28 November Current Affairs in Hindi | डेली करेंट अफेयर्स क्विज | 28 November महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स क्विज | Current Affairs PDF in Hindi
नमस्कार दोस्तों! इस Daily Current Affairs 28 November 2025 अपडेट में प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं:
76वाँ संविधान दिवस 2025 – “जन की भाषा, जन का सम्मान”, संविधान दिवस 2025 – Health Ministry ka Preamble Reading, Indian Navy Colombo Port Visit 2025 – Maritime Security Boostयह सामग्री UPSC, RPSC, RAS, SSC, Railway, Bank Exams, SBI, RBI, IBPS, State PSC और अन्य Competitive Exams के लिए महत्वपूर्ण Current Affairs, National Events, Government Schemes, Art & Culture Updates और Exam-Oriented Facts प्रदान करती है।

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Table of Contents
- 28 November Current Affairs in Hindi
- SuJalam Bharat Vision 2025 Summit Begins in New Delhi
- INS Vikrant & INS Udaygiri Participate in International Fleet Review 2025 in Colombo
- Pharmacopoeia Commission Signs MoU with Three Nagaland Institutes
- 28 नवम्बर का इतिहास (28 November in History)
- 28 नवम्बर 2025 करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी (28 November Quiz)
28 November 2025 Current Affairs in Hindi
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जल शक्ति मंत्रालय का “सुजलम भारत विजन 2025” दो दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में प्रारम्भ — जल सुरक्षा, स्थिरता और सामुदायिक सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय एजेंडा निर्धारित
Updated On: 28 नवंबर 2025
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित “सुजलम भारत विजन 2025” पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन
आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में उद्घाटित हुआ।
यह दो दिवसीय आयोजन 28–29 नवंबर 2025 तक चलेगा,
जिसमें देशभर से 250 से अधिक प्रतिभागियों—केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधि, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, पंचायत प्रतिनिधि,
एनजीओ, स्वयं सहायता समूह (SHG), सामुदायिक संगठन और राष्ट्रीय जल पुरस्कार विजेताओं—ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की।
शिखर सम्मेलन की शुरुआत पारंपरिक “जल कलश” अनुष्ठान से हुई, जो भारतीय जल संस्कृति और जल संरक्षण मूल्यों का प्रतीक है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल का संबोधन — “सुजलम भारत एक सामूहिक राष्ट्रीय संकल्प”
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि
सुजलम भारत विजन प्रधानमंत्री के उस दृष्टिकोण को具साकार करता है जो
जल-सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त भारत के निर्माण पर केंद्रित है।
उन्होंने बताया कि यह शिखर सम्मेलन नीति आयोग के सहयोग से एक ऐसे मंच के रूप में कार्य कर रहा है जहाँ
राष्ट्रीय निर्णय–निर्माण में जमीनी स्तर की भागीदारी को जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि—
“भारत के पास विश्व की लगभग 18% आबादी है, परंतु केवल 4% ही मीठे पानी का भंडार उपलब्ध है।
तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिक विस्तार, भूमि उपयोग परिवर्तन और जलवायु अनिश्चितताओं के बीच,
जल सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।”
उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि जल-संरक्षण ढाँचों का निर्माण, मॉडल संरचनाएँ,
और सामुदायिक नेतृत्व वाले जल संरक्षण अभियान ही भारत का भविष्य सुरक्षित करेंगे।
जल संरक्षण आंदोलनों की प्रगति — जल शक्ति अभियान, नमामि गंगे, जल जीवन मिशन
केंद्रीय मंत्री ने विभाग के प्रमुख कार्यक्रमों की सराहना की और बताया कि:
- जल शक्ति अभियान (JSA) और जल संचय जन भागीदारी (JSJB) पूरे देश में बड़े पैमाने पर जल संरक्षण कार्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।
- नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा बेसिन की पारिस्थितिकी पुनर्जीवन पर केंद्रित है।
- जल जीवन मिशन (JJM) के कारण देश के लाखों घरों में नल से स्वच्छ पेयजल पहुँचा है।
- स्वच्छ भारत मिशन (SBM) स्वच्छता पर प्रभावशाली सुधार लाया है।
