12 December Current Affairs PDF | Daily Current Affairs Quiz

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12 December Current Affairs in Hindi

नमस्कार दोस्तों! इस Daily Current Affairs 12 December 2025 अपडेट में प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं: भारत की जनगणना 2027 : भारत की जनगणना 2027 को कैबिनेट की मंजूरी, डिजिटल डेटा कलेक्शन, जाति सर्वे और 1.02 करोड़ मानव-दिवस रोजगार सृजन की बड़ी घोषणा।IFAD–India Day : रोम में IFAD–India Day पर भारत ने ग्रामीण परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण और जलवायु-लचीली कृषि को दुनिया के सामने सफल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।‘कोलसेतु’ विंडो को केंद्रीय मंजूरी : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘कोलसेतु’ विंडो को मंजूरी देकर औद्योगिक उपयोग व निर्यात के लिए कोयला लिंकेज नीलामी के नए युग की शुरुआत की। यह सामग्री UPSC, RPSC, RAS, SSC, Railway, Bank Exams, SBI, RBI, IBPS, State PSC और अन्य Competitive Exams के लिए महत्वपूर्ण Current Affairs, National Events, Government Schemes, Art & Culture Updates और Exam-Oriented Facts प्रदान करती है।

12 December Current Affairs PDF Formate download in Hindi

12 December के Current Affairs Download करें PDF में और साथ में December 2025 Current Affairs की Quiz पाये।

Table of Contents

  1. 12 December Current Affairs in Hindi
  2. India Census 2027 Approved
  3. India Showcases Global Model at IFAD–India Day
  4. Cabinet Clears ‘Kolssetu’ Window
  5. 12 दिसम्‍बर का इतिहास (12 December in History)
  6. 12 दिसम्‍बर 2025 करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी (12 December Quiz)

12 December 2025 Current Affairs in Hindi

Post Title 12 December 2025 Daily Current Affairs update
Total Questions 15 Important Current Affairs Questions
Category December Current Affair Quiz and Practise
Language केवल हिंदी medium में उपलब्ध
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भारत की जनगणना 2027 को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी: डिजिटल जनगणना, जाति डेटा संग्रह और 1.02 करोड़ मानव-दिवस के रोजगार सृजन की बड़ी घोषणा

Updated On: 12 December 2025

India Census 2027

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11,718.24 करोड़ रुपये की लागत से आयोजित होने वाली भारत की जनगणना 2027 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। भारत की जनगणना विश्व की सबसे बड़ी प्रशासनिक, सांख्यिकीय और समाजिक डेटा-संग्रह प्रणाली मानी जाती है। यह 2027 की जनगणना भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी।


📌 भारत की जनगणना 2027 — मुख्य तिथियाँ और चरण

  • 1️⃣ हाउसलिस्टिंग एवं हाउसिंग जनगणना: अप्रैल – सितंबर 2026
  • 2️⃣ जनसंख्या गणना (Population Enumeration): फरवरी 2027
  • विशेष क्षेत्र (लद्दाख, J&K, हिमाचल, उत्तराखंड): PE सितंबर 2026
  • कुल कर्मी: लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारी
  • बजट: ₹11,718.24 करोड़

जनगणना पूरे देश के हर घर में जाकर की जाएगी ताकि गांव से लेकर वार्ड और शहर स्तर तक सटीक, प्रमाणिक तथा डिजिटल डेटा उपलब्ध कराया जा सके।


🌍 जनगणना 2027 क्यों महत्वपूर्ण है?

  • भारत की सामाजिक, आर्थिक और जनसांख्यिकीय संरचना का सबसे बड़ा डेटा सेट तैयार होगा।
  • सरकार की योजनाओं, नीतियों और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए आधारभूत जानकारी उपलब्ध होगी।
  • सटीक डेटा से केंद्र और राज्य स्तर पर नीति निर्माण और लक्ष्य निर्धारण आसान होगा।
  • गांव/वार्ड स्तर तक उपलब्ध डेटा स्थानीय विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।

🛰️ जनगणना 2027 — भारत की पहली पूर्णतः डिजिटल जनगणना

भारत पहली बार पूरी तरह डिजिटल जनगणना की ओर बढ़ रहा है, जिसमें कई तकनीकी नवाचार शामिल किए गए हैं:

1️⃣ मोबाइल ऐप आधारित डेटा संग्रह

  • एंड्रॉयड और iOS के लिए समर्पित ऐप
  • रियल-टाइम एंट्री, सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन
  • त्रुटियों में कमी और समय की बचत

2️⃣ सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CMMS)

  • पूरी जनगणना प्रक्रिया की रियल-टाइम मॉनिटरिंग
  • डैशबोर्ड आधारित रिपोर्टिंग
  • डिजिटल सुपरविजन और डेटा मैनेजमेंट

