के उद्देश्य से एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी भुवनेश्वर में 'नमो सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला' की स्थापना को मंजूरी दी है। यह प्रयोगशाला एमपीएलएडी योजना के तहत 4.95 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की जाएगी।
यह प्रयोगशाला सेमीकंडक्टर प्रशिक्षण, डिजाइन और निर्माण के लिए आवश्यक आधुनिक उपकरणों और सॉफ्टवेयर से सुसज्जित होगी। इससे भारत के चिप मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग यूनिट्स के लिए एक मजबूत प्रतिभा पूल तैयार किया जाएगा।
भारत वैश्विक चिप डिज़ाइन प्रतिभा का 20% योगदान देता है और देशभर के 295 विश्वविद्यालयों में छात्र उद्योग-प्रस्तुत ईडीए टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। 20 संस्थानों के 28 छात्रों द्वारा डिज़ाइन किए गए चिप्स एससीएल मोहाली में प्रदर्शित भी किए जा चुके हैं।
IIT भुवनेश्वर का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि वहां पहले से ही सिलिकॉन कार्बाइड अनुसंधान और नवाचार केंद्र मौजूद है। यह नई प्रयोगशाला मौजूदा क्लीनरूम सुविधाओं को और बेहतर बनाएगी, जिससे भारत का सेमीकंडक्टर अनुसंधान आधार और मजबूत होगा।
यह पहल भारत के तेजी से उभरते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए एक उत्प्रेरक सिद्ध होगी और डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और ठोस कदम मानी जाएगी।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 अक्टूबर, 2025 को पटना के गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में आयोजित मखाना महोत्सव 2025 में भाग लिया और "मखाना संस्कृति से समृद्धि" रिपोर्ट का विमोचन किया।
अपने संबोधन में श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के युवाओं को 64,000 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक सौगात दी गई है। मंत्री ने कहा, "बिहार में बदरा बरस रहा है और विकास की बरसात हो रही है, आज विकसित भारत का सूरज बिहार के भाग्य पर चमक रहा है।"
केंद्रीय मंत्री ने किसानों के लिए हाल ही में घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ोतरी का भी उल्लेख किया और कहा कि मसूर, उड़द और अरहर सहित बिहार के किसान जितना उत्पादन करेंगे, केंद्र सरकार उसे MSP पर खरीदेगी।
श्री चौहान ने मखाने को गरीबों के लिए "अद्भुत वरदान" बताते हुए कहा कि बिहार आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी मखाना उत्पादन का केंद्र बन चुका है। उन्होंने बताया कि मखाना उत्पादन क्षेत्र पहले 3,000 हेक्टेयर था जो अब बढ़कर 35,000-40,000 हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
केंद्र सरकार ने मखाना उत्पादन और विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए मखाना बोर्ड गठित करने की अधिसूचना जारी की है, जो अनुसंधान, विकास, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और प्रोमोशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मखाना प्रसंस्करण और नई किस्मों के विकास के लिए लगभग 475 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।
श्री चौहान ने बिहार के युवाओं से मखाना क्षेत्र में स्टार्टअप्स स्थापित करने की अपील की और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि मखाना भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की डाइनिंग टेबल तक पहुँचे और किसानों की आय में निरंतर वृद्धि हो।"
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 4 अक्टूबर, 2025 को गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में राज्य के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई, डीएफएस के सचिव श्री एम. नागराजू, आरबीआई, IRDAI, SEBI, PFRDA के अधिकारी और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह अभियान एक सरल लेकिन शक्तिशाली संदेश देता है कि नागरिकों की बचाई गई प्रत्येक रकम उन्हें या उनके परिवार को वापस मिलनी चाहिए। उन्होंने अदावाकृत जमा राशि, बीमा, लाभांश, म्यूचुअल फंड और पेंशन को केवल कागजी प्रविष्टि नहीं, बल्कि आम परिवारों की मेहनत से कमाई गई बचत बताया।
