4 December Current Affairs PDF | Daily Current Affairs Quiz

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4 December Current Affairs in Hindi | डेली करेंट अफेयर्स क्विज | 4 December महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स क्विज | Current Affairs PDF in Hindi

नमस्कार दोस्तों! इस Daily Current Affairs 4 December 2025 अपडेट में प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं: Mera Gaon Meri Dharohar: MGMD scheme me India ke 6.38 lakh gaon ka cultural mapping complete hua, jisme folk traditions, festivals, food, art aur heritage sites ka digital documentation include hai. Deep Sea Fishing Boost under PMMSY: PMMSY ke under govt ne deep sea fishing vessels, cold-chain, training aur cooperative support ke through fishermen ko Blue Economy me empower karna start kar diya hai.ISRO Upcoming Missions 2025–26 : ISRO 2026 tak 7 major space missions launch karega, jisme Gaganyaan ka uncrewed flight, ocean studies satellite, tech-demo TDS-01 aur NSIL ke commercial launches shamil hain. यह सामग्री UPSC, RPSC, RAS, SSC, Railway, Bank Exams, SBI, RBI, IBPS, State PSC और अन्य Competitive Exams के लिए महत्वपूर्ण Current Affairs, National Events, Government Schemes, Art & Culture Updates और Exam-Oriented Facts प्रदान करती है।

4 December 2025 Current Affairs in Hindi PDF Download | GK MCQ Quiz

4 December Current Affairs PDF Hindi में Download करें और साथ में December 2025 Current Affairs Quiz पाये।

Table of Contents

  1. 4 December Current Affairs in Hindi
  2. Mera Gaon Meri Dharohar (MGMD) – Cultural Mapping
  3. Deep Sea Fishing & Blue Economy – PMMSY
  4. ISRO Upcoming Missions & Gaganyaan
  5. 4 दिसम्‍बर का इतिहास (4 December in History)
  6. 4 दिसम्‍बर 2025 करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी (4 December Quiz)

4 December 2025 Current Affairs in Hindi

Post Title 4 December 2025 Daily Current Affairs update
Total Questions 15 Important Current Affairs Questions
Category December Current Affair Quiz and Practise
Language केवल हिंदी medium में उपलब्ध
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‘मेरा गाँव मेरी धरोहर’ योजना के तहत 6.38 लाख गांवों का सांस्कृतिक मानचित्रण — भारत की ग्रामीण विरासत को डिजिटल पहचान

Updated On: 04 दिसंबर 2025

Mera Gaon Meri Dharohar Cultural Mapping 2025

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना ‘मेरा गाँव मेरी धरोहर (MGMD)’ तेजी से ग्रामीण संस्कृति को डिजिटल रूप में संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कर रही है। वर्तमान में जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 6,38,365 गांवों को सांस्कृतिक मानचित्रण हेतु चिन्हित किया गया है, जिनमें से 6,23,449 गांवों का विस्तृत डेटा सफलतापूर्वक एमजीएमडी पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है।


🇮🇳 ग्रामीण भारत की सांस्कृतिक पहचान को डिजिटल रूप — MGMD की बड़ी उपलब्धि

केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि ‘मेरा गाँव मेरी धरोहर’ कार्यक्रम ग्रामीण भारत की अनूठी विरासत को सुरक्षित रखने का एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान है।

MGMD कार्यक्रम का उद्देश्य है:

  • देश के हर गाँव की सांस्कृतिक प्रोफ़ाइल तैयार करना
  • भारत की ग्रामीण परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर की डिजिटल दस्तावेज़ीकरण
  • स्थानीय विरासत, कला, शिल्प, आस्था और जन-परंपराओं को संरक्षित करना
  • गाँवों की पहचान को राष्ट्रीय मंच पर मजबूत करना

यह पहल ग्रामीण समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर को नए युग में संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।


📚 दस्तावेज़ीकरण में शामिल सांस्कृतिक तत्व — भारत की विरासत का व्यापक डिजिटल रिकॉर्ड

एमजीएमडी कार्यक्रम मूर्त (Tangible) और अमूर्त (Intangible) दोनों प्रकार की विरासत को समाहित करता है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण भारत के अनेक सांस्कृतिक तत्वों का सूक्ष्म दस्तावेज़ीकरण किया जा रहा है।

  • मौखिक परंपराएं और लोककथाएँ
  • स्थानीय विश्वास एवं रीति-रिवाज
  • ऐतिहासिक महत्व वाले स्थल
  • लोक कला, नृत्य शैली और पारंपरिक शिल्प
  • देवस्थल और स्थानीय विरासत स्थल
  • पारंपरिक भोजन एवं व्यंजन
  • ग्रामीण कलाकार एवं शिल्पी
  • मेले, उत्सव और धार्मिक पर्व
  • स्थानीय पोशाकें, आभूषण और वेशभूषा
  • प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल

इन सभी तत्वों का संरचित डेटा ग्रामीण संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


🌾 समुदाय-आधारित प्रयास — ग्रामीण भागीदारी को सशक्त बनाता MGMD पोर्टल

एमजीएमडी पोर्टल की सबसे उल्लेखनीय विशेषता है कि यह समुदाय-आधारित दस्तावेज़ीकरण पर केंद्रित है। स्थानीय समुदाय स्वयं अपने गांव की सांस्कृतिक पहचान और विरासत को प्रमाणित और अपलोड करते हैं, जिससे:

  • गाँवों की सांस्कृतिक पहचान मजबूत होती है
  • स्थानीय लोगों में अपनी विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ती है
  • डेटा अधिक विश्वसनीय और प्रामाणिक बनता है
  • ग्राम-स्तरीय जानकारी का राष्ट्रीय स्तर पर संकलन संभव होता है