3️⃣ हाउसलिस्टिंग ब्लॉक (HLB) क्रिएटर Web-GIS एप्लीकेशन

  • वेब मैपिंग टूल्स द्वारा हाउसिंग ब्लॉक्स का डिजिटल निर्माण
  • भौगोलिक सटीकता में वृद्धि

4️⃣ Self-Enumeration (जनता को स्वयं गिनती का विकल्प)

  • ऑनलाइन पोर्टल/ऐप के माध्यम से स्वयं परिवार की जानकारी भरने की सुविधा
  • Digital India मिशन को बढ़ावा

5️⃣ उच्च स्तरीय साइबर सुरक्षा

पूरी जनगणना प्रक्रिया एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और डिजिटल सुरक्षा प्रोटोकॉल पर आधारित होगी।


📌 जाति आधारित डेटा संग्रह — ऐतिहासिक निर्णय

कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने 30 अप्रैल 2025 को जनगणना 2027 में जाति गणना शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। यह डेटा पहली बार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी संकलित किया जाएगा।

भारत की सामाजिक-जनसांख्यिकीय विविधता को समझने और नीति निर्माण में नई दिशा देने में यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


👷 रोजगार सृजन — 1.02 करोड़ मानव-दिवस का अवसर

  • जनगणना 2027 में कुल 30 लाख फील्ड कर्मचारी नियुक्त होंगे।
  • सिर्फ तकनीकी कार्यों के लिए ही 18,600 तकनीकी विशेषज्ञ 550 दिनों तक तैनात रहेंगे।
  • कुल रोजगार क्षमता = 1.02 करोड़ मानव-दिवस
  • डिजिटल स्किल्स, IT, डेटा एनालिटिक्स में क्षमता-वृद्धि

इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को डिजिटल कार्य अनुभव मिलेगा।


📍 जनगणना 2027 — विस्तृत कार्यप्रणाली

  • हर घर में जाकर हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना
  • अलग-अलग प्रश्नावलियों के माध्यम से आबादी का डेटा संग्रह
  • स्कूल शिक्षक (गणनाकार) नियमित कार्य के साथ जनगणना करेंगे
  • उप-जिला से राज्य स्तर तक विशेष अधिकारी नियुक्त
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम — जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर

🌐 डेटा प्रसार — एक क्लिक में उपलब्ध जानकारी

  • डेटा मशीन-रीडेबल और मशीन-एक्शन योग्य प्रारूप में उपलब्ध
  • कस्टमाइज्ड विज़ुअलाइज़ेशन टूल्स
  • विलेज/वार्ड स्तर तक शुद्ध डेटा
  • Census as a Service (CaaS) प्रणाली

🏛 पृष्ठभूमि — भारत में जनगणना का इतिहास

  • 1872: पहली गैर-सिंक्रोनाइज्ड जनगणना
  • 1881: पहली सिंक्रोनाइज्ड जनगणना
  • 2027: भारत की 16वीं जनगणना
  • स्वतंत्रता के बाद 8वीं आधिकारिक जनगणना
  • कानूनी ढांचा: जनगणना अधिनियम 1948 एवं नियमावली 1990

जनगणना भारत की सबसे महत्वपूर्ण डेटा प्रणाली है, जो निम्न क्षेत्रों में डेटा प्रदान करती है:

  • जनसांख्यिकी, धर्म
  • SC/ST डेटा
  • भाषा, शिक्षा, साक्षरता
  • घर सुविधाएँ, परिसंपत्तियां
  • आर्थिक गतिविधि, प्रवासन
  • उर्वरता और सामाजिक पैटर्न

📘 UPSC, RPSC, SSC, RAS Exams के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • जनगणना 2027 — भारत की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना
  • कुल लागत — ₹11,718.24 करोड़
  • पहली पूर्ण डिजिटल जनगणना
  • CMMS पोर्टल + मोबाइल ऐप आधारित डेटा संग्रह
  • जाति आधारित डेटा — पहली बार इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रह
  • रोजगार क्षमता — 1.02 करोड़ मानव-दिवस
  • हाउसलिस्टिंग — अप्रैल-सितंबर 2026
  • जनसंख्या गणना — फरवरी 2027 (विशेष क्षेत्र: सितंबर 2026)

🌍 निष्कर्ष — भारत की सबसे आधुनिक और डिजिटल जनगणना

भारत की जनगणना 2027 न केवल एक प्रशासनिक कार्ययोजना है, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है। मोबाइल ऐप, रियल-टाइम मॉनिटरिंग, GIS तकनीक, साइबर सुरक्षा और जाति डेटा संग्रह जैसे नवाचार इस जनगणना को विश्व में सबसे उन्नत जनगणनाओं में से एक बनाते हैं।

यह जनगणना देश की सामाजिक-आर्थिक संरचना को समझने, गरीबी उन्मूलन एवं विकास योजनाओं को मजबूती देने के लिए ऐतिहासिक भूमिका निभाएगी।