उन्होंने यह भी बताया कि JSA: Catch the Rain 2025 के तहत देशभर में:
— 22.5 लाख जल संरक्षण कार्य
— 42 लाख से अधिक वृक्षारोपण
सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।
पुस्तक और रिपोर्ट का विमोचन — राष्ट्रीय जल डेटा और समुदाय-आधारित सफलता मॉडल
उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री ने महत्वपूर्ण प्रकाशनों का अनावरण किया:
- जल संचय जन भागीदारी 1.0 पर पुस्तक — जिसमें देशभर के सफल समुदाय-नेतृत्व वाले जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण मॉडल शामिल हैं।
- बराक नदी बेसिन की पारिस्थितिक स्थिति पर वैज्ञानिक रिपोर्ट — जो भविष्य की बेसिन आधारित पुनर्स्थापन रणनीतियों को मार्गदर्शन देगी।
- गंगा पल्स पब्लिक पोर्टल — एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जो आम नागरिकों को ‘रियल-टाइम नदी स्वास्थ्य’ डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
समृद्धि-MCAD योजनाएँ — तकनीकी और आधुनिक सिंचाई विकास पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि समृद्धि–MCAD योजना के माध्यम से
दबावयुक्त सिंचाई प्रणालियाँ और वैज्ञानिक ढाँचे अपनाए जा रहे हैं,
जो सिंचाई दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि कर रहे हैं।
राज्य मंत्री वी. सोमन्ना का संबोधन — “सुजलम भारत केवल कार्यक्रम नहीं, राष्ट्रीय आंदोलन”
राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना ने कहा—
“सुजलम भारत विजन जमीनी स्तर की अंतर्दृष्टियों, राज्यों के अनुभवों और
संस्थागत परिप्रेक्ष्य को एक राष्ट्रीय ढाँचे में जोड़ता है। यह भारत की
दीर्घकालिक जल एवं स्वच्छता सुरक्षा की रीढ़ बनेगा।”
उन्होंने प्रतिभागियों से स्थानीय अनुभव, नवाचार और सुझाव साझा करने का आग्रह किया।
राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी — “जल सुरक्षा सम्मान, स्वास्थ्य और समता का आधार”
उन्होंने कहा—
“स्वच्छ जल तक पहुँच केवल पर्यावरण का प्रश्न नहीं, बल्कि गरिमा, स्वास्थ्य,
आजीविका, पोषण और सामाजिक समानता का विषय है।”
उन्होंने विशेष रूप से कहा कि महिलाओं और ग्रामीण समुदायों के सशक्तिकरण में
जल सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सत्रों की मुख्य थीम — सुजलम भारत के 6 स्तंभ
शिखर सम्मेलन में छह प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर विस्तृत चर्चा की गई:
- नदियों और झरनों का पुनरुद्धार — अविरल प्रवाह, निर्मल धारा, जलग्रहण संरक्षण, आर्द्रभूमि पुनर्स्थापन।
- पेयजल की स्थिरता — सुरक्षित पेयजल, जलवायु-अनुकूल अवसंरचना, डिजिटल शासन।
- टेक्नोलॉजी आधारित जल प्रबंधन — AI आधारित मॉनिटरिंग, सूक्ष्म सिंचाई, रिसाव पहचान।
- जल पुनर्भरण और संरक्षण — जलभृत प्रबंधन, पारंपरिक प्रणालियों का पुनर्जीवन।
- ग्रेवाटर प्रबंधन एवं पुन: उपयोग — परिपत्र जल अर्थव्यवस्था, उपयोग आधारित मूल्य निर्धारण।
- व्यवहार परिवर्तन और सामुदायिक भागीदारी — क्षमता निर्माण, संस्थागत अभिसरण।
इन सभी विषयगत चर्चाओं के आधार पर मंत्रालय द्वारा
कार्यान्वयन योग्य राष्ट्रीय सिफारिशें तैयार की जाएँगी।
📌 Sujalam Bharat Vision 2025 – Quick Exam Notes
- इवेंट: सुजलम भारत विजन 2025 शिखर सम्मेलन
- आयोजक: जल शक्ति मंत्रालय
- तारीख: 28–29 नवंबर 2025
- स्थान: भारत मंडपम, नई दिल्ली
- मुख्य अतिथि: केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल
- मुख्य फोकस: जल सुरक्षा, स्थिरता, सामुदायिक भागीदारी, तकनीकी प्रगति
आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी ने कोलंबो में आयोजित International Fleet Review 2025 में हिस्सा लिया — भारत की समुद्री शक्ति और क्षेत्रीय सहयोग का सशक्त प्रदर्शन
Updated On: 28 नवंबर 2025
भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और
स्वदेशी फ्रिगेट आईएनएस उदयगिरी ने
श्रीलंका नौसेना द्वारा आयोजित International Fleet Review (IFR) 2025 में
27 से 29 नवंबर 2025 तक कोलंबो में भाग लिया।
यह सहभागिता श्रीलंका नौसेना की 75वीं वर्षगांठ समारोह का महत्वपूर्ण हिस्सा रही,
जहाँ विभिन्न देशों की नौसेनाओं ने अपने जहाजों, प्रतिनिधिमंडलों और नौसैनिक पर्यवेक्षकों के साथ उपस्थिति दर्ज की।
भारत के स्वदेशी नौसैनिक सामर्थ्य का वैश्विक प्रदर्शन
इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल होना दोनों भारतीय युद्धपोतों की
