25 October 2025 Current Affairs Download [PDF] | Daily GK Top Questions in Hindi

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25 अक्टूबर 2025 करेंट अफेयर्स और GK प्रश्न

25 October 2025 के टॉप करेंट अफेयर्स PDF फॉर्मेट में पढ़ें और FREE Latest Test Quiz देवें।

GeM द्वारा फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन - स्वास्थ्य, फिटनेस और स्वच्छता का उत्सव

update on : 25 अक्टूबर 2025, शाम 5:22 बजे | Examseries

GeM Fit India Freedom Run 6.0

फिट इंडिया मूवमेंट के तहत राष्ट्रीय अभियान के अनुरूप, सरकारी ई मार्केटप्लेस (GeM) ने आज नई दिल्ली में फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन किया।

यह दौड़ जीवन भारती भवन से शुरू होकर बाबा खड़क सिंह मार्ग, जय सिंह रोड और जनपथ होते हुए वापस जीवन भारती भवन में समाप्त हुई। इस आयोजन में किशोरों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक, सभी आयु वर्ग के लोग और GeM अधिकारी व उनके परिवार के सदस्य भी उत्साहपूर्वक भाग लिए।

स्वच्छता और स्वास्थ्य की थीम

इस वर्ष का आयोजन 'स्वच्छता और स्वास्थ्य' थीम के अंतर्गत किया गया, जिसमें स्वच्छ और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। थीम की भावना को प्रदर्शित करते हुए, GeM ने पूरे मार्ग पर एक रन के बाद स्वच्छता अभियान भी चलाया, जिससे नागरिक उत्तरदायित्व और सामूहिक कार्रवाई का संदेश और भी प्रबल हुआ।

GeM के सीईओ का वक्तव्य

GeM के सीईओ, श्री मिहिर कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य और स्वच्छता राष्ट्रीय प्रगति के मूल में हैं और GeM का मानना ​​है कि सुशासन के लिए एक स्वस्थ कार्यबल और स्वच्छ वातावरण समान रूप से आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया फ्रीडम रन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता है और GeM टीम की पूर्ण भागीदारी और उत्साह पर गर्व व्यक्त किया।

समुदाय और शारीरिक फिटनेस के प्रति जागरूकता

इस कार्यक्रम ने एकता, सामुदायिक भावना और रोजमर्रा के जीवन में शारीरिक फिटनेस और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया।

फिट इंडिया फ्रीडम रन का इतिहास

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा 2020 में शुरू की गई फिट इंडिया फ्रीडम रन, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के उपलक्ष्य में नागरिकों को एक सक्रिय जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। 2 से 31 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होने वाला छठा संस्करण, 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाली यूनिटी रन के साथ समाप्त होगा।

GeM की सामाजिक पहल

GeM ऐसी सहभागी पहलों के माध्यम से समावेशी कल्याण, स्थिरता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्य बिंदु: GeM, फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0, स्वच्छता और स्वास्थ्य, शारीरिक फिटनेस, सामुदायिक भावना, मेक इन इंडिया, सक्रिय जीवनशैली, राष्ट्रीय एकता, यूनिटी रन, समावेशी कल्याण।

गिव-अप अभियान: 41 लाख लोगों ने स्वेच्छा से छोड़ा लाभ, 69 लाख नए लाभार्थी खाद्य सुरक्षा योजना में जुड़े

update on : 25 अक्टूबर 2025, 05:45 PM | examseries

give up abhiyan

राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि हर पात्र परिवार को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिले और कोई भी परिवार इससे वंचित न रहे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री सुमित गोदारा ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए गिव-अप अभियान की सफलता पर जोर दिया है। यह अभियान पूरी तरह से पारदर्शिता, जवाबदेही, और संवेदनशीलता के साथ चलाया जा रहा है।

गिव-अप अभियान की सफलता के आंकड़े

श्री गोदारा ने बताया कि गिव-अप अभियान के तहत 41 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ दिया है। वहीं, 69 लाख से अधिक नए लाभार्थियों के नाम इस योजना में जोड़े गए हैं, जिससे राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।

जैसलमेर जिले में गिव-अप अभियान का प्रभाव

जैसलमेर जिले में इस अभियान के तहत 43,164 लाभार्थियों ने खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ा, जबकि 70,821 नए पात्र परिवारों को इस योजना से जोड़ा गया है। इस तरह से राज्य के हर कोने में खाद्य सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री की घोषणा और राशन डीलरों के लिए सकारात्मक कदम

मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने उचित मूल्य दुकानदारों के कमीशन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही, राशन डीलरों को समय पर उनका कमीशन भी दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि राशन डीलरों को उनके मेहनत का सही इनाम मिले।

स्वेच्छा से लाभ छोड़ने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता

श्री गोदारा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आयकरदाता, राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी, और चारपहिया वाहनधारक जैसे अपात्र लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर निकालने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। यह अभियान सरकार की योजना को सफल बनाने के लिए जरूरी है।

खाद्य सुरक्षा योजना में सुधार के लिए कदम

आगे की योजना के तहत, श्री गोदारा ने जिला प्रशासन से उचित मूल्य दुकानों की शीघ्र ही स्थापना करने का आदेश दिया है, ताकि लोग अपनी स्थानीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा का लाभ ले सकें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे गिव-अप अभियान में भाग लें और अपात्र लोगों को योजना से बाहर करने में मदद करें।

एनएफएसए पोर्टल पर लंबित मामलों का समाधान

बैठक में एनएफएसए पोर्टल पर 2022 और 2025 के लंबित आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की गई। इसके अलावा, राशन डीलरों और परिवहनकर्ताओं के बकाया भुगतान की भी चर्चा की गई।

बैठक में प्रमुख लोग

इस बैठक में जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी, जिला कलक्टर प्रताप सिंह, और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य बिंदु: गिव-अप अभियान, खाद्य सुरक्षा योजना, स्वेच्छा से लाभ छोड़ना, नए लाभार्थी, राशन डीलरों का कमीशन, जैसलमेर, मुख्यमंत्री भजनलाल, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, जनजागरूकता, एनएफएसए पोर्टल, उचित मूल्य दुकानें, खाद्य सुरक्षा का लाभ।
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सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति से आकांक्षी जिले एवं ब्लॉक भर रहे विकास की नई उड़ान

update on : 25 October 2025, 06:38 PM | Examseries जयपुर

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प्रदेश के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक्स में समावेशी और सतत विकास की दिशा में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अभिनव पहल "गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना" एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास सिद्धांत पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रदेश के हर कोने में समान और समग्र विकास सुनिश्चित करना है।

आकांक्षी जिलों का समावेशी विकास

जनवरी 2018 में शुरू किए गए आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के तहत, राज्य सरकार ने प्रदेश के 5 जिलों बारां, धौलपुर, जैसलमेर, करौली और sirohi में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दी है।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के प्रभाव

इस कार्यक्रम के तहत 49 संकेतकों पर आधारित डेटा के जरिए जिले की डेल्टा रैंकिंग बनाई जाती है। जिन जिलों का प्रदर्शन बेहतर होता है, उन्हें पुरस्कार राशि दी जाती है। अब तक, बारां को 17.51 करोड़ रुपये, धौलपुर को 15.82 करोड़ रुपये, जैसलमेर को 9.62 करोड़ रुपये, करौली को 9.05 करोड़ रुपये और sirohi को 4.81 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई है।

आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरुआत

जनवरी 2023 में, आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य जिलों में आए सकारात्मक बदलाव को ब्लॉक स्तर पर फैलाना था। इस कार्यक्रम के तहत, राजस्थान के 27 ब्लॉकों में विकास कार्य किए जा रहे हैं। जिनमें किशनगंज, बसेड़ी, फतेहगढ़, आबूरोड, नीमराना और सज्जनगढ़ जैसे ब्लॉक्स शामिल हैं।

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना

गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया गया है। इस योजना के माध्यम से, 41 ब्लॉकों में लक्षित विकास कार्यों को लागू किया जाएगा, जिससे उन्हें विकसित ब्लॉक के रूप में स्थापित किया जाएगा।

नवाचार आधारित कार्यक्रमों का प्रोत्साहन

इस योजना के तहत, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचे, कौशल विकास और सामाजिक विकास जैसे क्षेत्रों में नवाचार आधारित कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाएगा। इन कार्यक्रमों की निगरानी के लिए 39 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक निर्धारित किए गए हैं, और राज्य, जिला, और ब्लॉक स्तर पर समितियों के माध्यम से नियमित समीक्षा की जाएगी।