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भारत सरकार ने रोम में आयोजित IFAD–India Day में ग्रामीण परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण और जलवायु-लचीली कृषि का वैश्विक मॉडल प्रस्तुत किया

Updated On: 12 December 2025

IFAD India Day 2025

भारत सरकार ने रोम (इटली) में आयोजित प्रतिष्ठित IFAD–India Day कार्यक्रम में ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, जलवायु-लचीली कृषि और सामुदायिक-नेतृत्व वाले विकास मॉडल में अपने उल्लेखनीय और नवाचारी कार्यों का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। यह कार्यक्रम International Fund for Agricultural Development (IFAD) के साथ भारत की 48 वर्षों से जारी मजबूत, विश्वसनीय और परिवर्तनकारी साझेदारी का उत्सव था।


🌍 IFAD–India Day 2025: भारत के ग्रामीण विकास मॉडल की वैश्विक सराहना

IFAD के अध्यक्ष अल्वारो लारियो ने कहा कि भारत की समुदाय-आधारित ग्रामीण परिवर्तन और विकास रणनीतियाँ वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय मॉडल बन चुकी हैं। उन्होंने भारत की उन पहलों की प्रशंसा की, जिन्होंने महिलाओं, किसानों, युवाओं और जलवायु-संवेदनशील समुदायों को सशक्त बनाया है।

भारत की ओर से कार्यक्रम को आर्थिक कार्य विभाग (DEA) की अपर सचिव और IFAD में भारत की वैकल्पिक गवर्नर सुश्री अनु मथाई ने संबोधित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत–IFAD साझेदारी की नींव “समावेशिता, स्थिरता और समुदाय-नेतृत्व” जैसे साझा मूल्यों पर टिकी है।


📌 भारत–IFAD साझेदारी: 48 वर्षों की विकास यात्रा

  • 36 ग्रामीण विकास परियोजनाएँ संयुक्त रूप से लागू
  • 4.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कुल परियोजना लागत
  • 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष IFAD योगदान
  • वर्तमान में 459 मिलियन USD की छह परियोजनाएँ क्रियान्वयनाधीन
  • 2.65 का सह-वित्तपोषण अनुपात — वैश्विक औसत से कहीं अधिक

यह अनुपात भारत की मजबूत प्रतिबद्धता और IFAD के प्रति विश्वास का प्रतीक है।


🌱 ग्रामीण परिवर्तन में भारत की उपलब्धियाँ — राज्यवार मुख्य सफलताएँ

  • मेघालय: 45,000+ ग्रामीण उद्यमियों के लिए बाजार पहुंच का विस्तार
  • महाराष्ट्र: महिलाओं की रोजगार क्षमता और आय में वृद्धि
  • जम्मू एवं कश्मीर: 3 लाख छोटे किसानों में जलवायु-लचीलापन बढ़ाना
  • उत्तराखंड: आय बढ़ाकर प्रवासन को कम करना

ये उपलब्धियाँ साबित करती हैं कि भारत की ग्रामीण परिवर्तन नीति जमीनी स्तर पर प्रभावी और परिणामोन्मुख है।


👩‍🌾 महिला सशक्तिकरण और SHG मॉडल — वैश्विक पहचान

कार्यक्रम में भारत की महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) मॉडल को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। भारत में छोटे बचत समूहों से विकसित होकर महिला समूह अब:

  • बड़े आर्थिक संस्थानों में परिवर्तित हो रहे हैं
  • ग्रामीण उद्यमिता को नई दिशा दे रहे हैं
  • मल्टी-लेवल मूल्य श्रृंखला में भागीदारी बढ़ा रहे हैं

यह मॉडल अब दुनिया भर में गरीबी उन्मूलन और महिला नेतृत्व के लिए “सर्वश्रेष्ठ अभ्यास” (Best Practice) के रूप में अपनाया जा रहा है।


🗣️ भारत का प्रतिनिधित्व — वैश्विक स्तर पर ग्रामीण नेतृत्व का संदेश

IFAD में भारत के वैकल्पिक स्थायी प्रतिनिधि डॉ. जुज्जवरपु बालाजी ने भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि भारत अगले वर्षों में IFAD के साथ ग्रामीण विकास सहयोग को और मजबूत करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य:

  • सफल मॉडलों को बड़े पैमाने पर लागू करना
  • ग्रामीण समुदायों को बदलती वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाना
  • जलवायु-स्मार्ट कृषि और डिजिटल नवाचारों का विस्तार

🌐 भारत — दक्षिण-दक्षिण सहयोग का वैश्विक नेता

भारत IFAD के संस्थापक सदस्यों और प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है। भारत निम्न क्षेत्रों में वैश्विक दक्षिण (Global South) को अपनी विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है:

  • ग्रामीण संस्थान निर्माण
  • मूल्य श्रृंखला (Value Chain) विकास
  • जलवायु-स्मार्ट एवं लचीली कृषि
  • कौशल विकास और ग्रामीण उद्यमिता
  • किसानों की बाजार पहुंच बढ़ाना