पहली विदेशी तैनाती है, जो भारतीय नौसेना की बढ़ती सामरिक पहुँच
और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
आईएनएस विक्रांत की IFR 2025 में पहली भागीदारी न केवल भारत की जहाज निर्माण क्षमता का प्रमाण है,
बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत बहुपक्षीय समुद्री सहयोग, सुरक्षा और
क्षेत्रीय इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
दूसरी ओर, आईएनएस उदयगिरी—भारत के नवीनतम स्वदेशी फ्रिगेट वर्ग के जहाजों में से एक—
देश की आधुनिक शिपबिल्डिंग, उन्नत सेंसर क्षमताओं, सतह एवं वायु निगरानी कौशल
और समुद्री प्रतिरोधक क्षमता का प्रतीक है।
समुद्री कूटनीति और इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा
IFR 2025 में भारतीय नौसेना की उपस्थिति हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच
मजबूत समुद्री साझेदारी को रेखांकित करती है।
यह सहभागिता भारत की "Security and Growth for All in the Region (SAGAR)" नीति
और "Neighbourhood First" सिद्धांत का प्रमुख हिस्सा है।
आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी की तैनाती से निम्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा:
- समुद्री सुरक्षा और सुरक्षित समुद्री मार्ग
- एंटी–पायरेसी और ह्यूमनिटेरियन असिस्टेंस
- शांति स्थापना एवं नौसैनिक सामंजस्य
- क्षेत्रीय इंटरऑपरेबिलिटी में वृद्धि
- समुद्री क्षमता निर्माण और संयुक्त अभ्यास
IFR 2025: प्रमुख कार्यक्रमों में भारतीय नौसेना की उपस्थिति
कोलंबो में इन तीन दिनों के दौरान दोनों भारतीय युद्धपोत कई प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल होंगे:
- औपचारिक International Fleet Review — समुद्री शक्ति का विशाल प्रदर्शन
- सिटी परेड — नौसैनिक बैंड, सांस्कृतिक दल एवं प्रतिनिधिमंडलों की भव्य झांकी
- समुदाय-आधारित आउटरीच कार्यक्रम — जनता से संवाद और सामाजिक संपर्क
- पेशेवर नौसैनिक संवाद — अंतरराष्ट्रीय नौसेनाओं के साथ रणनीतिक चर्चाएँ
- ओपन-शिप पहल — जहाँ आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी आम आगंतुकों के लिए खुले रहेंगे
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भारत और अन्य देशों के बीच
समुद्री रणनीति, प्रशिक्षण, तकनीक और सुरक्षा के क्षेत्रों में
सहयोग को मजबूत करना है।
आईएनएस विक्रांत: भारत के समुद्री आत्मनिर्भरता का प्रतीक
आईएनएस विक्रांत पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया पहला
स्वदेशी विमानवाहक पोत है।
यह भारतीय नौसेना की शक्ति, क्षमता और समुद्री संकल्प का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है।
इस जहाज की IFR 2025 में उपस्थिति से दुनिया के सामने भारत की
Atmanirbhar Bharat पहल और उन्नत नौसैनिक क्षमताओं का प्रभावशाली प्रदर्शन हुआ।
यह पोत:
- फाइटर और हेलीकॉप्टरों का विस्तृत बेड़ा
- उन्नत सेंसर और हथियार प्रणालियाँ
- लंबे समय तक समुद्र में संचालन क्षमता
- मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन में उपयोग
आईएनएस उदयगिरी: भारत के आधुनिक फ्रिगेट वर्ग का नया अध्याय
हाल ही में कमीशन किया गया आईएनएस उदयगिरी भारत के
Project 17A फ्रिगेट श्रृंखला का हिस्सा है।
यह जहाज नवीनतम एंटी-सबमरीन, एंटी-एयर और सतह युद्ध प्रणालियों से सुसज्जित है।
इसकी IFR में उपस्थिति यह संदेश देती है कि भारत आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में
तेजी से आगे बढ़ रहा है।
📌 International Fleet Review 2025 – Quick Exam Notes
- इवेंट: International Fleet Review (IFR) 2025
- स्थान: कोलंबो, श्रीलंका
- तारीख: 27–29 नवंबर 2025
- भारतीय जहाज: आईएनएस विक्रांत, आईएनएस उदयगिरी
- उद्देश्य: क्षेत्रीय समुद्री सहयोग, शांति, स्थिरता, भारत–श्रीलंका नौसैनिक संबंध
- मुख्य थीम: समुद्री सुरक्षा, इंटरऑपरेबिलिटी, भारतीय नौसेना का स्वदेशी सामर्थ्य
भारतीय फार्माकोपिया आयोग ने नागालैंड के तीन प्रमुख संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए — राज्य में दवा सुरक्षा, निगरानी और क्षमता निर्माण को नई दिशा
Updated On: 28 नवंबर 2025
भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC), गाजियाबाद ने आज
नागालैंड चिकित्सा परिषद, नागालैंड राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन (NSDCA)
