राजस्थान ऊर्जा संसाधन: परिचय

राजस्थान ऊर्जा संसाधनों के मामले में भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है। राज्य में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, जल विद्युत और तापीय ऊर्जा के विशाल संसाधन उपलब्ध हैं। राजस्थान देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य है और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य

सौर ऊर्जा क्षमता: 142 GW (देश की कुल क्षमता का 25%)

पवन ऊर्जा क्षमता: 18.7 GW

परमाणु ऊर्जा संयंत्र: रावतभाटा (चित्तौड़गढ़)

जल विद्युत परियोजनाएं: 10+ प्रमुख परियोजनाएं

तापीय ऊर्जा संयंत्र: 8 प्रमुख संयंत्र

लक्ष्य: 2030 तक 90 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता

सौर ऊर्जा संसाधन

राजस्थान देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य है। राज्य में प्रतिवर्ष 300-330 दिन धूप मिलती है, जो इसे सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए आदर्श स्थान बनाती है। थार मरुस्थल क्षेत्र में विश्व के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।

सौर ऊर्जा क्षमता

कुल क्षमता: 142 GW

वर्तमान उत्पादन: 17.8 GW

लक्ष्य (2030): 90 GW

65% विकसित

प्रमुख सौर पार्क

भादला सौर पार्क (जोधपुर)

पोखरण सौर पार्क (जैसलमेर)

फलोदी सौर पार्क (जोधपुर)

बीकानेर सौर पार्क

सौर ऊर्जा योजनाएं

सौर ऊर्जा नीति 2019

रूफटॉप सोलर योजना

किसान ऊर्जा योजना

सोलर पंप योजना

सौर ऊर्जा के लाभ

  • पर्यावरण अनुकूल और प्रदूषण मुक्त
  • ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता
  • रोजगार सृजन के अवसर
  • किसानों के लिए अतिरिक्त आय
  • दूरस्थ क्षेत्रों में बिजली पहुंच

पवन ऊर्जा संसाधन

राजस्थान पवन ऊर्जा के मामले में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य के पश्चिमी जिलों में पवन ऊर्जा की भारी संभावनाएं हैं। जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर जिले पवन ऊर्जा उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं।

पवन ऊर्जा क्षमता

कुल क्षमता: 18.7 GW

वर्तमान उत्पादन: 4.3 GW

लक्ष्य (2030): 12 GW

35% विकसित

प्रमुख पवन ऊर्जा परियोजनाएं

  • जैसलमेर पवन ऊर्जा परियोजना (500 MW)
  • बाड़मेर पवन फार्म (300 MW)
  • जोधपुर पवन ऊर्जा केंद्र (250 MW)
  • भीनमाल पवन परियोजना (200 MW)

पवन ऊर्जा के फायदे

पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत

संचालन लागत कम

स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन

जल संसाधनों की बचत

नवीकरणीय और असीमित संसाधन

परमाणु ऊर्जा संसाधन

राजस्थान में परमाणु ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान है। रावतभाटा (चित्तौड़गढ़) में स्थित राजस्थान परमाणु विद्युत संयंत्र देश के प्रमुख परमाणु ऊर्जा केंद्रों में से एक है। यह संयंत्र चंबल नदी के किनारे स्थित है।

राजस्थान परमाणु विद्युत संयंत्र

  • स्थान: रावतभाटा, चित्तौड़गढ़
  • स्थापना: 1973
  • कुल क्षमता: 1,180 MW
  • रिएक्टर: 6 (RAPS-1 से RAPS-6)
  • संचालन: NPCIL
  • जल स्रोत: राणा प्रताप सागर बांध

परमाणु ऊर्जा के लाभ

  • उच्च ऊर्जा घनत्व
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी
  • निरंतर बिजली आपूर्ति
  • दीर्घकालिक लागत प्रभावी
  • चिकित्सा और अनुसंधान में उपयोग

जल विद्युत संसाधन

राजस्थान में जल विद्युत ऊर्जा के सीमित संसाधन हैं, लेकिन राज्य ने अपनी जल विद्युत क्षमता का कुशलतापूर्वक दोहन किया है। महानदी, चंबल और बनास नदी प्रणालियों पर कई जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं।