भारत की यह भूमिका न केवल उसकी क्षमता को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक सहयोग में उसकी नेतृत्वकारी स्थिति को भी स्थापित करती है।


📘 UPSC / RPSC / SSC / RAS / State Exams के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • IFAD का पूर्ण रूप — International Fund for Agricultural Development
  • IFAD–India साझेदारी — 48 वर्षों से सक्रिय
  • 36 परियोजनाएँ | 4.4 अरब USD कुल लागत | 1.5 अरब USD IFAD योगदान
  • 459 मिलियन USD की 6 वर्तमान परियोजनाएँ
  • 2.65 सह-वित्तपोषण अनुपात — वैश्विक औसत से अधिक
  • प्रमुख राज्य: मेघालय, महाराष्ट्र, जम्मू–कश्मीर, उत्तराखंड
  • महिला SHG मॉडल — भारत का वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त मॉडल
  • भारत — दक्षिण-दक्षिण सहयोग में अग्रणी भूमिका
  • कार्यक्रम स्थान — रोम, इटली

🌍 निष्कर्ष — ग्रामीण परिवर्तन में भारत का उभरता वैश्विक नेतृत्व

IFAD–India Day 2025 ने भारत की ग्रामीण विकास नीति, महिला नेतृत्व, सामाजिक परिवर्तन और जलवायु-लचीली कृषि मॉडल को विश्व मंच पर स्थापित किया है। भारत और IFAD की साझेदारी न केवल वित्तीय सहयोग का उदाहरण है, बल्कि यह एक ऐसी दृष्टि पर आधारित है जिसमें ग्रामीण समुदाय विकास प्रक्रिया के केंद्र में हैं।

भारत का उद्देश्य स्पष्ट है — सतत, समावेशी और सामुदायिक-नेतृत्वित ग्रामीण विकास को वैश्विक स्तर तक पहुँचाना। यह कार्यक्रम भारत की बदलती ग्रामीण अर्थव्यवस्था और वैश्विक सहयोग में बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘कोलसेतु’ विंडो को मंजूरी दी: औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए कोयला लिंकेज नीलामी को नई दिशा

Updated On: 12 December 2025

Coalsetu Window India

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने आज औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए कोयला लिंकेज की नीलामी हेतु एक नई नीति — “कोलसेतु विंडो” को मंजूरी दे दी। यह नई विंडो भारत की 2016 की एनआरएस (Non-Regulated Sector) लिंकेज नीति में जोड़ी गई है और कोयला क्षेत्र में जारी सुधारों को नया आयाम प्रदान करती है।

नई व्यवस्था का उद्देश्य है — नीतिगत पारदर्शिता, कोयले की न्यायसंगत पहुंच, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बेहतर आपूर्ति, आयात में कमी और संसाधनों का कुशल उपयोग।


📌 क्या है ‘कोलसेतु’ विंडो?

सरकार ने 2016 की एनआरएस लिंकेज नीति में एक नई अलग विंडो (Sub-Sector) जोड़ी है, जिसके तहत:

  • किसी भी प्रकार के औद्योगिक उपयोग के लिए
  • कोयले के निर्यात के लिए
  • दीर्घकालिक कोयला लिंकेज की नीलामी होगी
  • इसमें कोई भी घरेलू कोयला उपभोक्ता भाग ले सकता है
  • ट्रेडर्स को भाग लेने की अनुमति नहीं होगी
  • कोकिंग कोल इस विंडो में ऑफर नहीं किया जाएगा

यह नीति कोयला क्षेत्र को अधिक खुला, प्रतिस्पर्धी और बाज़ार आधारित बनाती है — ठीक वैसे ही जैसे वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला क्षेत्र खोले जाने पर हुआ था।


🌍 एनआरएस लिंकेज नीति 2016 बनाम नई ‘कोलसेतु’ विंडो

मौजूदा एनआरएस नीति (2016) नई कोलसेतु विंडो (2025)
निर्दिष्ट अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए कोयला लिंकेज किसी भी औद्योगिक उपयोगकर्ता को भाग लेने की अनुमति
उद्योग: सीमेंट, स्टील, स्पंज आयरन, एल्युमीनियम आदि कोई भी गैर-निर्दिष्ट उद्योग + निर्यातक शामिल
लिंकेज का उपयोग केवल घरेलू उद्देश्यों तक सीमित 50% कोयला निर्यात करने की अनुमति
ट्रेडर्स की प्रतिबंधित भागीदारी ट्रेडर्स पर पूर्ण प्रतिबंध
अंतिम उपयोग प्रतिबंध लागू कोई अंतिम उपयोग प्रतिबंध नहीं

