मौर्य साम्राज्य: एक परिचय
मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व) भारत का पहला विशाल साम्राज्य था जिसने लगभग संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया। इस साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी और इसने भारत को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक सूत्र में बांधा। मौर्य साम्राज्य अपनी कुशल प्रशासनिक व्यवस्था, विशाल सेना और आर्थिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था।
मौर्य साम्राज्य: महत्वपूर्ण तथ्य
काल: 322-185 ईसा पूर्व
क्षेत्र: अफगानिस्तान से बंगाल तक
संस्थापक: चंद्रगुप्त मौर्य
मंत्री: चाणक्य (कौटिल्य)
ग्रंथ: अर्थशास्त्र, इंडिका
मौर्य साम्राज्य का विस्तार
मौर्य साम्राज्य का क्षेत्रीय विस्तार
महत्वपूर्ण तथ्य
- 50 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र
- पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) राजधानी
- 4 प्रांतों में विभाजित: उत्तरापथ, दक्षिणापथ, प्राची, अवन्ति
- सेल्यूकस से संधि के बाद कंधार, हेरात और काबुल प्राप्त
- कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) के बाद कलिंग का विलय
मौर्य शासकों का कालक्रम
चंद्रगुप्त मौर्य
322-298 ई.पू.
संस्थापक
बिन्दुसार
298-273 ई.पू.
विस्तारक
अशोक
273-232 ई.पू.
महान सम्राट
कमजोर उत्तराधिकारी
232-185 ई.पू.
पतन काल
चंद्रगुप्त मौर्य (322-298 ई.पू.)
- नंद वंश का अंत और मौर्य साम्राज्य की स्थापना
- चाणक्य (कौटिल्य) के मार्गदर्शन में शासन
- सेल्यूकस को पराजित कर संधि
- मेगस्थनीज का भारत आगमन
- जैन धर्म अपनाकर संथारा द्वारा मृत्यु
बिन्दुसार (298-273 ई.पू.)
- चंद्रगुप्त मौर्य का पुत्र और उत्तराधिकारी
- दक्षिण भारत में साम्राज्य का विस्तार
- 'अमित्रघात' (शत्रुओं का विनाशक) की उपाधि
- सीरिया के राजा एंटियोकस के साथ राजदूतों का आदान-प्रदान
- अशोक को उज्जैन का राज्यपाल नियुक्त किया
अशोक (273-232 ई.पू.)
- कलिंग युद्ध (261 ई.पू.) के बाद धम्म की नीति
- बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार
- शिलालेखों के माध्यम से प्रशासन
- धर्म महामात्रों की नियुक्ति
- विश्व का प्रथम सम्राट जिसने अहिंसा की नीति अपनाई
चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य
चंद्रगुप्त मौर्य की उपलब्धियाँ
- साम्राज्य स्थापना: नंद वंश का अंत
- विदेशी शक्ति: यूनानी शासक सेल्यूकस की पराजय
- प्रशासन: केंद्रीकृत प्रशासनिक व्यवस्था
- राजधानी: पाटलिपुत्र का विकास
- सेना: 6 लाख पैदल, 30 हज़ार घुड़सवार, 9 हज़ार हाथी
- जैन धर्म: अंतिम दिनों में जैन धर्म अपनाया
चाणक्य (कौटिल्य) का योगदान
- अर्थशास्त्र: राजनीति और अर्थव्यवस्था पर ग्रंथ
- सप्तांग सिद्धांत: राज्य के सात अंगों का सिद्धांत
- गुप्तचर व्यवस्था: जासूसी तंत्र की स्थापना
- मंत्रीपरिषद: मंत्रियों की नियुक्ति और कार्य
- कर व्यवस्था: राजस्व संग्रह की व्यवस्था
- मौर्य साम्राज्य: संस्थापक और मार्गदर्शक
चंद्रगुप्त-सेल्यूकस संधि (305 ई.पू.)
- सेल्यूकस ने चंद्रगुप्त को कंधार, हेरात और काबुल के प्रदेश दिए
- चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए
- सेल्यूकस ने अपने राजदूत मेगस्थनीज को चंद्रगुप्त के दरबार में भेजा
- चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस की पुत्री हेलेना से विवाह किया
- इस संधि के बाद भारत और यूनान के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान शुरू हुआ
अशोक महान: कलिंग युद्ध और धम्म
कलिंग युद्ध (261 ई.पू.)