श्रीमती सीतारमण ने इस अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में “3ए” – जागरूकता, पहुंच और कार्रवाई की महत्ता पर बल दिया। जागरूकता से हर नागरिक और समुदाय लावारिस संपत्तियों के बारे में सूचित होगा, पहुंच से डिजिटल उपकरण और जिला-स्तरीय सुविधा सुनिश्चित होगी, और कार्रवाई समयबद्ध, पारदर्शी दावों के निपटान को बढ़ावा देगी।
उन्होंने केवाईसी और पुनः-केवाईसी अभियानों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की भूमिका की सराहना की और कहा कि इन प्रयासों ने नागरिकों और वित्तीय प्रणाली के बीच भरोसे को मजबूत किया है। वित्त मंत्री ने सभी संबंधित संस्थाओं से आग्रह किया कि वे इस पहल में समर्पण और पहुंच बनाए रखें ताकि कोई भी नागरिक अपने वैध धन से वंचित न रहे।
गुजरात के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि गुजरात से इस अभियान की शुरुआत राज्य के लिए गर्व की बात है और उन्होंने इसके सफल क्रियान्वयन का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृह मंत्री और गांधीनगर के सांसद श्री अमित शाह ने भी इस अभियान की प्रशंसा करते हुए इसे जनता के विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण को मजबूत करने की दिशा में सामूहिक प्रयास बताया।
वित्तीय सेवा सचिव श्री एम. नागराजू ने बताया कि अगस्त 2025 तक 75,000 करोड़ रुपये से अधिक की दावा रहित जमा राशि आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष में स्थानांतरित की जा चुकी है। दावा न की गई बीमा राशि 13,800 करोड़ रुपये से अधिक, म्यूचुअल फंड में लगभग 3,000 करोड़ रुपये और अवैतनिक लाभांश 9,000 करोड़ रुपये से अधिक हैं।
उन्होंने कहा कि दावों का निपटान शीघ्र, निष्पक्ष और बाधारहित तरीके से किया जाना चाहिए ताकि नागरिक स्पष्टता और विश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्य को पूरा करना है।
यह अभियान अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जिलों को कवर करेगा। डिजिटल प्रदर्शन और हेल्पडेस्क के माध्यम से नागरिकों को अदावाकृत संपत्तियों का पता लगाने और दावों में सहायता दी जाएगी।
यह पहल वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के नेतृत्व में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), SEBI, IRDAI, PFRDA और निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) के सहयोग से चलायी जाएगी, जो बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और पेंशन संस्थानों को एक साझा मंच प्रदान करती है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 4 अक्टूबर 2025 को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक महोत्सव बस्तर दशहरा महोत्सव को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजन भी किया। महोत्सव में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री डॉ. विजय शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि बस्तर दशहरा मेला आदिवासी समाज, बस्तर, छत्तीसगढ़ और पूरे विश्व के लिए एक अनूठा सांस्कृतिक उत्सव है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के कारण बस्तर क्षेत्र विकास से वंचित रहा है। उन्होंने मोदी सरकार की ओर से भरोसा दिया कि 31 मार्च 2026 के बाद नक्सलवादी बस्तर के विकास और लोगों के अधिकारों को नहीं रोक पाएंगे।