🔥 नई कोलसेतु विंडो के महत्वपूर्ण प्रावधान

  • घरेलू औद्योगिक उपभोक्ता दीर्घकालिक कोयला लिंकेज के लिए नीलामी में भाग ले सकेंगे।
  • लिंकेज को स्व-उपयोग, कोयला धुलाई (Coal Washing) और निर्यात के लिए प्रयुक्त किया जा सकेगा।
  • कोल लिंकेज धारक अपनी लिंकेज क्वांटिटी का 50% तक निर्यात कर सकेंगे।
  • कोयले का उपयोग समूह की अन्य कंपनियों में भी लचीले ढंग से किया जा सकेगा।
  • कोकिंग कोल इस विंडो में शामिल नहीं होगा।
  • निर्दिष्ट औद्योगिक उपयोगकर्ताओं की मौजूदा नीलामी प्रक्रिया यथावत जारी रहेगी।
  • कोयला वाशरीज को लिंकेज मिलने से देश में धुले हुए कोयले (Washed Coal) की उपलब्धता बढ़ेगी।

🌱 नीति क्यों आवश्यक थी? (Background Analysis)

देश की ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने और आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए कोयला क्षेत्र में अधिक लचीलापन आवश्यक था।

मुख्य कारण:

  • देश की बढ़ती औद्योगिक मांग
  • वर्तमान कोयला भंडारों का तेजी से उपयोग
  • ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा
  • औद्योगिक क्षेत्रों में आपूर्ति बाधाओं को कम करना
  • आयातित कोयले पर निर्भरता कम करना
  • निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा प्राप्ति

🚢 निर्यात को बढ़ावा — भारतीय कोयले के लिए नया अवसर

नई नीति के तहत:

  • कोल लिंकेज धारक अपने कोयले का 50% तक निर्यात कर सकते हैं।
  • धुले हुए कोयले की अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्च मांग है।
  • भारतीय कंपनियों को नए वैश्विक बाजार अवसर प्राप्त होंगे।

इससे भारत को विदेशी मुद्रा कमाने और कोयला उद्योग के विविधीकरण में मदद मिलेगी।


🏭 उद्योगों को लाभ — कौन-कौन से सेक्टर प्रभावित?

  • सिरेमिक उद्योग
  • ईंट एवं टाइल उद्योग
  • स्टील (नॉन-कोकिंग)
  • स्पंज आयरन
  • पेपर उद्योग
  • थर्मल इंडस्ट्री
  • एल्युमीनियम
  • रसायन उद्योग
  • कोल वाशरीज
  • नए औद्योगिक उपक्रम

📘 UPSC, RPSC, SSC, RAS Exams के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • ‘कोलसेतु विंडो’ — कोयला लिंकेज की नीलामी के लिए नई उप-विंडो
  • यह 2016 की NRS लिंकेज नीति में जोड़ी गई है
  • किसी भी औद्योगिक उपयोग + निर्यात हेतु लिंकेज
  • कोयला लिंकेज का 50% निर्यात करने की अनुमति
  • ट्रेडर्स को भाग लेने की अनुमति नहीं
  • कोकिंग कोयला इस नीति के तहत नहीं दिया जाएगा
  • समूह कंपनियों के बीच कोयला उपयोग में लचीलापन
  • कोयला वाशरीज को लिंकेज — धुले कोयले की उपलब्धता में वृद्धि
  • सरकार के कोयला क्षेत्र सुधारों की श्रृंखला को आगे बढ़ाती है
  • नीति का मुख्य उद्देश्य — पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा, ऊर्जा सुरक्षा

🌍 निष्कर्ष — कोयला क्षेत्र में बड़ा सुधार, उद्योगों के लिए नया अवसर

‘कोलसेतु’ विंडो भारत की कोयला नीति में एक बड़ा सुधार है। यह न केवल उद्योगों को सस्ती और स्थिर कोयला आपूर्ति प्रदान करेगी, बल्कि निर्यात को बढ़ावा देकर भारत को वैश्विक बाजार में भी मजबूत बनाएगी। इस नीति से देश की ऊर्जा सुरक्षा बेहतर होगी, आयात पर निर्भरता कम होगी और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और लचीलेपन का यह नया अध्याय भारत के ऊर्जा भविष्य को और मजबूत करेगा।

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12 दिसंबर का इतिहास: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व, दिवस, घटनाएँ, जन्मदिवस और सामान्य ज्ञान

लेखक: Examseries
प्रकाशन तिथि: 12 December 2025


12 दिसंबर: भारत और विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण तिथि

12 दिसंबर का दिन भारत और विश्व इतिहास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन न केवल महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं बल्कि कई ऐतिहासिक घटनाएँ भी हुई हैं जिन्होंने राजनीति, संस्कृति, भूगोल, अंतर्राष्ट्रीय संबंध, वैश्विक स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ा।

UPSC, SSC, RPSC, State PSC, Railway, Defence Exams जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में 12 दिसंबर से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इसलिए इस तिथि का विस्तृत अध्ययन परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। यह लेख 12 दिसंबर के इतिहास, व्यक्तित्वों, घटनाओं और दिवसों को विस्तार से समझने में आपकी सहायता करेगा।


