राजस्थान विधानसभा: परिचय
राजस्थान विधानसभा राज्य की एकसदनीय विधायिका है जिसका गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत किया गया है। यह राज्य के कानून निर्माण का प्रमुख अंग है और जनता के प्रति जवाबदेह है। राजस्थान विधानसभा की स्थापना 25 मार्च 1952 को हुई थी और इसका पहला सत्र 29 मार्च 1952 को आयोजित किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य
वर्तमान सदस्य संख्या: 200
विधानसभा भवन: राजस्थान विधानसभा भवन, जयपुर
वर्तमान अध्यक्ष: वासुदेव देवनानी (2023 से)
वर्तमान उपाध्यक्ष: रामेश्वर डूडी (2023 से)
पहले अध्यक्ष: नरोत्तम लाल जोशी (1952-1957)
विधानसभा की संरचना और संगठन
सदस्य संख्या
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सदस्य हैं जिनका चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष मतदान से किया जाता है।
अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष सदन का प्रमुख होता है और सदन की कार्यवाही का संचालन करता है।
उपाध्यक्ष
उपाध्यक्ष अध्यक्ष की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही का संचालन करता है।
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विधानसभा में बहुमत दल का नेता होता है और सरकार का प्रमुख होता है।
विधानसभा कार्यकाल
राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल इसे समय से पहले भी भंग कर सकता है। आपातकाल की स्थिति में संसद विधानसभा के कार्यकाल में एक बार में एक वर्ष की वृद्धि कर सकती है, लेकिन आपातकाल समाप्त होने के बाद छह महीने से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता।
विधानसभा के कार्य और शक्तियाँ
विधायी शक्तियाँ
- राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाना
- राज्य के बजट को पारित करना
- कानूनों में संशोधन करना
- स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के लिए कानून बनाना
वित्तीय शक्तियाँ
- राज्य के वार्षिक बजट को स्वीकृति देना
- धन विधेयकों पर विचार-विमर्श और पारित करना
- राज्य की वित्तीय नीतियों पर नियंत्रण
- सरकारी व्यय पर नियंत्रण रखना
कार्यपालिका पर नियंत्रण
- मंत्रिपरिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाना
- नियंत्रण और समितियों के माध्यम से कार्यपालिका पर नजर रखना
- प्रश्नकाल और शून्यकाल के माध्यम से सरकार से सवाल पूछना
- काम रोको प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाना
संवैधानिक शक्तियाँ
- राज्य सभा के लिए सदस्यों का चुनाव
- राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेना
- राज्यपाल द्वारा प्रस्तुत कुछ अधिनियमों की स्वीकृति
- संविधान संशोधन प्रक्रिया में भागीदारी
राजस्थान विधानसभा का इतिहास
1949
राजस्थान का गठन और विधानसभा की स्थापना की प्रक्रिया शुरू हुई
1952
पहली विधानसभा का गठन, नरोत्तम लाल जोशी पहले अध्यक्ष बने
1956
राजस्थान पुनर्गठन अधिनियम के बाद विधानसभा का पुनर्गठन
1967
चौथी विधानसभा में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी
1977
आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी
1990
भाजपा की पहली पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनी
2003
वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
2018
अशोक गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री बने
2023
भाजपा की वापसी, भजन लाल शर्मा मुख्यमंत्री बने
विधानसभा सत्र और कार्यवाही
सत्र के प्रकार
बजट सत्र: फरवरी-मार्च में आयोजित, यह सबसे लंबा सत्र होता है जिसमें बजट पेश किया जाता है।
मानसून सत्र: जुलाई-अगस्त में आयोजित, इस सत्र में वर्षा ऋतु से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होती है।
शीतकालीन सत्र: नवंबर-दिसंबर में आयोजित, यह सर्दियों के मौसम में होता है।
कार्यवाही के महत्वपूर्ण अंग
कार्यवाही | विवरण | महत्व |
---|---|---|
प्रश्नकाल | सदस्यों द्वारा मंत्रियों से पूछे गए प्रश्न | सरकारी कार्यों पर नजर रखने का मुख्य साधन |
शून्यकाल | प्रश्नकाल के बाद का समय जब बिना पूर्व सूचना के प्रश्न पूछे जाते हैं | तत्कालिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा |
विशेषाधिकार प्रस्ताव | सदस्यों के विशेषाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा | सदन की गरिमा और सदस्यों के अधिकारों की रक्षा |
काम रोको प्रस्ताव | तत्कालिक महत्व के मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित करना | जरूरी मुद्दों पर तुरंत चर्चा सुनिश्चित करना |