पुरस्कार राशि और प्रोत्साहन

इस योजना के तहत, वित्त वर्ष 2025-26 में 75 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसमें हर ब्लॉक के लिए 1.5 करोड़ रुपये का अनटाइड फंड आवंटित किया गया है। सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को वार्षिक पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। पहले स्थान पर आने वाले ब्लॉक को 50 लाख रुपये, दूसरे स्थान को 35 लाख रुपये, और तीसरे स्थान को 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी।

खेरवाड़ा ब्लॉक का उदाहरण

उदयपुर जिले का खेरवाड़ा ब्लॉक, जो पहले कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण कई समस्याओं से जूझ रहा था, अब आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत स्वस्थ्य धरोहर शिविरों, एएनसी खोजो अभियान और कंगारू मदर केयर जैसे नवाचारों से नई दिशा प्राप्त कर रहा है।

इसके अलावा, स्वच्छ ढाणी एप के माध्यम से, खेरवाड़ा ब्लॉक ने सिंगल यूज प्लास्टिक और कचरे को नियंत्रित किया है। इसके साथ ही, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्कूलों में ब्रेल बुक्स और साउंड बॉल्स जैसे संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।

मुख्य बिंदु: आकांक्षी जिले, आकांक्षी ब्लॉक, गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, राजस्थान विकास योजना, ब्लॉक पुरस्कार राशि, खेरवाड़ा ब्लॉक, स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार, शिक्षा, कुपोषण नियंत्रण।

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22 भाषाएँ, डिजिटल रूप से पुनर्कल्पित

update on : 25 October 2025

language preservation via tech

"भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है, यह सभ्यता की आत्मा है, इसकी संस्कृति है, इसकी विरासत है।"
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • भाषिनी और भारतजेन जैसे एआई प्लेटफार्मों के माध्यम से सभी 22 अनुसूचित भाषाओं के लिए समर्थन।
  • एसपीपीईएल (लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण एवं संरक्षण हेतु योजना) और संचिका से प्राप्त डिजिटल भाषा डेटा बहुभाषी समाधानों के लिए एआई मॉडल प्रशिक्षण को समृद्ध करता है।
  • तकनीक-संचालित पहल भारत को बहुभाषी डिजिटल परिवर्तन में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करती है।

परिचय

भारत का भाषाई परिदृश्य दुनिया में सबसे विविध है, जहाँ 22 अनुसूचित भाषाएँ और सैकड़ों जनजातीय एवं क्षेत्रीय बोलियाँ इसके विशाल भूगोल में बोली जाती हैं। जैसे-जैसे डिजिटल परिवर्तन तेज़ हो रहा है, इस भाषाई विविधता को डिजिटल बुनियादी ढाँचे में समाहित करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। तकनीक अब केवल संचार का माध्यम नहीं रह गई है; यह समावेशन की रीढ़ है।

भारत सरकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी), मशीन लर्निंग और वाक् पहचान जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके बुद्धिमान, मापनीय भाषा समाधान विकसित कर रही है। इन पहलों का उद्देश्य निर्बाध संचार, रीयल-टाइम अनुवाद, ध्वनि-सक्षम इंटरफेस और स्थानीयकृत सामग्री वितरण को सक्षम करके डिजिटल सेवाओं तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है। भाषाई विविधता का सम्मान करने वाले एक मज़बूत तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करके, भारत एक समावेशी डिजिटल भविष्य की नींव रख रहा है जहाँ प्रत्येक नागरिक, अपनी मातृभाषा की परवाह किए बिना, डिजिटल अर्थव्यवस्था और शासन में पूरी तरह से भाग ले सकेगा।

भाषाई समावेशन को बढ़ावा देने वाले प्रमुख मंच

एआई-संचालित भाषा प्लेटफ़ॉर्म और विस्तृत डिजिटल रिपॉज़िटरी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, उपयोग और विकास के तरीके को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। भाषिणी और भारतजेन जैसे प्लेटफ़ॉर्म शासन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में बहुभाषी समर्थन प्रदान करते हैं। आदि-वाणी जैसी पहल आदिवासी भाषाओं को डिजिटल दायरे में लाती है। यह एकीकरण सुनिश्चित करता है कि भारत की भाषाई विरासत न केवल संरक्षित रहे, बल्कि डिजिटल युग में कार्यात्मक और गतिशील भी बनी रहे।