12 दिसंबर: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस

1. अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस (International Universal Health Coverage Day)

हर वर्ष 12 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य कवरेज दिवस मनाया जाता है। यह दिवस विश्व स्तर पर मजबूत, टिकाऊ, सुलभ और न्यायसंगत स्वास्थ्य प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। 2012 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को सार्वभौमिक पहुँच देने की ऐतिहासिक प्रतिज्ञा को स्मरण करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।

UPSC और State PSC परीक्षाओं में Universal Health Coverage (UHC), WHO की रिपोर्ट, हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग जैसे विषयों से जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।

2. पॉइन्सेटिया दिवस (Poinsettia Day)

12 दिसंबर को उत्तरी अमेरिका में पॉइन्सेटिया दिवस मनाया जाता है, जो आकर्षक लाल पत्तियों वाले लोकप्रिय शीतकालीन पौधे ‘Poinsettia’ को समर्पित है। इसे लोकप्रिय बनाने का श्रेय जोएल रॉबर्ट पॉइन्सेट को जाता है, जिनका निधन 12 दिसंबर को हुआ था। यह पौधा क्रिसमस के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है।

3. ग्वाडालूप की माता का पर्व (Feast of Our Lady of Guadalupe)

12 दिसंबर को कैथोलिक समुदाय द्वारा Our Lady of Guadalupe का पर्व मनाया जाता है। यह मैक्सिको और लैटिन अमेरिकी देशों में अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है और इसे करोड़ों लोग श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह पर्व विश्वास, संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।


12 दिसंबर: भारतीय और विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

1. भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ

  • 1911 – दिल्ली बनी भारत की राजधानी
    12 दिसंबर 1911 को किंग जॉर्ज पंचम ने दिल्ली दरबार के दौरान घोषणा की कि भारत की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया जाएगा। यह निर्णय भारत की प्रशासनिक संरचना और राजनीतिक भूगोल को बदलने वाला ऐतिहासिक क्षण था।
  • 1984 – राष्ट्रीय युवा दिवस की घोषणा
    स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित होकर भारत सरकार ने 12 दिसंबर 1984 को उनके जन्मदिवस (12 जनवरी) को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह युवा शक्ति, राष्ट्र निर्माण और प्रेरक नेतृत्व का संदेश देता है।
  • 1996 – भारत–बांग्लादेश गंगाजल बंटवारा संधि
    12 दिसंबर 1996 को भारत और बांग्लादेश के बीच 30-वर्षीय गंगा जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा कदम था और जल संसाधन प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण संधियों में गिना जाता है।

2. विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

  • 1787 – अमेरिकी संविधान को पेंसिल्वेनिया की मंजूरी
    इस दिन पेंसिल्वेनिया अमेरिका का दूसरा राज्य बना जिसने अमेरिकी संविधान को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया। इसने आधुनिक लोकतांत्रिक शासन की नींव मजबूत की।
  • 1915 – फ्रैंक सिनात्रा का जन्म
    विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी गायक, अभिनेता और मनोरंजन उद्योग की दिग्गज शख्सियत फ्रैंक सिनात्रा का जन्म 12 दिसंबर 1915 को हुआ। उनकी संगीत विरासत आज भी लोकप्रिय है।
  • 1925 – दुनिया का पहला मोटेल
    कैलिफोर्निया के सैन लुइस ओबिस्पो में दुनिया का पहला मोटेल ‘Milestone Mo-Tel’ खुला। इसने आधुनिक यात्रा संस्कृति में बड़ा बदलाव लाया और सड़क यात्राओं के लिए ठहरने की सुविधा में क्रांति लाई।
  • 1963 – केन्या को स्वतंत्रता
    12 दिसंबर 1963 को केन्या को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली और यह एक संप्रभु राष्ट्र बना। यह अफ्रीका में उपनिवेशवाद के अंत की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
  • 2000 – अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
    अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोरिडा पुनर्मतगणना को रोकते हुए राष्ट्रपति चुनाव परिणाम को अंतिम किया, जिससे जॉर्ज डब्ल्यू. बुश की राष्ट्रपति बनने की राह खुल गई। यह अमेरिकी चुनाव इतिहास के महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है।