श्री शाह ने बस्तर की जनता से अपील की कि वे नक्सलवाद से भटक गए बच्चों को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने और बस्तर के विकास में भाग लेने के लिए समझाएं। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में 500 से अधिक नक्सली सरेंडर कर चुके हैं और सरकार ने बेहतर सरेंडर नीति बनाई है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई हथियार लेकर शांति भंग करने का प्रयास करेगा तो सुरक्षा बल मिलकर इसका माकूल जवाब देंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में लगभग 4 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है। उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं लघु उद्योगों का विकास तेज़ी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर का दशहरा, खानपान, वेशभूषा, कला और वाद्य यंत्र पूरी दुनिया में आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं।
आयुष मंत्रालय ने 2 अक्टूबर, 2025 को राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 प्रदान किए। इस वर्ष यह सम्मान प्रो. बनवारी लाल गौर, वैद्य नीलकंधन मूस ई.टी. और वैद्य भावना पराशर को उनके शैक्षणिक, पारंपरिक एवं वैज्ञानिक योगदानों के लिए दिया गया।
प्रो. बनवारी लाल गौर को आयुर्वेदिक शिक्षा और संस्कृत साहित्य में छह दशकों से अधिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। वे 31 पुस्तकों और 300 से अधिक अकादमिक कृतियों के लेखक हैं।
वैद्य नीलकंधन मूस ई.टी., वैद्यरत्नम समूह के प्रमुख हैं और केरल की 200 वर्ष पुरानी चिकित्सा परंपरा के संरक्षक माने जाते हैं। उन्होंने पंचकर्म और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
वैद्य भावना पराशर को आयुर्जेनोमिक्स में अग्रणी अनुसंधान कार्य के लिए सम्मानित किया गया है, जिसमें उन्होंने त्रिदोष और प्रकृति जैसे आयुर्वेदिक सिद्धांतों को जीनोमिक्स और एआई/एमएल से जोड़ा।
यह पुरस्कार आयुर्वेद के तीन प्रमुख स्तंभों — शास्त्रीय विद्वता, पारंपरिक चिकित्सा, और वैज्ञानिक नवाचार — का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में उत्कृष्टता के लिए सर्वोच्च सम्मानों में से एक हैं और आयुर्वेद को वैश्विक स्वास्थ्य मंच पर आगे लाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 'माई भारत राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी' के विजेताओं का 2 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली में स्वागत किया। ये युवा 26 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक सियाचिन बेस कैंप की यात्रा कर लौटे थे।
सियाचिन यात्रा के दौरान, प्रतिभागियों ने न सिर्फ विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र की कठिन परिस्थितियों को देखा, बल्कि भारतीय सेना के अनुशासन और साहस से भी प्रेरित हुए।
एक युवा प्रतिभागी ने इसे "जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव" बताया। प्रतिभागी मानस मोंडल ने कहा, "मैं अपने राष्ट्र के प्रति दायित्व की भावना और अनुशासन का मूल्य समझकर लौटा हूं, जिसे मैं अपने साथियों तक भी पहुँचाऊँगा।"
डॉ. मांडविया ने युवाओं के सेवा-भाव, कर्तव्यबोध और देशप्रेम की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा, "आपको इस यात्रा के अनुभव और सीख का संदेश इस देश के युवाओं तक पहुँचाना चाहिए।"
इस अवसर पर, युवाओं ने राष्ट्रीय गौरव और विकसित भारत के निर्माण में योगदान का संकल्प लिया और 'माई भारत' अभियान के साथ सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में जुड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई।
केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 'माई भारत राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी' के विजेताओं का 2 अक्टूबर, 2025 को नई दिल्ली में स्वागत किया। ये युवा 26 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक सियाचिन बेस कैंप की यात्रा कर लौटे थे।
सियाचिन यात्रा के दौरान, प्रतिभागियों ने न सिर्फ विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र की कठिन परिस्थितियों को देखा, बल्कि भारतीय सेना के अनुशासन और साहस से भी प्रेरित हुए।