आदि-वाणी: जनजातीय भाषा समावेशन के लिए एआई

2024 में स्थापित, आदि-वाणी भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-संचालित प्लेटफ़ॉर्म है जो आदिवासी भाषाओं के रीयल-टाइम अनुवाद और संरक्षण के लिए समर्पित है। अत्याधुनिक भाषा प्रौद्योगिकियों के माध्यम से संचार में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया, आदि-वाणी कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सटीकता को मानवीय भाषाई विशेषज्ञता के साथ जोड़कर सहज बहुभाषी अनुभव प्रदान करता है।

मूलतः, आदि-वाणी उन्नत वाक् पहचान और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) का उपयोग करके संथाली, भीली, मुंडारी और गोंडी जैसी भाषाओं का समर्थन करती है—जिनमें से कई पारंपरिक रूप से मौखिक संचार पर निर्भर रही हैं और जिनमें पर्याप्त डिजिटल प्रतिनिधित्व का अभाव है। जनजातीय भाषाओं और प्रमुख भारतीय भाषाओं के बीच रीयल-टाइम अनुवाद को सक्षम करके, यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल इन समृद्ध भाषाई परंपराओं को संरक्षित करता है, बल्कि उन्हें शिक्षा, शासन और सांस्कृतिक दस्तावेज़ीकरण के लिए भी सुलभ बनाता है।

लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण और परिरक्षण योजना (एसपीपीईएल)

शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2013 में शुरू की गई और केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल), मैसूरु द्वारा कार्यान्वित लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण और संरक्षण योजना (एसपीपीईएल) का ध्यान लुप्तप्राय भारतीय भाषाओं के दस्तावेजीकरण और डिजिटल रूप से संग्रह पर केंद्रित है - विशेष रूप से वे जो 10,000 से कम लोगों द्वारा बोली जाती हैं।

संचिका: भारतीय भाषाओं का डिजिटल भंडार

केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान द्वारा प्रबंधित, संचिका अनुसूचित और जनजातीय भाषाओं के लिए शब्दकोशों, प्राइमरों, कहानी-पुस्तकों और मल्टीमीडिया संसाधनों को एकत्रित करता है। यह केंद्रीकृत डिजिटल संग्रह भाषा मॉडलों के प्रशिक्षण, अनुवाद प्रणालियों के विकास और सांस्कृतिक आख्यानों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण डेटा स्रोत है।

भारतजेन: भारतीय भाषाओं के लिए एआई मॉडल

भारतजेन सभी 22 अनुसूचित भाषाओं के लिए उन्नत टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट और टेक्स्ट-टू-स्पीच अनुवाद मॉडल विकसित करता है। यह एसपीपीईएल और संचिका बहुभाषी एआई सिस्टम बनाता है जो शासन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में अनुप्रयोगों को सशक्त बनाते हैं - यह सुनिश्चित करते हुए कि डिजिटल सामग्री हर प्रमुख भारतीय भाषा में उपलब्ध हो।

GeM और GeMAI: सरकारी ई-मार्केटप्लेस के लिए AI-संचालित बहुभाषी सहायक

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM), सार्वजनिक खरीद के लिए भारत का डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जिसे 9 अगस्त, 2016 को लॉन्च किया गया था। GeM सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं के लिए खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होती है।

उपयोगकर्ता की पहुँच और समावेशिता को बढ़ाने के लिए, GeM ने GeMAI को एकीकृत किया है, जो एक AI-संचालित बहुभाषी सहायक है। GeMAI उन्नत प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) और मशीन लर्निंग का लाभ उठाकर कई भारतीय भाषाओं में ध्वनि और पाठ-आधारित सहायता प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं को प्लेटफ़ॉर्म पर खोज, नेविगेशन और लेनदेन को अधिक आसानी से पूरा करने में सक्षम बनाता है, जिससे सरकारी खरीद में भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है।

भाषिणी: समावेशी भारत के लिए एआई-संचालित बहुभाषी अनुवाद

राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (एनएलटीएम) के अंतर्गत, भाषिणी एक अग्रणी एआई प्लेटफ़ॉर्म है जो 22 अनुसूचित भाषाओं और जनजातीय भाषाओं के लिए रीयल-टाइम अनुवाद को सक्षम बनाता है। यह सरकारी सेवाओं और डिजिटल सामग्री तक पहुँच को सुगम बनाता है और मशीनी अनुवाद, वाक् पहचान और प्राकृतिक भाषा समझ के माध्यम से डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देता है।

मुख्य सफलतायें:

  • एआई-संचालित संसदीय बहस अनुवाद और नागरिक सहभागिता के लिए संसद भाषिणी।
  • जनजातीय अनुसंधान, सूचना, शिक्षा, संचार और कार्यक्रम (TRI-ECE) योजना जनजातीय कार्य मंत्रालय के अंतर्गत जनजातीय भाषाओं के लिए एआई-आधारित अनुवाद उपकरणों के विकास को समर्थन दिया है।
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25 October 2025 से बनने वाले Latest Current Affirs Questions

1. GeM द्वारा आयोजित फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का उद्देश्य क्या है?
a) शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना
b) नागरिकों में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना
c) युवा कार्यक्रमों का प्रचार करना
d) मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना
सही उत्तर: b) नागरिकों में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना
व्याख्या: GeM द्वारा आयोजित फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को शारीरिक फिटनेस और स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करना है। यह अभियान "स्वच्छता और स्वास्थ्य" की थीम के तहत आयोजित किया गया था, जो जीवनशैली में सुधार और स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।

2. फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन किस थीम पर किया गया था?
a) ऊर्जा और उत्साह
b) स्वच्छता और स्वास्थ्य
c) राष्ट्रीय एकता
d) मेक इन इंडिया
सही उत्तर: b) स्वच्छता और स्वास्थ्य
व्याख्या: फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन इस वर्ष "स्वच्छता और स्वास्थ्य" थीम के तहत किया गया था। इसके माध्यम से नागरिकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और स्वच्छता बनाए रखने के महत्व पर जागरूक किया गया।

3. फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन किस तारीख को हुआ?
a) 24 अक्टूबर 2025
b) 25 अक्टूबर 2025
c) 26 अक्टूबर 2025
d) 31 अक्टूबर 2025
सही उत्तर: b) 25 अक्टूबर 2025
व्याख्या: फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन 25 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में किया गया था। इस आयोजन ने नागरिकों को शारीरिक फिटनेस और स्वच्छता के बारे में जागरूक करने का कार्य किया।

4. फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 के मार्ग का आरंभ कहां से हुआ?
a) गांधी स्मृति भवन
b) जीवन भारती भवन
c) सरदार पटेल स्मारक
d) इंडिया गेट
सही उत्तर: b) जीवन भारती भवन
व्याख्या: फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 का आयोजन जीवन भारती भवन से शुरू हुआ था। यह दौड़ बाबा खड़क सिंह मार्ग, जय सिंह रोड और जनपथ होते हुए फिर से जीवन भारती भवन पर समाप्त हुई।

5. फिट इंडिया फ्रीडम रन के आयोजन के साथ कौन सा अन्य अभियान भी चलाया गया था?
a) शिक्षा अभियान
b) पर्यावरण संरक्षण अभियान
c) स्वच्छता अभियान
d) महिला सुरक्षा अभियान
सही उत्तर: c) स्वच्छता अभियान
व्याख्या: फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 के दौरान एक स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। इस अभियान ने नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी और सामूहिक कार्रवाई का संदेश दिया, जिससे समाज में सफाई और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।

6. गिव-अप अभियान के तहत कितने अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ दिया?
a) 31 लाख
b) 41 लाख
c) 50 लाख
d) 69 लाख
सही उत्तर: b) 41 लाख
व्याख्या: गिव-अप अभियान के तहत 41 लाख से अधिक अपात्र लाभार्थियों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ दिया है। यह कदम सरकार के पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।

7. गिव-अप अभियान के तहत कितने नए लाभार्थी खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल किए गए हैं?
a) 50 लाख
b) 69 लाख
c) 75 लाख
d) 80 लाख
सही उत्तर: b) 69 लाख
व्याख्या: गिव-अप अभियान के तहत 69 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा गया है, जिससे राज्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है और अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

8. जैसलमेर जिले में गिव-अप अभियान के तहत कितने लाभार्थियों ने खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ा?
a) 43,164
b) 50,000
c) 70,821
d) 35,000
सही उत्तर: a) 43,164
व्याख्या: जैसलमेर जिले में गिव-अप अभियान के तहत 43,164 अपात्र लाभार्थियों ने खाद्य सुरक्षा का लाभ छोड़ा, जबकि 70,821 नए पात्र परिवारों को योजना से जोड़ा गया।