12 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

  • 1872 – बालकृष्ण शिवराम मुंजे
    भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण नेता और हिंदू महासभा से जुड़े प्रमुख व्यक्तित्व। सैन्य शिक्षा और राष्ट्रीय चेतना के प्रसार में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही।
  • 1863 – एडवर्ड मंच
    विश्व प्रसिद्ध नॉर्वेजियन चित्रकार, जिनकी सुप्रसिद्ध पेंटिंग “The Scream” आधुनिक कला की सबसे प्रतीकात्मक कृतियों में से एक है।
  • 1950 – रजनीकांत
    भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार, जिनकी लोकप्रियता भारत से लेकर एशिया तक फैली है। उनकी अभिनय शैली, सरल व्यक्तित्व और विशाल फैन फॉलोइंग उन्हें अद्वितीय बनाते हैं।
  • 1954 – हेमंत करकरे
    मुंबई के एटीएस प्रमुख और वीर IPS अधिकारी, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए। उन्होंने बहादुरी और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक स्थापित किया।
  • 1981 – युवराज सिंह
    भारतीय क्रिकेट टीम के प्रसिद्ध खिलाड़ी, जिन्होंने 2007 टी20 विश्व कप में छह गेंदों पर छह छक्के लगाने का अविस्मरणीय रिकॉर्ड बनाया। इन्हें भारतीय क्रिकेट का “लौह पुरुष” भी कहा जाता है।

12 दिसंबर की पुण्यतिथियाँ

  • 1967 – जमीला बाई
    भारतीय संगीत जगत की ख्यातनाम गायिका, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत और ठुमरी शैली में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

12 दिसंबर: प्रमुख तथ्यों का सार

श्रेणी विवरण
अंतरराष्ट्रीय दिवस अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कवरेज दिवस, पॉइन्सेटिया दिवस, Our Lady of Guadalupe का पर्व
भारतीय ऐतिहासिक घटना 1911 – दिल्ली बनी भारत की राजधानी
विश्व ऐतिहासिक घटना 1963 – केन्या को स्वतंत्रता
जन्म रजनीकांत, युवराज सिंह, एडवर्ड मंच, मुंजे, हेमंत करकरे
पुण्यतिथि जमीला बाई

निष्कर्ष: 12 दिसंबर क्यों है महत्वपूर्ण?

12 दिसंबर इतिहास, राजनीति, संस्कृति, अंतरराष्ट्रीय संबंध और जनस्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़ी घटनाओं के कारण विशेष महत्व रखता है। भारत की राजधानी के परिवर्तन से लेकर वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता, स्वतंत्रता आंदोलनों, कला, संस्कृति और खेल जगत की उपलब्धियों तक—इस दिन की घटनाएँ व्यापक प्रभाव डालती हैं।

UPSC, SSC, RPSC, Railways, Defence Exams तथा State PSC परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न नियमित रूप से पूछे जाते हैं। इसलिए 12 दिसंबर का ऐतिहासिक और समसामयिक महत्व समझना परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत लाभकारी है।

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12 December 2025 से बनने वाले Daily Current Affairs Quiz

12 December 2025 से शुरू होने वाला हमारा Daily Current Affairs Quiz आपके करंट अफेयर्स की तैयारी को अगले लेवल तक ले जाएगा। यह Quiz न सिर्फ UPSC, SSC, Bank, Railway, और State PCS जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए जरूरी सवालों को आसान और यादगार बनाता है, बल्कि रोज़ाना अभ्यास से आपकी रिवीजन तेज़, स्मार्ट और सटीक होती है। Daily Current Affairs Quiz के जरिए आप MCQ फॉर्मेट में सही जवाब देने की आदत डालेंगे, समय बचाएंगे और परीक्षा में Confidence बढ़ाएंगे। अगर आपकी तैयारी में Edge चाहिए और हर एग्ज़ाम में GK/Current Affairs से फ़ायदा उठाना है, तो यह Quiz आपके लिए सबसे प्रभावी तरीका है।