एक युवा प्रतिभागी ने इसे "जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तनकारी अनुभव" बताया। प्रतिभागी मानस मोंडल ने कहा, "मैं अपने राष्ट्र के प्रति दायित्व की भावना और अनुशासन का मूल्य समझकर लौटा हूं, जिसे मैं अपने साथियों तक भी पहुँचाऊँगा।"
डॉ. मांडविया ने युवाओं के सेवा-भाव, कर्तव्यबोध और देशप्रेम की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा, "आपको इस यात्रा के अनुभव और सीख का संदेश इस देश के युवाओं तक पहुँचाना चाहिए।"
इस अवसर पर, युवाओं ने राष्ट्रीय गौरव और विकसित भारत के निर्माण में योगदान का संकल्प लिया और 'माई भारत' अभियान के साथ सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में जुड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई।
भारतीय नौसेना का विशेष हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण पोत आईएनएस सतलुज 29 सितंबर, 2025 को मॉरीशस के पोर्ट लुईस पहुंचा, जहां वह 18वें संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण मिशन में भाग लेगा।
यह मिशन हाइड्रोग्राफी पर दीर्घकालिक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिस पर वर्ष 2025 की शुरुआत में भारत और मॉरीशस के बीच 14वीं संयुक्त समिति बैठक में सहमति बनी थी।
भारतीय और मॉरीशस अधिकारियों के बीच यह साझा हाइड्रोग्राफिक प्रयास समुद्री मानचित्रण, सुरक्षित नौवहन और वैज्ञानिक डेटा संग्रहण के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करेगा।
इसके अतिरिक्त, मॉरीशस के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों को जल सर्वेक्षण डेटा संग्रह और प्रोसेसिंग में ऑनबोर्ड प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जो क्षमता निर्माण का एक महत्वपूर्ण भाग है।
आईएनएस सतलुज की यह तैनाती भारत और मॉरीशस के बीच गहन समुद्री सहयोग की पुष्टि करती है, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में नौवहन सुरक्षा, संसाधन प्रबंधन और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाना है।
सेवा पर्व 2025 के अंतर्गत भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा देशभर में 'विकसित भारत के रंग, कला के संग' विषय पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह महोत्सव 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सेवा, नवाचार और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को एक मंच प्रदान करना है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (NEZCC) द्वारा राजीव गांधी विश्वविद्यालय, दोईमुख (अरुणाचल प्रदेश) के सहयोग से 1 अक्टूबर को चित्रकला प्रदर्शनी एवं पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया। इसमें छात्रों ने विकसित भारत की अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में प्रो. एस.के. नायक (कुलपति), श्रीमती ममता रीबा, IAS (सचिव, कला एवं संस्कृति विभाग), डॉ. एन.टी. रिकम (कुलसचिव) और प्रो. उत्तम कुमार पेगु (डीन, दृश्य एवं प्रदर्शन कला संकाय) शामिल हुए। उन्होंने युवाओं के नवाचार, दृष्टिकोण और सांस्कृतिक योगदान की सराहना की।
नागरिक https://amritkaal.nic.in/sewa-parv सेवा पर्व पोर्टल के माध्यम से अपनी कलाकृतियाँ, कविताएँ, फोटोग्राफ्स आदि अपलोड कर सकते हैं। पोर्टल पर ब्रांडिंग मटेरियल और गाइडलाइंस भी उपलब्ध हैं।
देशभर के 75 चिन्हित स्थानों पर चित्रकला कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिससे कला के माध्यम से सामाजिक जुड़ाव को प्रोत्साहित किया जा सके।
यह पहल केवल कला महोत्सव नहीं बल्कि विकसित भारत @2047 के विजन में युवाओं की सृजनात्मक भूमिका को रेखांकित करती है।
सेवा पर्व 2025 के इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रचनात्मकता और सांस्कृतिक दृष्टिकोण, सामाजिक परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण के सशक्त माध्यम हो सकते हैं।