9. राज्य सरकार ने राशन डीलरों के लिए क्या सकारात्मक कदम उठाया है?
a) उनके कमीशन में 5% की बढ़ोतरी
b) उनके कमीशन में 10% की बढ़ोतरी
c) राशन डीलरों को सरकारी वाहन उपलब्ध कराना
d) राशन डीलरों को फ्री राशन देना
सही उत्तर: b) उनके कमीशन में 10% की बढ़ोतरी
व्याख्या: मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने राशन डीलरों के कमीशन में 10% की बढ़ोतरी की है, जिससे उन्हें उनके मेहनत का उचित इनाम मिल सके। यह कदम राशन डीलरों को प्रोत्साहित करने और योजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए उठाया गया है।

10. गिव-अप अभियान के तहत जनजागरूकता अभियान को किस प्रकार के लाभार्थियों के लिए चलाने का निर्देश दिया गया है?
a) वृद्ध लोगों
b) अपात्र लाभार्थियों जैसे आयकरदाता, राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी, और चारपहिया वाहनधारक
c) महिलाएं और बच्चों
d) श्रमिक वर्ग
सही उत्तर: b) अपात्र लाभार्थियों जैसे आयकरदाता, राज्य/केंद्र सरकार के कर्मचारी, और चारपहिया वाहनधारक
व्याख्या: गिव-अप अभियान के तहत जनजागरूकता अभियान अपात्र लाभार्थियों जैसे आयकरदाता, सरकारी कर्मचारियों और चारपहिया वाहनधारकों के लिए चलाने का निर्देश दिया गया है, ताकि उन्हें खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर किया जा सके और सही पात्रों को लाभ मिल सके।

11. मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल "गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना" का उद्देश्य क्या है?
a) केवल शिक्षा में सुधार
b) स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार
c) समान और समग्र विकास सुनिश्चित करना
d) केवल कृषि क्षेत्र में विकास
सही उत्तर: c) समान और समग्र विकास सुनिश्चित करना
व्याख्या: "गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना" का उद्देश्य प्रदेश के आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में समान और समग्र विकास सुनिश्चित करना है, ताकि हर कोने में विकास की दिशा में सुधार हो सके। यह पहल प्रधानमंत्री के "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" सिद्धांत पर आधारित है।

12. आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम (एडीपी) की शुरुआत कब हुई थी?
a) 2015
b) 2016
c) 2017
d) 2018
सही उत्तर: d) 2018
व्याख्या: आकांक्षी जिलों का कार्यक्रम (एडीपी) जनवरी 2018 में शुरू हुआ था, जिसमें पांच जिलों—बारां, धौलपुर, जैसलमेर, करौली और सिरोही—को प्राथमिकता दी गई और वहां विकास कार्यों को गति दी गई।

13. "गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना" के तहत प्रत्येक ब्लॉक को कितनी पुरस्कार राशि दी जाएगी?
a) 10 लाख रुपये
b) 25 लाख रुपये
c) 35 लाख रुपये
d) 50 लाख रुपये
सही उत्तर: d) 50 लाख रुपये
व्याख्या: "गुरु गोलवलकर आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना" के तहत सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले ब्लॉकों को पुरस्कार राशि दी जाएगी। पहले स्थान पर आने वाले ब्लॉक को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी, जबकि दूसरे और तीसरे स्थान को क्रमशः 35 लाख और 25 लाख रुपये मिलेंगे।

14. खेरवाड़ा ब्लॉक में आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत कौन सा प्रमुख नवाचार किया गया था?
a) कृषि से संबंधित प्रशिक्षण
b) कंगारू मदर केयर और एएनसी खोजो अभियान
c) स्कूलों में तकनीकी शिक्षा
d) स्वास्थ्य केंद्रों में डिजिटल सेवाएं
सही उत्तर: b) कंगारू मदर केयर और एएनसी खोजो अभियान
व्याख्या: खेरवाड़ा ब्लॉक में आकांक्षी ब्लॉक विकास योजना के तहत कंगारू मदर केयर और एएनसी खोजो अभियान जैसे नवाचारों से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया गया। इन प्रयासों से पहले कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं वाले क्षेत्र में सुधार हुआ।

15. आकांक्षी जिलों में विकास कार्यों के आधार पर कौन सा संकेतक उपयोग किया जाता है?
a) 25 संकेतक
b) 49 संकेतक
c) 35 संकेतक
d) 50 संकेतक
सही उत्तर: b) 49 संकेतक
व्याख्या: आकांक्षी जिलों के विकास कार्यों की निगरानी के लिए 49 संकेतकों पर आधारित डेटा का उपयोग किया जाता है। इन संकेतकों के आधार पर डेल्टा रैंकिंग तैयार की जाती है, जिससे बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कार राशि दी जाती है।