और नागालैंड राज्य फार्मेसी परिषद के साथ तीन महत्वपूर्ण
समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
ये समझौते नागालैंड में दवा सुरक्षा, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (ADR) रिपोर्टिंग,
फार्माकोविजिलेंस, मैटेरियोविजिलेंस और स्वास्थ्य मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में
एक ऐतिहासिक कदम माने जा रहे हैं।
यह महत्वपूर्ण साझेदारी IPC और उत्तर–पूर्व क्षेत्र के संस्थानों द्वारा
दवा गुणवत्ता निगरानी, सुरक्षित दवा उपयोग, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के मानकीकरण और
नेशनल फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया (NFI) के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में
नए अवसर स्थापित करेगी।
भारत में किसी भी “राज्य चिकित्सा परिषद” के साथ पहला समझौता — ऐतिहासिक उपलब्धि
नागालैंड चिकित्सा परिषद के साथ हुआ यह समझौता उल्लेखनीय है क्योंकि
भारत में पहली बार किसी राज्य चिकित्सा परिषद ने IPC के साथ
फार्माकोविजिलेंस और मैटेरियोविजिलेंस कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए
औपचारिक MoU किया है।
यह समझौता प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर बड़े अस्पतालों तक
रोगी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
समारोह के प्रमुख प्रतिभागी
इन MoU पर हस्ताक्षर IPC के
सचिव–सह–वैज्ञानिक निदेशक डॉ. वी. कलईसेल्वन और
नागालैंड के संबंधित संस्थानों —
डॉ. केविलहुली मेयासे (रजिस्ट्रार, नागालैंड मेडिकल काउंसिल),
श्रीमती इमलीला (सहायक औषधि नियंत्रक, NSDCA)
और श्री खेले थोरी (रजिस्ट्रार, नागालैंड फार्मेसी काउंसिल) —
की उपस्थिति में हुए।
उद्घाटन सत्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के
एएस एंड एफए श्री होवेदा अब्बास और
नागालैंड के स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अनूप खिंची भी मौजूद रहे।
MoU के मुख्य उद्देश्य — प्रदेश में दवा और चिकित्सा उपकरण सुरक्षा को नई दिशा
इन तीनों MoU का लक्ष्य नागालैंड में स्वास्थ्य सेवा को नई दिशा देना है।
MoU के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- फार्मा और सामग्री क्षेत्र में निगरानी को सशक्त बनाना
- ADR और मेडिकल डिवाइस से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्टिंग को बढ़ावा देना
- फार्माकोविजिलेंस एवं मैटेरियोविजिलेंस गतिविधियों का विस्तार
- राज्य भर में ADR मॉनिटरिंग सेंटर (AMC) और MDMC की स्थापना
- स्वास्थ्य कर्मियों — डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट — का क्षमता निर्माण
- NFI को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मानक संदर्भ दस्तावेज के रूप में प्रचलित करना
- राज्य में सुरक्षित और तर्कसंगत दवा उपयोग को बढ़ावा देना
उत्तर–पूर्व का पहला अवसर — NSDCA के साथ IPC का दूसरा MoU
NSDCA के साथ यह दूसरा आधिकारिक MoU है और
उत्तर–पूर्व भारत में अपनी तरह का पहला समझौता है।
इससे नागालैंड में दवा परीक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी तंत्र
और अधिक मजबूत होगा।
इस पहल से राज्यभर में दवा गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं को
भारतीय फार्माकोपिया संदर्भ पदार्थों का उपयोग आसान होगा।
राज्य फार्मेसी परिषद के साथ MoU — देश में चौथा समझौता
नागालैंड राज्य फार्मेसी परिषद के साथ हुआ MoU देश का
चौथा ऐसा समझौता है, जिसका उद्देश्य है:
- फार्मासिस्टों में दवा सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना
- अस्पतालों और PHCs में दवा उपयोग की जवाबदेही को मजबूत करना
- ADR/MDMC प्रणाली को व्यापक बनाना
- फार्मासिस्टों एवं दवा निरीक्षकों का क्षमता निर्माण
MoU से मिलने वाले व्यापक लाभ
इन MoU के बाद IPC नागालैंड के स्वास्थ्य ढाँचे के साथ मिलकर
निम्न क्षेत्रों में गहन सहयोग करेगा:
- ADR रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने वाले सिस्टम का निर्माण
- स्वास्थ्य सेवाओं में NFI का अनिवार्य उपयोग
- चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, वैज्ञानिकों और फार्मासिस्टों का उन्नत प्रशिक्षण
- राज्य में फार्माकोविजिलेंस वीक का वार्षिक आयोजन
- उद्योग हितधारकों, ड्रग इंस्पेक्टरों और मेडिकल कॉलेजों के साथ सामंजस्य
- दवा और उपकरण सुरक्षा के क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना
नागालैंड में दवा सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करेगा यह सहयोग
IPC और नागालैंड राज्य के तीनों संस्थानों — NSDCA, राज्य फार्मेसी परिषद और
नागालैंड चिकित्सा परिषद — के बीच यह साझेदारी
दवा सुरक्षा, संरचित क्षमता निर्माण और रोगी सुरक्षा के नए मानक स्थापित करेगी।
यह संयुक्त पहल स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में विश्वास को बढ़ाएगी और
राज्य में सुरक्षित एवं तर्कसंगत दवा उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
📌 IPC–Nagaland MoU 2025 – Quick Exam Notes
- इवेंट: IPC द्वारा तीन MoU पर हस्ताक्षर
- संस्थान: नागालैंड मेडिकल काउंसिल, NSDCA, नागालैंड राज्य फार्मेसी परिषद
- उद्देश्य: दवा सुरक्षा, ADR रिपोर्टिंग, फार्माकोविजिलेंस एवं मैटेरियोविजिलेंस को बढ़ावा
- विशेष उपलब्धि: देश में पहली बार किसी राज्य मेडिकल काउंसिल के साथ IPC का MoU
- फोकस: सुरक्षित दवा उपयोग, क्षमता निर्माण, NFI का प्रचार
28 नवंबर का इतिहास: आज के दिन क्या हुआ था? | November 28 Today in History, Important Events & Significance
लेखक: Examseries
प्रकाशन तिथि: 28 November 2025
28 नवंबर: इतिहास, संस्कृति, राजनीति और विज्ञान का बहुआयामी दिन
28 नवंबर विश्व इतिहास में केवल एक दिन भर नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की प्रगति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, सामाजिक सुधार, विज्ञान एवं खोजों का एक विशाल अध्याय है। इस तिथि से जुड़ी घटनाएँ दर्शाती हैं कि कैसे विश्व और भारत ने अपने–अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे।
चाहे मंगल ग्रह पर पहली सफल फ्लाईबाई हो, द्वितीय विश्व युद्ध के निर्णायक राजनीतिक फैसले हों, महिलाओं के अधिकारों की दिशा में बढ़ाया गया ऐतिहासिक कदम हो, या भारत में समाज सुधार के महानायक—28 नवंबर मानव इतिहास के अनगिनत अध्यायों का मिलन-बिंदु है।
आज के समय में भी यह तिथि विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, प्रतियोगी परीक्षार्थियों और इतिहास प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
28 नवंबर: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस (Observances & Significance)
1. लाल ग्रह दिवस (Red Planet Day)
28 नवंबर को Red Planet Day मनाया जाता है, जिसका सीधा संबंध मानव अंतरिक्ष अन्वेषण की एक महान उपलब्धि से है।
28 नवंबर 1964 को नासा ने मेरिनर 4 (Mariner 4) अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से लॉन्च किया।
यह मिशन मंगल ग्रह की ओर भेजा गया पहला सफल फ्लाईबाई (Flyby) था, जिसने मंगल की सतह की नज़दीकी तस्वीरें धरती पर भेजीं।
इस खोज ने मानवता की लाल ग्रह के प्रति समझ को पूरी तरह बदल दिया और भविष्य के मंगल अभियानों की नींव रखी।
Red Planet Day का महत्व:
- अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान में मानव जिज्ञासा का प्रतीक
- STEM शिक्षा एवं विज्ञान के प्रति युवाओं में रुचि बढ़ाना
- मंगल पर जीवन और भविष्य के मानव मिशनों की संभावना को समझने की प्रेरणा
28 नवंबर: वैश्विक राजनीति और कूटनीति के महत्वपूर्ण अध्याय
1. 1943 – तेहरान सम्मेलन का आरम्भ (Start of the Tehran Conference)
द्वितीय विश्व युद्ध की दिशा बदलने वाले सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक 28 नवंबर 1943 से शुरू हुआ तेहरान सम्मेलन (Tehran Conference) था।
इस सम्मेलन में मित्र राष्ट्रों के तीन प्रमुख नेता सम्मिलित हुए—
- फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट (अमेरिकी राष्ट्रपति)
- विंस्टन चर्चिल (ब्रिटिश प्रधानमंत्री)
- जोसेफ स्टालिन (सोवियत संघ के नेता)
मुख्य उद्देश्य:
- नाज़ी जर्मनी को हराने की संयुक्त रणनीति तैयार करना
- यूरोप में “दूसरा मोर्चा” खोलने पर निर्णय
- युद्ध के बाद विश्व व्यवस्था के ढांचे पर प्रारंभिक चर्चा
यह सम्मेलन आने वाले वर्षों में
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की नींव रखने में भी सहायक साबित हुआ।
2. 1919 – ब्रिटिश संसद में महिला इतिहास का स्वर्णाक्षर
28 नवंबर 1919 को नैन्सी एस्टर (Nancy Astor) ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स की पहली महिला सांसद बनीं, जिन्होंने वास्तविक रूप से संसद में अपनी सीट संभाली।