1 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने माई भारत मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ नई दिल्ली में किया। यह ऐप युवा कार्यक्रम विभाग (DOYA) और डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन (DIC) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य है देशभर के युवाओं को नेतृत्व, स्वयंसेवा, इंटर्नशिप और करियर विकास जैसे अवसरों से जोड़ना।
लॉन्च इवेंट के दौरान डॉ. मांडविया ने कहा, “माई भारत मोबाइल ऐप के माध्यम से युवा अब कहीं भी, कभी भी स्वयंसेवा, इंटर्नशिप, करियर मार्गदर्शन और राष्ट्रीय अभियानों में भागीदारी जैसे विकल्पों तक पहुंच सकते हैं। यह ऐप रियल टाइम कनेक्टिविटी और डिजिटल सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण है।”
ऐप की प्रमुख विशेषताएं:
अब यह ऐप कॉमन सर्विस सेंटरों के ज़रिए देश के सबसे दूरदराज़ हिस्सों तक पहुंचेगा, जिससे डिजिटल समावेशन और युवा सशक्तिकरण के उद्देश्य को मजबूती मिलेगी।
माई भारत प्लेटफॉर्म को ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत शुरू किया गया था और यह अब भारत का सबसे बड़ा युवा-केंद्रित डिजिटल नेटवर्क बन चुका है।
यह ऐप न केवल एक तकनीकी नवाचार है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने और डिजिटल इंडिया के विज़न को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
2 अक्टूबर 2025 से भारतीय रेलवे में विशेष अभियान 5.0 की शुरुआत होने जा रही है, जिसे लेकर रेल मंत्रालय द्वारा सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। यह राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता, दक्षता, पारदर्शिता और जन सेवा को प्रोत्साहित करने हेतु शुरू किया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य केवल भौतिक स्वच्छता ही नहीं है, बल्कि ई-गवर्नेंस, कार्य दक्षता, फाइल प्रबंधन और जन उत्तरदायित्व में सुधार लाना भी है। ‘अपशिष्ट से धन’ (Waste to Wealth) की अवधारणा को लागू करते हुए रेलवे कबाड़ से आय भी सृजित करेगा।
इस क्रम में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने सभी ज़ोन के महाप्रबंधकों को निर्देश दिया है कि वे अभियान की प्रगति पर व्यक्तिगत रूप से निगरानी रखें और सुनिश्चित करें कि किसी स्तर पर लापरवाही न हो।
अभियान के दौरान ‘अमृत संवाद’ जैसे आयोजन होंगे, जिनमें आम नागरिकों को स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन, ई-कचरा निपटान और जनभागीदारी जैसे विषयों पर जागरूक किया जाएगा। ये आयोजन 105 अमृत भारत स्टेशन परियोजना के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर किए जाएंगे।
रेल मंत्रालय ने बताया है कि सोशल मीडिया, प्रेस विज्ञप्तियों और स्थानीय मीडिया चैनलों के माध्यम से अभियान की प्रगति, सफलताएँ और आंकड़े आम जनता के सामने लाए जाएंगे, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जन सहयोग को प्रोत्साहन मिले।
यह पहल डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, ई-वेस्ट मैनेजमेंट और प्रशासनिक दक्षता जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ समन्वित रूप से काम करती है। इससे भारतीय रेलवे को एक आधुनिक, स्वच्छ और उत्तरदायी प्रशासनिक संस्था के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत वैश्विक मंच पर एक और उपलब्धि दर्ज करते हुए, पैसिफिक रीच अभ्यास (XPR-25) में अपनी पनडुब्बी बचाव क्षमता का सफल प्रदर्शन किया। यह अभ्यास 15 से 25 सितंबर 2025सिंगापुर में आयोजित किया गया, जिसमें 40 से अधिक देशों ने भाग लिया।
INS निस्तार पर सवार पनडुब्बी बचाव इकाई (पूर्व) ने तीन दिन तक लगातार उच्च स्तर के मेटिंग ऑपरेशनों को अंजाम दिया। DSRV टाइगर X ने पहली बार दक्षिण कोरिया की पनडुब्बी शिन डोल-सियोक और सिंगापुर की आरएसएस इनविंसिबल से समुद्र में सटीक मेटिंग की। यह भारत की पनडुब्बी बचाव इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