युद्ध के प्रभाव
- अशोक ने युद्ध का त्याग किया
- बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार शुरू किया
- धम्म महामात्रों की नियुक्ति की
- शिलालेखों के माध्यम से जनता को संदेश दिए
- मानव और पशु कल्याण के कार्य शुरू किए
अशोक का धम्म
धम्म के सिद्धांत
- माता-पिता की सेवा
- गुरुओं का सम्मान
- दासों और सेवकों के साथ दया का व्यवहार
- सभी जीवों के प्रति दया
- अल्प व्यय और अल्प संग्रह
अशोक के अभिलेख
अशोक ने अपने संदेशों को पत्थरों और स्तंभों पर उत्कीर्ण करवाया। ये अभिलेख प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में हैं।
अभिलेख प्रकार | संख्या | भाषा/लिपि | महत्वपूर्ण स्थल |
---|---|---|---|
शिलालेख | 14 | प्राकृत/ब्राह्मी | गिरनार, कालसी, धौली |
स्तंभलेख | 7 | प्राकृत/ब्राह्मी | दिल्ली-मेरठ, लौरिया नंदनगढ़ |
गुहालेख | 3 | प्राकृत/ब्राह्मी | बराबर की गुफाएँ |
लघु शिलालेख | कई | प्राकृत/ब्राह्मी | सासाराम, रूपनाथ |
सारनाथ स्तंभ
- चार सिंहों वाली राजचिह्न
- धर्मचक्र प्रवर्तन की मुद्रा
- भारत का राष्ट्रीय चिह्न
- अशोक चक्र भारतीय ध्वज में
- बौद्ध धर्म का प्रतीक
वैशाली स्तंभ
- एकल सिंह शीर्ष
- उत्कृष्ट पॉलिश
- लौह स्तंभ प्रौद्योगिकी
- बिना जंग के हज़ारों वर्ष
- प्राचीन भारतीय धातु विज्ञान
दिल्ली-मेरठ स्तंभ
- फिरोजशाह तुगलक द्वारा स्थानांतरित
- छह शिलालेख
- धम्म की व्याख्या
- प्रशासनिक आदेश
- सामाजिक नैतिकता
मौर्य प्रशासनिक व्यवस्था
केंद्रीय प्रशासन
प्रशासनिक विशेषताएँ
- केंद्रीकृत शासन व्यवस्था
- सप्तांग सिद्धांत का पालन
- नगर और ग्राम प्रशासन
- न्यायिक व्यवस्था
- सेना और कर व्यवस्था
प्रांतीय प्रशासन
- उत्तरापथ: तक्षशिला (उत्तर-पश्चिम)
- दक्षिणापथ: सुवर्णगिरि (दक्षिण)
- प्राची: पाटलिपुत्र (पूर्व)
- अवन्ति: उज्जैन (मध्य)
- कलिंग: तोसली (पूर्वी तट)
- राज्यपाल: कुमार या आर्यपुत्र
नगर प्रशासन
- नगर परिषद: 30 सदस्यों की समिति
- 6 समितियाँ: उद्योग, विदेशी, जन्म-मृत्यु
- पाटलिपुत्र: 6 समितियाँ, 30 सदस्य
- नगर आयुक्त: नगर प्रशासन का प्रमुख
- सार्वजनिक works: सड़कें, कुँए, धर्मशालाएँ
- स्वच्छता: नालियाँ और सफाई व्यवस्था
आर्थिक व्यवस्था
कृषि और उद्योग
आर्थिक विशेषताएँ
- सिंचाई के लिए नहरें और तालाब
- राज्य की भूमि पर कृषि
- सोना, चांदी, तांबा, लोहा खनन
- मसाले, रत्न, मोती का व्यापार
- रोम, यूनान, चीन के साथ व्यापार
अर्थशास्त्र के अनुसार कर व्यवस्था
- भाग: उपज का 1/6 से 1/4 भाग
- बलि: विशेष कर
- कर: व्यापार और उद्योग पर कर
- प्रणय: आपातकालीन कर
- व्याजी: ब्याज और लाभ
- पार्श्व: सीमा शुल्क
- राष्ट्र: आयात-निर्यात कर
सामाजिक और धार्मिक जीवन
सामाजिक व्यवस्था
- वर्ण व्यवस्था: ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र
- परिवार: संयुक्त परिवार प्रथा
- स्त्री स्थिति: सम्मानजनक स्थिति
- शिक्षा: तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला
- मनोरंजन: नृत्य, संगीत, नाटक
- वस्त्र: सूती, रेशमी, ऊनी वस्त्र
धार्मिक स्थिति
- ब्राह्मण धर्म: वैदिक धर्म का प्रचलन
- बौद्ध धर्म: अशोक के समय में प्रसार
- जैन धर्म: चंद्रगुप्त द्वारा अपनाया गया
- अजीविक: मक्खलि गोशाल का संप्रदाय
- धर्म सहिष्णुता: सभी धर्मों को सम्मान
- अशोक का धम्म: नैतिकता और मानवता का धर्म
कला और स्थापत्य
स्तूप
साँची, भरहुत, अमरावती के स्तूप
गुफाएँ
बराबर और नागार्जुनि की गुफाएँ
स्तंभ
अशोक स्तंभ - पॉलिश किए गए पत्थर
महल
पाटलिपुत्र में लकड़ी के महल
मौर्य कला की विशेषताएँ
कलात्मक उपलब्धियाँ
- स्तंभों पर उत्कृष्ट पॉलिश
- पशु शीर्षों की यथार्थवादी नक्काशी
- स्तूपों का निर्माण और सजावट
- गुफाओं में विहारों का निर्माण
- मूर्तिकला में ग्रीक प्रभाव
मौर्य साम्राज्य का पतन
पतन के कारण
अन्य कारण
- प्रांतीय शासकों का विद्रोह
- विदेशी आक्रमणों का खतरा
- आंतरिक षड्यंत्र और गुटबंदी
- प्रशासनिक अक्षमता
- आर्थिक असमानता
मौर्य साम्राज्य का अंत
- अंतिम शासक: बृहद्रथ
- हत्यारा: पुष्यमित्र शुंग (सेनापति)
- समय: 185 ईसा पूर्व
- परिणाम: शुंग वंश की स्थापना
- विरासत: भारत की प्रथम साम्राज्यवादी शक्ति
मौर्य साम्राज्य: परीक्षा उपयोगी तथ्य
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य और आँकड़े:
महत्वपूर्ण तथ्य
काल: 322-185 ईसा पूर्व
संस्थापक: चंद्रगुप्त मौर्य
ग्रंथ: अर्थशास्त्र (कौटिल्य), इंडिका (मेगस्थनीज)
राजधानी: पाटलिपुत्र
विरासत: अशोक स्तंभ, स्तूप, गुफाएँ