यह दिन महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों और लैंगिक समानता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम था।
3. 1975 – पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता घोषणा
28 नवंबर 1975 को पूर्वी तिमोर (East Timor) ने पुर्तगाल से स्वतंत्रता की घोषणा की।
हालाँकि कुछ ही दिनों में इंडोनेशिया ने हमला कर नियंत्रण ले लिया, फिर भी यह घोषणा पूर्वी तिमोर की स्वतंत्रता संघर्ष का महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गई।
28 नवंबर: भारतीय इतिहास और सामाजिक परिवर्तन
1. 1890 – समाज सुधारक ज्योतिराव फुले का निधन
28 नवंबर 1890 को भारत के महान समाज सुधारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले का निधन हुआ।
उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना कर जातिवाद, बाल विवाह और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया।
प्रमुख योगदान:
- भारत में महिला शिक्षा की नींव रखना
- दलित वर्गों के उत्थान के लिए आंदोलन
- शोषण और असमानता के विरुद्ध सामाजिक क्रांति
उनकी विरासत आज भी सामाजिक न्याय और समानता का मार्गदर्शन करती है।
2. 2008 – मुंबई हमलों के शहीदों का स्मरण
26/11 मुंबई आतंकवादी हमला 28 नवंबर 2008 को समाप्त हुआ।
इस दिन भारत ने उन वीरों को याद किया जिन्होंने शहर को आतंक से बचाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
मुख्य शहीद:
- मेजर संदीप उन्नीकृष्णन – अशोक चक्र से सम्मानित
- एनएसजी कमांडो एवं मुंबई पुलिस के दर्जनों बहादुर अधिकारी
यह तिथि राष्ट्रीय सुरक्षा, वीरता और बलिदान की गहरी स्मृति में अंकित है।
28 नवंबर: जन्मे महान व्यक्तित्व (Famous Birthdays)
- प्रमोद करण सेठी (1927) – ‘जयपुर फुट’ के आविष्कारक, जिन्होंने कृत्रिम अंगों की दुनिया में क्रांति ला दी।
- क्लाउड लेवी-स्ट्रॉस (1908) – संरचनात्मक मानव विज्ञान के जनक, आधुनिक मानवविज्ञान की आधारशिला।
- हेनरी बेकन (1866) – प्रसिद्ध अमेरिकी वास्तुकार, जिन्होंने प्रतिष्ठित लिंकन मेमोरियल का डिजाइन किया।
निष्कर्ष: 28 नवंबर का वैश्विक प्रभाव
28 नवंबर वह तिथि है जो विज्ञान की ऐतिहासिक उपलब्धियों, द्वितीय विश्व युद्ध की निर्णायक राजनीति, भारत में सामाजिक सुधार, और विश्व स्तर पर मानव अधिकारों की प्रगति का सम्मिलित स्वरूप प्रस्तुत करती है।
यह तिथि हमें याद दिलाती है कि इतिहास केवल घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि समाज, राष्ट्र और विश्व को बदलने वाला निरंतर प्रक्रिया है।
28 नवंबर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा—खोज करने, सीखने, न्याय के लिए खड़े होने और मानवता के लिए आगे बढ़ने के लिए।
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28 November 2025 से बनने वाले Daily Current Affairs Quiz
28 November 2025 से शुरू होने वाला हमारा Daily Current Affairs Quiz आपके करंट अफेयर्स की तैयारी को अगले लेवल तक ले जाएगा। यह Quiz न सिर्फ UPSC, SSC, Bank, Railway, और State PCS जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए जरूरी सवालों को आसान और यादगार बनाता है, बल्कि रोज़ाना अभ्यास से आपकी रिवीजन तेज़, स्मार्ट और सटीक होती है। Daily Current Affairs Quiz के जरिए आप MCQ फॉर्मेट में सही जवाब देने की आदत डालेंगे, समय बचाएंगे और परीक्षा में Confidence बढ़ाएंगे। अगर आपकी तैयारी में Edge चाहिए और हर एग्ज़ाम में GK/Current Affairs से फ़ायदा उठाना है, तो यह Quiz आपके लिए सबसे प्रभावी तरीका है।
Q1. “सुजलम भारत विजन 2025” राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य निम्न में से किस विकल्प द्वारा सर्वाधिक उपयुक्त रूप से व्यक्त होता है?
A. ग्रामीण क्षेत्रों में केवल भूजल दोहन बढ़ाने की रणनीति बनाना
B. जल सुरक्षा, सामुदायिक भागीदारी और तकनीकी नवाचारों पर आधारित राष्ट्रीय एजेंडा तैयार करना
C. राज्यों के बीच जल-विवाद समाधान हेतु कानूनी तंत्र विकसित करना
D. अंतर्राष्ट्रीय जल-साझेदारी समझौतों पर हस्ताक्षर करना
उत्तर: B
व्याख्या: सम्मेलन का उद्देश्य जल सुरक्षा, स्थिरता, सामुदायिक सशक्तिकरण, तकनीक आधारित जल प्रबंधन तथा राष्ट्रीय कार्य-योजना तैयार करना था।
Q2. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के अनुसार भारत में 18% वैश्विक आबादी के लिए केवल 4% मीठे पानी का उपलब्ध होना किस प्रमुख चुनौती को दर्शाता है?