25 सितंबर को हुए समापन समारोह में भारत ने पहली बार R3 परिसंपत्तियों (रेस्क्यू, रिकवरी और रैपिड रेस्पॉन्स) के माध्यम से समन्वित बचाव अभियान का नेतृत्व किया। INS निस्तार इस पूरे मिशन का संचालनकर्ता रहा, जिससे भारत की तकनीकी दक्षता और सामरिक कौशल उजागर हुआ।
भारत की DSRV प्रणाली — जो गहरे समुद्र में पनडुब्बी बचाव के लिए डिज़ाइन की गई है — ने इस अभ्यास में रियल-टाइम इंटरऑपरेबिलिटी, तेज मेटिंग क्षमता और वैश्विक बचाव मानकों को सिद्ध किया।
इस सफलता ने भारत को पनडुब्बी बचाव सहयोग में एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में स्थापित किया है और देश की Blue Water Navy बनने की दिशा को और अधिक मजबूती दी है।
2 अक्टूबर को न केवल भारत में गांधी जयंती के रूप में बल्कि पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिवस महात्मा गांधी के सिद्धांतों और उनके अहिंसक आंदोलनों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2007 में इस दिन को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया था।
गांधीजी के दर्शन केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि आज की वैश्विक चुनौतियों – जैसे आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, असमानता – से निपटने के लिए मार्गदर्शक हैं।
महात्मा गांधी से प्रेरित होकर विश्वभर में अनेक स्मारक, जयंती समारोह और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं — जैसे अमेरिका में कांस्य प्रतिमा, बेल्जियम में मूर्ति, स्पेन, सर्बिया, स्विट्जरलैंड, कजाखस्तान आदि में स्मरणोत्सव।
भारत सरकार भी उनके दर्शन पर आधारित योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, स्वयं सहायता समूह योजना, स्वामित्व योजना, खादी ग्रामोद्योग, पीएम जुगा, और मनरेगा के माध्यम से उनके विचारों को साकार कर रही है।
2024 में प्रधानमंत्री द्वारा ‘पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ का शुभारंभ भी गांधी जयंती के दिन किया गया, जो आदिवासी समुदायों के समग्र विकास की दिशा में एक बड़ी पहल है।
गांधीजी की विरासत को सम्मानित करने हेतु 2024 में ‘गांधी दर्शन’ में एक विशेष रेल डिब्बा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया, जो उनके जीवन और यात्राओं का प्रतीक है।
इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस सिर्फ एक स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य के लिए शांति, करुणा और नैतिक नेतृत्व का संदेश है।
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण 4 अक्टूबर, 2025 को गांधीनगर, गुजरात से "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" नामक तीन महीने के राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान का शुभारंभ करेंगी। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को बिना दावे वाली वित्तीय संपत्तियों के प्रति जागरूक करना है।
यह अभियान वित्तीय सेवा विभाग के नेतृत्व में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI), भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI), और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) के सहयोग से चलाया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य उन नागरिकों की मदद करना है जिनकी बीमा पॉलिसी, बैंक खाते, म्यूचुअल फंड या शेयरों से जुड़ी संपत्तियां जागरूकता की कमी या पुराने रिकॉर्ड के कारण बिना दावे की पड़ी हैं।
डिजिटल साधनों के जरिए चरणबद्ध प्रक्रिया समझाई जाएगी, जिससे लोग आसानी से अपनी पूंजी का दावा कर सकें। इसके अलावा, स्टेप-बाय-स्टेप गाइड, एफएक्यू और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
अभियान के अंतर्गत एक विशेष वित्तीय समावेशन प्रदर्शनी भी आयोजित होगी, जिसमें बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और पेंशन फर्मों के स्टॉल होंगे, जो लोगों को ऑन-स्पॉट मदद और जानकारी देंगे।
भारत सरकार की यह पहल नागरिकों को उनकी आर्थिक संपत्तियों के प्रति जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।