16. भारत सरकार द्वारा विकसित 'भाषिणी' और 'भारतजेन' जैसी एआई प्लेटफार्मों का उद्देश्य क्या है?
a) भारतीय भाषाओं का संरक्षण और उपयोग
b) केवल शिक्षा में सुधार
c) भाषा से संबंधित डेटा संग्रहण
d) केवल सांस्कृतिक इतिहास का संरक्षण
सही उत्तर: a) भारतीय भाषाओं का संरक्षण और उपयोग
व्याख्या: 'भाषिणी' और 'भारतजेन' जैसे एआई प्लेटफार्मों का उद्देश्य भारतीय भाषाओं का संरक्षण, विकास और उनके उपयोग को बढ़ावा देना है। ये प्लेटफार्म बहुभाषी अनुवाद, ध्वनि-सक्षम इंटरफेस और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाते हैं।

17. 'आदि-वाणी' प्लेटफ़ॉर्म का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
a) शहरी क्षेत्रों में भाषाई संवेदनशीलता बढ़ाना
b) आदिवासी भाषाओं का रीयल-टाइम अनुवाद और संरक्षण
c) केवल हिंदी भाषा का विकास
d) विदेशी भाषाओं का अनुवाद करना
सही उत्तर: b) आदिवासी भाषाओं का रीयल-टाइम अनुवाद और संरक्षण
व्याख्या: 'आदि-वाणी' भारत का पहला एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म है जो आदिवासी भाषाओं के रीयल-टाइम अनुवाद और संरक्षण के लिए समर्पित है। यह प्लेटफ़ॉर्म आदिवासी भाषाओं जैसे संथाली, भीली, और मुंडारी को डिजिटल दायरे में लाता है।

18. एसपीपीईएल योजना का उद्देश्य क्या है?
a) भारतीय भाषाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना
b) लुप्तप्राय भाषाओं का संरक्षण और डिजिटल संग्रहण
c) केवल भाषाई डेटा का विश्लेषण
d) भाषाई अनुसंधान में नवाचार
सही उत्तर: b) लुप्तप्राय भाषाओं का संरक्षण और डिजिटल संग्रहण
व्याख्या: एसपीपीईएल (लुप्तप्राय भाषाओं के संरक्षण एवं संरक्षण हेतु योजना) का उद्देश्य उन भाषाओं का संरक्षण करना है जो लुप्त हो रही हैं, खासकर वे भाषाएँ जो 10,000 से कम लोगों द्वारा बोली जाती हैं। इसके तहत इन भाषाओं का दस्तावेजीकरण और डिजिटल संग्रहण किया जाता है।

19. GeM प्लेटफार्म पर 'GeMAI' का क्या कार्य है?
a) सरकारी खरीद में भाषा संबंधित समस्याओं को दूर करना
b) सरकारी सेवाओं का ऑनलाइन भुगतान करना
c) डेटा संग्रहण और विश्लेषण करना
d) केवल डिजिटल सामग्री वितरित करना
सही उत्तर: a) सरकारी खरीद में भाषा संबंधित समस्याओं को दूर करना
व्याख्या: 'GeMAI' एक AI-संचालित बहुभाषी सहायक है जिसे GeM (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) प्लेटफार्म पर भाषा संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए एकीकृत किया गया है। यह उपयोगकर्ताओं को कई भारतीय भाषाओं में प्लेटफार्म पर खोज, नेविगेशन और लेनदेन को आसान बनाने में मदद करता है।

20. 'संचिका' का मुख्य कार्य क्या है?
a) भारतीय भाषाओं के लिए शब्दकोशों और मल्टीमीडिया संसाधनों का संग्रहण
b) भाषाई डेटा का विश्लेषण
c) सरकारी डेटा संग्रहण
d) केवल अनुवाद कार्य
सही उत्तर: a) भारतीय भाषाओं के लिए शब्दकोशों और मल्टीमीडिया संसाधनों का संग्रहण
व्याख्या: 'संचिका' एक डिजिटल संग्रह है जिसे केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं के लिए शब्दकोशों, प्राइमरों, कहानी-पुस्तकों और मल्टीमीडिया संसाधनों को एकत्रित करना है, जो भाषा मॉडल और अनुवाद प्रणालियों के प्रशिक्षण में मदद करते हैं।