A. जल संसाधनों का अंतर्राष्ट्रीयकरण
B. जलवायु-आधारित अनुदानों की कमी
C. जल संसाधन–जनसांख्यिकीय असंतुलन
D. औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था में कमी
उत्तर: C
व्याख्या: भारत की बड़ी आबादी और सीमित मीठे जल संसाधनों का अनुपात “resource–population imbalance” का उदाहरण है, जो जल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाता है।
Q3. ‘गंगा पल्स पब्लिक पोर्टल’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. सिंचाई परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना
B. रियल-टाइम नदी स्वास्थ्य डेटा आम नागरिकों को उपलब्ध कराना
C. गंगा नदी क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देना
D. गंगा जल विवादों पर उच्च-स्तरीय न्यायिक निगरानी
उत्तर: B
व्याख्या: गंगा पल्स पोर्टल एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो नदी के स्वास्थ्य से जुड़े रियल-टाइम डेटा को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराता है।
Q4. “समृद्धि–MCAD योजनाएँ” मुख्यतः किस क्षेत्र से संबंधित हैं?
A. शहरी स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन
B. दबावयुक्त सिंचाई प्रणालियों और वैज्ञानिक सिंचाई अवसंरचना विकास
C. हाइड्रो–पावर क्षमता विस्तार
D. ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता परीक्षण
उत्तर: B
व्याख्या: समृद्धि–MCAD योजना का फोकस micro-irrigation, pressurized irrigation systems और आधुनिक वैज्ञानिक ढाँचों के माध्यम से सिंचाई दक्षता बढ़ाना है।
Q5. शिखर सम्मेलन में चर्चा किए गए ‘सुजलम भारत के 6 स्तंभों’ में निम्न में से कौन शामिल नहीं है?
A. ग्रेवाटर प्रबंधन एवं पुन: उपयोग
B. नदियों और झरनों का पुनरुद्धार
C. अंतरराज्यीय जल न्यायाधिकरणों का गठन
D. व्यवहार परिवर्तन एवं सामुदायिक भागीदारी
उत्तर: C
व्याख्या: 6 स्तंभों में नदी पुनरुद्धार, पेयजल स्थिरता, तकनीकी जल प्रबंधन, जल पुनर्भरण, ग्रेवाटर मैनेजमेंट और सामुदायिक भागीदारी शामिल हैं—अंतरराज्यीय जल न्यायाधिकरण नहीं।
Q6. International Fleet Review (IFR) 2025 का आयोजन किस देश द्वारा और किस विशेष अवसर पर किया गया?
A. भारत द्वारा — भारतीय नौसेना दिवस
B. श्रीलंका द्वारा — श्रीलंका नौसेना की 75वीं वर्षगांठ
C. मालदीव द्वारा — IOR सुरक्षा सम्मेलन
D. जापान द्वारा — इंडो–पैसिफिक शांति सम्मेलन
उत्तर: B
व्याख्या: IFR 2025 श्रीलंका नौसेना द्वारा उसकी 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर कोलंबो में आयोजित किया गया।
Q7. आईएनएस उदयगिरी किस परियोजना का हिस्सा है और इसकी क्षमताओं का मुख्य फोकस किस पर है?
A. Project 15B — एंटी–शिप मिसाइल क्षमता
B. Project 28 — तटीय गश्ती
C. Project 17A — बहु-आयामी युद्ध क्षमताएँ (Anti-Submarine, Anti-Air, Surface Warfare)
D. Project 75 — पनडुब्बी बेड़े का विस्तार
उत्तर: C
व्याख्या: INS Udaygiri, Project 17A फ्रिगेट श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें उन्नत सेंसर, एंटी-सबमरीन, एंटी-एयर और सतह युद्ध प्रणालियाँ शामिल हैं।
Q8. IFR 2025 में भारतीय नौसेना की भागीदारी भारत की किस समुद्री नीति के अनुरूप है?
A. Blue Water Expansion Doctrine
B. SAGAR – Security and Growth for All in the Region
C. Indian Ocean Rim Trade Pact
D. Maritime Silk Route Strategy
उत्तर: B
व्याख्या: IFR 2025 में भारतीय जहाजों का सम्मिलित होना भारत की SAGAR नीति तथा “Neighbourhood First” कूटनीति के अनुरूप है, जो क्षेत्रीय सहयोग पर जोर देती है।
Q9. आईएनएस विक्रांत की IFR 2025 में भागीदारी भारत की किन दो प्रमुख पहलों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करती है?