1. जनगणना 2027 के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सही है? A. यह पूर्णतः पेपर आधारित जनगणना होगी B. इसमें जाति आधारित डेटा संग्रह शामिल नहीं होगा C. यह भारत की स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी D. इसमें मोबाइल ऐप के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है उत्तर: C व्याख्या: जनगणना 2027 देश की 16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी। पहली बार यह डिजिटल माध्यम से की जाएगी और जाति डेटा भी शामिल होगा। 2. जनगणना 2027 के पहले चरण (हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना) का आयोजन कब होगा? A. जनवरी–मार्च 2026 B. अप्रैल–सितंबर 2026 C. नवंबर 2026 D. फरवरी 2027 उत्तर: B व्याख्या: पहला चरण अप्रैल–सितंबर 2026 और दूसरा चरण (PE) फरवरी 2027 में आयोजित किया जाएगा, जबकि हिमालयी व बर्फ प्रभावित क्षेत्रों में PE सितंबर 2026 में होगी। 3. जनगणना 2027 में कुल अनुमानित कितने फील्ड कर्मचारी तैनात होंगे? A. 10 लाख B. 15 लाख C. 30 लाख D. 50 लाख उत्तर: C व्याख्या: लगभग 30 लाख गणनाकार और अधिकारी फील्ड में तैनात होंगे। 4. जनगणना 2027 के लिए विकसित ‘CMMS’ का मुख्य उद्देश्य क्या है? A. GIS मैपिंग B. वास्तविक समय मॉनिटरिंग और प्रबंधन C. जाति सत्यापन D. जनसंख्या प्रक्षेपण उत्तर: B व्याख्या: Census Management and Monitoring System (CMMS) पूरी जनगणना प्रक्रिया को रियल-टाइम आधार पर मॉनिटर करेगा। 5. जनगणना 2027 से लगभग कितने मानव-दिवस का रोजगार सृजन संभावित है? A. 25 लाख B. 50 लाख C. 75 लाख D. 1.02 करोड़ उत्तर: D व्याख्या: सरकार के अनुसार लगभग 1.02 करोड़ मानव-दिवस का स्थानीय रोजगार सृजन होगा। 6. IFAD-India साझेदारी ने अब तक कुल कितनी ग्रामीण विकास परियोजनाओं को समर्थन दिया है? A. 20 B. 28 C. 36 D. 42 उत्तर: C व्याख्या: भारत और IFAD ने पिछले 48 वर्षों में 36 ग्रामीण विकास परियोजनाओं को समर्थन दिया है। 7. भारत–IFAD वर्तमान सक्रिय पोर्टफोलियो का कुल अनुमानित मूल्य कितना है? A. 200 मिलियन USD B. 459 मिलियन USD C. 1.2 बिलियन USD D. 2 बिलियन USD उत्तर: B व्याख्या: वर्तमान में 459 मिलियन USD मूल्य की छह परियोजनाएँ कार्यान्वयन में हैं। 8. IFAD के साथ भारत का सह-वित्तपोषण अनुपात कितना है, जो वैश्विक औसत से काफी अधिक है? A. 1:1 B. 1.5:1 C. 2.65:1 D. 5:1 उत्तर: C व्याख्या: भारत का सह-वित्तपोषण अनुपात 2.65 है, जो वैश्विक औसत से बहुत अधिक है। 9. निम्न में से कौन-सा राज्य IFAD समर्थित परियोजनाओं में शामिल नहीं है? A. मेघालय B. महाराष्ट्र C. जम्मू-कश्मीर D. गुजरात उत्तर: D व्याख्या: समाचार में बताए गए राज्यों में मेघालय, महाराष्ट्र, J&K और उत्तराखंड शामिल थे—गुजरात का उल्लेख नहीं था। 10. भारत–IFAD सहयोग का प्रमुख फोकस क्या है? A. शहरी बुनियादी ढाँचा B. सामुदायिक नेतृत्व आधारित ग्रामीण परिवर्तन C. आयात बढ़ाना D. वाणिज्यिक उद्योगों को ऋण देना उत्तर: B व्याख्या: यह साझेदारी ग्रामीण समुदायों को विकास के केंद्र में रखकर सामुदायिक नेतृत्व वाले परिवर्तन पर आधारित है। 11. ‘कोलसेतु’ विंडो मुख्यतः किस उद्देश्य के लिए शुरू की गई है? A. कोयला आयात बढ़ाने के लिए B. कोकिंग कोल के वितरण के लिए C. किसी भी औद्योगिक उपयोग और निर्यात हेतु कोयला लिंकेज नीलामी के लिए D. घरेलू बिजली सब्सिडी के लिए उत्तर: C व्याख्या: कोलसेतु विंडो किसी भी औद्योगिक उपयोग और निर्यात के लिए दीर्घकालिक कोयला लिंकेज नीलामी की अनुमति देती है। 12. कोलसेतु विंडो के तहत किस श्रेणी के कोयले की पेशकश नहीं की जाएगी? A. नॉन-कोकिंग कोल B. कोकिंग कोल C. लिग्नाइट D. मिश्रित कोल उत्तर: B व्याख्या: इस विंडो के तहत कोकिंग कोल की पेशकश नहीं की जाएगी। 13. प्रस्तावित नई लिंकेज व्यवस्था में निम्न में से किसे भाग लेने की अनुमति नहीं है? A. घरेलू खरीदार B. औद्योगिक इकाइयाँ C. वॉशरी ऑपरेटर्स D. ट्रेडर्स उत्तर: D व्याख्या: नीति के अनुसार ट्रेडर्स को भाग लेने की अनुमति नहीं है। 14. कोलसेतु विंडो के तहत कोयला लिंकेज धारक अपनी लिंकेज मात्रा का अधिकतम कितना प्रतिशत निर्यात कर सकते हैं? A. 10% B. 25% C. 50% D. 100% उत्तर: C व्याख्या: लिंकेज धारक अपनी कोयला मात्रा का 50% निर्यात कर सकते हैं। 15. निम्न में से कौन-सा इस नीति के संभावित लाभों में शामिल नहीं है? A. धुले कोयले की बढ़ी उपलब्धता B. आयात घटने की संभावना C. ट्रेडर्स को अधिक अवसर D. कोयला संसाधनों का कुशल उपयोग उत्तर: C व्याख्या: ट्रेडर्स को इस विंडो में भाग लेने की अनुमति नहीं है, इसलिए उन्हें अधिक अवसर नहीं मिलेंगे।