जल विद्युत परियोजना नदी जिला क्षमता (MW) स्थापना वर्ष
महानदी बांध परियोजना महानदी बांसवाड़ा 140 1983
जवाहर सागर बांध चंबल कोटा 99 1972
राणा प्रताप सागर बांध चंबल चित्तौड़गढ़ 172 1970
बिसलपुर बांध बनास टोंक 30 1999
जाखम बांध जाखम प्रतापगढ़ 25 1986

तापीय ऊर्जा संसाधन

राजस्थान में कोयला आधारित तापीय ऊर्जा संयंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थित ताप विद्युत संयंत्र बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र

  • सूरतगढ़ ताप विद्युत संयंत्र (1500 MW)
  • कोटा ताप विद्युत संयंत्र (1240 MW)
  • कालीसिंध ताप विद्युत संयंत्र (1200 MW)
  • छबड़ा ताप विद्युत संयंत्र (1320 MW)
  • गिरल लिग्नाइट पावर प्लांट (250 MW)

तापीय ऊर्जा आँकड़े

कुल स्थापित क्षमता: 8,220 MW

कोयला आधारित: 7,200 MW

गैस आधारित: 1,020 MW

लिग्नाइट भंडार: 7.5 अरब टन

80% क्षमता उपयोग

राजस्थान ऊर्जा नीति और योजनाएं

2000

राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा नीति की शुरुआत

2004

राजस्थान ऊर्जा संरक्षण नीति लागू

2010

सौर ऊर्जा नीति 2010 की घोषणा

2015

राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2015 लागू

2019

राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019 जारी

2022

हरित हाइड्रोजन नीति की घोषणा

2023

ऊर्जा स्वराज योजना की शुरुआत

प्रमुख ऊर्जा योजनाएं

  • मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना
  • रूफटॉप सोलर योजना
  • किसान ऊर्जा सुरक्षा योजना
  • उद्योग हितैषी सौर नीति
  • ऊर्जा संरक्षण भवन कोड
  • हरित ऊर्जा प्रोत्साहन योजना

राजस्थान ऊर्जा संसाधन: महत्वपूर्ण आँकड़े

ऊर्जा स्रोत स्थापित क्षमता (MW) राज्य में हिस्सेदारी राष्ट्रीय रैंक
सौर ऊर्जा 17,800 42% 1
पवन ऊर्जा 4,300 10% 4
तापीय ऊर्जा 8,220 19% 7
जल विद्युत 1,800 4% 12
परमाणु ऊर्जा 1,180 3% 5
बायोमास 500 1% 6
कुल क्षमता 42,800 100% 5

भविष्य की योजनाएं

2030 तक 90 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता

50 GW सौर ऊर्जा पार्क विकसित करना

12 GW पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करना

5 GW बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम

2 GW हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता

राजस्थान ऊर्जा संसाधन: परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

महत्वपूर्ण तथ्य संग्रह

देश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य

भादला सौर पार्क (जोधपुर) विश्व का सबसे बड़ा सौर पार्क

राजस्थान परमाणु विद्युत संयंत्र (रावतभाटा) देश का दूसरा सबसे पुराना परमाणु संयंत्र

राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा निगम (RREC) की स्थापना 2002 में

राजस्थान ऊर्जा विकास निगम (REDC) की स्थापना 1985 में

राजस्थान में 300-330 दिन प्रतिवर्ष धूप मिलती है

थार मरुस्थल में 142 GW सौर ऊर्जा क्षमता

ज्ञान परीक्षण

1. राजस्थान में सौर ऊर्जा की कुल क्षमता कितनी है?
142 GW
100 GW
75 GW
50 GW
2. राजस्थान परमाणु विद्युत संयंत्र कहाँ स्थित है?
जयपुर
जोधपुर
रावतभाटा
कोटा
3. राजस्थान में स्थापित कुल ऊर्जा क्षमता कितनी है?
30,000 MW
35,000 MW
42,800 MW
50,000 MW

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