A. Make in India और Project Mausam
B. Atmanirbhar Bharat और स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता
C. Maritime Silk Route और Indo-Pacific Green Deal
D. Digital Ocean Mission और Blue Carbon Initiative
उत्तर: B
व्याख्या: INS Vikrant भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है और इसकी उपस्थिति Atmanirbhar Bharat तथा indigenous shipbuilding क्षमता की प्रत्यक्ष प्रदर्शनी है।
Q10. निम्न में से कौन-सा IFR 2025 के दौरान भारतीय जहाजों द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल नहीं है?
A. ओपन-शिप पहल
B. सिटी परेड
C. पेशेवर नौसैनिक संवाद
D. रक्षा निर्यात परिषद की स्थापना
उत्तर: D
व्याख्या: IFR में Fleet Review, सिटी परेड, ओपन-शिप और रणनीतिक संवाद जैसे कार्यक्रम शामिल थे—परंतु "रक्षा निर्यात परिषद की स्थापना" इससे संबंधित नहीं है।
Q11. भारतीय फार्माकोपिया आयोग (IPC) द्वारा नागालैंड के किन तीन संस्थानों के साथ किए गए MoU का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
A. राज्य में औषधियों का निर्यात बढ़ाना
B. दवा सुरक्षा, ADR रिपोर्टिंग और फार्माकोविजिलेंस तंत्र को सशक्त बनाना
C. चिकित्सा शिक्षण संस्थानों का मानकीकरण
D. निजी अस्पतालों को स्वैच्छिक मान्यता प्रदान करना
उत्तर: B
व्याख्या: तीनों MoU का केंद्र दवा सुरक्षा, प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया रिपोर्टिंग, फार्माकोविजिलेंस–मैटेरियोविजिलेंस और क्षमता निर्माण को मजबूत करना है।
Q12. भारत में IPC का किसी “राज्य चिकित्सा परिषद” के साथ समझौता किए जाने का यह पहला उदाहरण है। इस उपलब्धि का प्रमुख महत्व क्या है?
A. राष्ट्रीय स्तर पर दवा की कीमत निर्धारण में सुधार
B. प्राथमिक से tertiary स्तर तक रोगी सुरक्षा को संस्थागत रूप देना
C. देश में निजी चिकित्सकों के नियमन को सशक्त बनाना
D. दवा निर्यात नीति को राज्यों तक विस्तारित करना
उत्तर: B
व्याख्या: इस MoU के माध्यम से पहली बार राज्य चिकित्सा परिषद ने प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया निगरानी को स्वास्थ्य प्रणाली के सभी स्तरों से जोड़ा—जो रोगी सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक है।
Q13. NSDCA (Nagaland State Drug Control Administration) के साथ IPC के इस MoU की विशेषता क्या है?
A. यह देश में पहला ऐसा MoU है
B. यह उत्तर–पूर्व क्षेत्र में पहला और NSDCA के साथ दूसरा MoU है
C. यह केवल मेडिकल डिवाइस परीक्षण के लिए है
D. यह केवल फार्मेसी कॉलेजों के लिए सीमित है
उत्तर: B
व्याख्या: NSDCA के साथ यह IPC का दूसरा MoU है और उत्तर–पूर्व क्षेत्र में इस प्रकार का पहला औपचारिक सहयोग है, जिससे दवा गुणवत्ता परीक्षण और निगरानी तंत्र मजबूत होगा।
Q14. निम्न में से कौन-सा उद्देश्य नागालैंड राज्य फार्मेसी परिषद के साथ किए गए MoU का हिस्सा नहीं है?
A. दवा सुरक्षा के प्रति फार्मासिस्टों में जागरूकता बढ़ाना
B. ADR और MDMC प्रणाली को विस्तृत करना
C. फार्मासिस्टों एवं दवा निरीक्षकों का क्षमता निर्माण
D. औषधि निर्माण के लिए लाइसेंस प्रदान करना
उत्तर: D
व्याख्या: लाइसेंस प्रदान करना राज्य ड्रग कंट्रोल प्रशासन का कार्य है; यह MoU जागरूकता, क्षमता निर्माण और ADR रिपोर्टिंग पर केंद्रित है।
Q15. इन MoU के तहत नागालैंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु निम्न में से कौन-सा कदम प्रस्तावित है?
A. राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी करना
B. NFI का राज्यभर में मानक संदर्भ दस्तावेज के रूप में उपयोग
C. सभी अस्पतालों का डिजिटल ऑडिट
D. निजी अस्पतालों को अनिवार्य NABH प्रमाणन
उत्तर: B
व्याख्या: MoU का एक प्रमुख उद्देश्य नेशनल फॉर्मूलरी ऑफ इंडिया (NFI) को सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मानक संदर्भ दस्तावेज के रूप में लागू करना है, जिससे तर्कसंगत दवा उपयोग सुनिश्चित हो सके।