अविश्वास प्रस्ताव | मंत्रिपरिषद के विरुद्ध अविश्वास जताने का प्रस्ताव | सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना |
विधानसभा समितियाँ
राजस्थान विधानसभा में विभिन्न प्रकार की समितियाँ कार्य करती हैं जो विधानसभा के कार्यों में सहायता करती हैं और सरकारी कार्यों पर नजर रखती हैं।
स्थायी समितियाँ
- प्राक्कलन समिति
- लोक लेखा समिति
- सरकारी उपक्रम समिति
- अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण समिति
- विशेषाधिकार समिति
तदर्थ समितियाँ
- विधेयकों पर जांच के लिए गठित समितियाँ
- विशेष जांच के लिए गठित समितियाँ
- सदन द्वारा गठित अन्य अस्थायी समितियाँ
समितियों के कार्य
विधानसभा समितियाँ सरकारी कार्यों की जांच करती हैं, विधेयकों पर विस्तृत विचार करती हैं, वित्तीय मामलों की समीक्षा करती हैं और सदन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं। ये समितियाँ विधानसभा के 'लघु संसद' के रूप में कार्य करती हैं और विस्तृत जांच के लिए आवश्यक हैं।
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया
राजस्थान विधानसभा के सदस्यों का चुनाव भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है। चुनाव प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में पूरी की जाती है:
चुनाव की अधिसूचना
राज्यपाल द्वारा चुनाव की अधिसूचना जारी की जाती है
नामांकन दाखिल करना
उम्मीदवारों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए जाते हैं
नामांकन की जांच
नामांकन पत्रों की जांच की जाती है और अमान्य घोषित किए जा सकते हैं
नाम वापसी
उम्मीदवार नाम वापस ले सकते हैं
मतदान
निर्धारित तिथि को मतदान होता है
मतगणना
मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाते हैं
चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
मतदान की न्यूनतम आयु: 18 वर्ष
EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और VVPAT का उपयोग
मॉडल आचार संहिता का पालन अनिवार्य
NOTA (None of the Above) का विकल्प उपलब्ध
राजस्थान विधानसभा: महत्वपूर्ण आंकड़े
विवरण | संख्या | टिप्पणी |
---|---|---|
कुल सीटें | 200 | सामान्य श्रेणी: 200 |
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित | 34 | कुल सीटों का 17% |
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित | 25 | कुल सीटों का 12.5% |
महिला आरक्षण | 33% (प्रस्तावित) | अभी तक लागू नहीं |
सबसे अधिक सदस्य वाला निर्वाचन क्षेत्र | जयपुर | लगभग 4 लाख मतदाता |
सबसे कम सदस्य वाला निर्वाचन क्षेत्र | जैसलमेर | लगभग 1.5 लाख मतदाता |
राजस्थान विधानसभा भवन
राजस्थान विधानसभा भवन
जयपुर, राजस्थान
निर्माण वर्ष: 1952
राजस्थान विधानसभा भवन जयपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है। इस भवन का निर्माण 1952 में किया गया था और यह राजस्थान की विधायी प्रक्रिया का केंद्र है। भवन की वास्तुकला में राजस्थानी और आधुनिक शैली का सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
भवन की विशेषताएं
- केंद्रीय कक्ष जहां विधानसभा की बैठकें होती हैं
- पुस्तकालय और शोध केंद्र
- सदस्यों के लिए कक्ष और कार्यालय
- प्रेस और आगंतुक गैलरी
- संग्रहालय जहां विधानसभा के इतिहास से संबंधित वस्तुएं रखी गई हैं
राजस्थान विधानसभा: वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान मुख्यमंत्री

श्री भजन लाल शर्मा
- कार्यकाल: 15 दिसंबर 2023 - वर्तमान
- निर्वाचन क्षेत्र: सांगानेर
- पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
- विधानसभा में सदस्य: 2023 से
- शिक्षा: एम.कॉम, एलएलबी
वर्तमान विधानसभा (2023) के महत्वपूर्ण आंकड़े
पार्टी | सीटें | वोट % | स्थिति |
---|---|---|---|
भारतीय जनता पार्टी | 115 | 41.7% | सत्ता पक्ष |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 69 | 39.5% | विपक्ष |
बहुजन समाज पार्टी | 2 | 1.5% | अन्य |
निर्दलीय | 2 | 1.2% | अन्य |
अन्य | 12 | 16.1% | अन्य |
राजस्थान विधानसभा: परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य
महत्वपूर्ण तथ्य संग्रह
राजस्थान विधानसभा की पहली महिला अध्यक्ष: सुमित्रा सिंह (1999-2003)
सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले: हरिदेव जोशी (1977-1980, 1980-1985)
सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री: हीरालाल देवपुरा (38 वर्ष)
सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री: मोहन लाल सुखाड़िया (4 बार)
पहली विधानसभा में सदस्य संख्या: 160
1957 में सदस्य संख्या बढ़ाकर 190 की गई
1977 में सदस्य संख्या बढ़ाकर 200 की गई
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