राजस्थान का इतिहास
राजस्थान का इतिहास वीरता, शौर्य और संस्कृति की अद्भुत गाथा है। राजपूताना के रूप में विख्यात इस प्रदेश का इतिहास प्राचीन काल से लेकर आधुनिक काल तक फैला हुआ है। इस पृष्ठ पर आप राजस्थान के इतिहास के सभी महत्वपूर्ण कालखंडों, ऐतिहासिक स्थलों, प्रमुख शासकों, स्वतंत्रता संग्राम और एकीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Rajasthan History Complete Notes
राजस्थान के इतिहास को इस तरह बांटा गया है, अत: आप अपनी सुविधानुसार अध्ययन कर सकते हैं -
प्राचीन राजस्थान
प्राचीन राजस्थान भारत का ऐतिहासिक क्षेत्र है, जिसका काल लगभग 6वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक माना जाता है। इस दौर में राजपूत राजवंशों का उदय हुआ, जिन्होंने चित्तौड़गढ़, रणथंभौर और आमेर जैसे किलों का निर्माण किया। यह युग वीरता, कला और संस्कृति का प्रतीक था।
मध्यकालीन राजस्थान
मध्यकालीन राजस्थान का काल लगभग 13वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक माना जाता है। इस समय दिल्ली सल्तनत और मुगलों के साथ लगातार संघर्ष हुए। मेवाड़ के राणा प्रताप और जोधपुर के राठौड़ शासकों ने वीरता दिखाई। इस काल में राजस्थानी कला, वास्तुकला और साहित्य फला-फूला।
मुगल कालीन राजस्थान
मुगल कालीन राजस्थान (लगभग 16वीं से 18वीं शताब्दी) में राजपूतों और मुगलों के बीच संबंधों ने इतिहास को नया मोड़ दिया। अकबर ने आमेर के राजा मानसिंह से संधि कर राजपूत-मुगल संबंध मजबूत किए। कई राजपूत शासक मुगल दरबार में उच्च पदों पर रहे, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ा।
ब्रिटिश कालीन राजस्थान
ब्रिटिश कालीन राजस्थान (लगभग 19वीं शताब्दी से 1947 तक) में राजस्थान को "राजपूताना" नाम से जाना जाता था। यह क्षेत्र कई रियासतों में बँटा हुआ था, जिनमें जयपुर, जोधपुर, उदयपुर प्रमुख थे। अंग्रेजों ने इन रियासतों से संधियाँ कीं और उन्हें परोक्ष रूप से शासित किया। इस काल में रेलवे, डाक व्यवस्था और शिक्षा की शुरुआत हुई, लेकिन राजनीतिक स्वतंत्रता सीमित रही। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद राजपूताना का एकीकरण हुआ और आधुनिक राजस्थान की नींव पड़ी।
स्वतंत्रता संग्राम
राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम भी भारत के संघर्ष का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। 1857 की क्रांति में कोटा, बूँदी और करौली जैसे क्षेत्रों ने सक्रिय भाग लिया। ठाकुर केसरीसिंह बारहठ, जसवंत सिंह, अरुणा आसफ़ अली, और माणिक्यलाल वर्मा जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेज़ों के खिलाफ आंदोलन चलाए।
राजस्थान एकीकरण
राजस्थान एकीकरण स्वतंत्रता के बाद एक जटिल लेकिन ऐतिहासिक प्रक्रिया थी, जो 1948 से 1956 तक चली। तत्कालीन राजपूताना में 19 बड़ी और कई छोटी रियासतें थीं, जैसे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर आदि, जिन्हें भारतीय गणराज्य में मिलाना एक बड़ी चुनौती थी।
राजस्थान प्रमुख शासक
राजस्थान के प्रमुख शासक जिन्होंने इतिहास में वीरता, कुशल शासन और सांस्कृतिक विकास के लिए नाम कमाया, उनमें से कुछ प्रमुख हैं:
राजस्थान संस्कृति एवं कला
राजस्थान की संस्कृति एवं कला इसकी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत, राजपूत परंपराओं और लोक जीवन का जीवंत प्रतिबिंब हैं। यहाँ की संस्कृति रंग, संगीत, नृत्य, स्थापत्य और हस्तकला में बसी हुई है।
राजस्थान ऐतिहासिक स्थल
राजस्थान के ऐतिहासिक स्थल न केवल स्थापत्य और कला का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं, बल्कि यह हमें भारतीय इतिहास और संस्कृति की गहराई से रूबरू कराते हैं।
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राजस्थान इतिहास की समयरेखा
प्राचीन काल (3000 ईसा पूर्व - 1200 ईस्वी)
सिंधु घाटी सभ्यता, महाभारत काल, मौर्य साम्राज्य, गुप्त साम्राज्य
मध्यकालीन काल (1200 - 1700 ईस्वी)
राजपूत राजवंशों का उदय, दिल्ली सल्तनत के साथ संघर्ष
मुगल काल (1526 - 1857 ईस्वी)
मुगल साम्राज्य के साथ राजस्थान की रियासतों के संबंध
ब्रिटिश काल (1818 - 1947 ईस्वी)
ब्रिटिश संरक्षण में रियासतों का शासन, स्वतंत्रता संग्राम
स्वतंत्रता के बाद (1947 - वर्तमान)
राजस्थान का एकीकरण, आधुनिक राजस्थान का विकास