इस पहल से न सिर्फ स्थानीय परंपराएँ संरक्षित हो रही हैं, बल्कि ग्रामीण भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक डिजिटल खजाना भी तैयार हो रहा है।


🏞️ एक राष्ट्रीय पोर्टल: सांस्कृतिक क्लस्टर विकास और ग्रामीण पर्यटन को नई दिशा

एमजीएमडी पोर्टल पर उपलब्ध संरचित सांस्कृतिक डेटा का उपयोग भविष्य में अनेक राष्ट्रीय स्तरीय योजनाओं और पहलों में किया जा सकेगा। यह पोर्टल निम्न क्षेत्रों में विशेष रूप से सहायक होगा:

  • सांस्कृतिक क्लस्टर विकास की योजना तैयार करने में
  • ग्रामीण एवं विरासत पर्यटन (Rural & Heritage Tourism) को प्रोत्साहित करने में
  • पारंपरिक कौशल और स्थानीय शिल्प उद्योग को बढ़ावा देने में
  • गांवों में सतत आजीविका और आर्थिक अवसर सृजित करने में
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में

यह योजना भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


📌 Quick Exam Notes — Mera Gaon Meri Dharohar (MGMD)

  • योजना: मेरा गाँव मेरी धरोहर (MGMD)
  • कुल चिन्हित गांव: 6,38,365
  • डेटा अपलोड: 6,23,449 गांव
  • लॉन्च उद्देश्य: ग्रामीण सांस्कृतिक विरासत का डिजिटल मानचित्रण
  • दस्तावेज़ीकरण: कला, परंपरा, वेशभूषा, मेले, त्योहार, लोककथाएँ, ऐतिहासिक स्थल
  • लाभ: ग्राम पहचान सुदृढ़, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत, विरासत संरक्षण
  • मंत्री: गजेंद्र सिंह शेखावत (संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय)
  • पोर्टल की विशेषता: समुदाय-आधारित दस्तावेज़ीकरण और जन-सत्यापन

🌍 निष्कर्ष — MGMD से ग्रामीण भारत को नई सांस्कृतिक पहचान

‘मेरा गाँव मेरी धरोहर’ कार्यक्रम ग्रामीण भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक अभूतपूर्व राष्ट्रीय अभियान बन चुका है। लाखों गांवों के सांस्कृतिक डेटा को एक ही मंच पर उपलब्ध कराकर यह कार्यक्रम भारतीय ग्रामीण विरासत को वैश्विक पहचान देने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।

यह योजना न केवल सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि ग्रामीण पर्यटन, पारंपरिक कौशल और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नए अवसर प्रदान करती है। MGMD निश्चित रूप से भारत के ग्रामीण विकास और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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गहरे समुद्र में मछली पकड़ने और नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा — PMMSY के तहत आधुनिक मरीन फिशिंग को नई दिशा

Updated On: 04 दिसंबर 2025

Deep Sea Fishing Blue Economy India 2025

भारत सरकार ग्रामीण और समुद्री क्षेत्रों में नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसी उद्देश्य से मत्स्यपालन विभाग द्वारा प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) को बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है। यह योजना न सिर्फ मछुआरों की आजीविका को सशक्त बनाती है, बल्कि देश की समुद्री अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

PMMSY का प्रमुख लक्ष्य है पारंपरिक और लघु स्तरीय मछुआरों को Deep Sea Fishing में सक्षम बनाना, ताकि वे सुरक्षित, आधुनिक और आर्थिक रूप से लाभदायक मरीन हार्वेस्टिंग तकनीकों का उपयोग कर सकें।


🛥️ PMMSY के तहत Deep Sea Fishing को बढ़ावा — पारंपरिक मछुआरों को आधुनिक सुविधाएँ

PMMSY योजना का मुख्य उद्देश्य है:

  • पारंपरिक मछुआरों को Deep Sea Fishing Vessels (DSFVs) उपलब्ध कराना
  • मौजूदा फिशिंग वेसल्स का अपग्रेडेशन ताकि वे निर्यात मानकों को पूरा कर सकें
  • समुद्री संसाधनों का सतत और सुरक्षित उपयोग
  • लघु स्तरीय मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए सक्षम बनाना

PMMSY के तहत सरकार मछुआरों को Deep Sea Fishing Vessels खरीदने और मौजूदा नावों को आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने के लिए वित्तीय सहायता, सब्सिडी, ट्रेनिंग और बीमा प्रदान कर रही है।


🤝 “Whole of Government Approach” — सहकारिता मंत्रालय और मत्स्यपालन विभाग का संयुक्त प्रयास

डीप सी फिशिंग को गति देने के लिए केंद्र सरकार जॉइंट वर्किंग ग्रुप (JWG) के माध्यम से सहकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रही है।

इस सहयोग से:

  • लघु स्तरीय मछुआरों की समुद्री गतिविधियों में भागीदारी बढ़ रही है
  • मूल्य श्रृंखला विकास (Value Chain Development) को मजबूती मिल रही है
  • निर्यात, प्रसंस्करण और विपणन क्षमता में सुधार हो रहा है
  • सहकारी समितियों के माध्यम से वित्तीय सहायता की पहुंच बढ़ी है

नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) इस पहल में महत्वपूर्ण वित्तीय भूमिका निभा रहा है।


📌 महाराष्ट्र मॉडल — 14 DSFVs के लिए 20.30 करोड़ की सहायता

महाराष्ट्र में सहकारी समितियों को मजबूत करते हुए NCDC ने:

  • 14 Deep Sea Fishing Vessels के लिए 20.30 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी
  • जिसमें 11.55 करोड़ रुपये NCDC ऋण सहायता
  • 6.72 करोड़ रुपये PMMSY सहायता
  • और 2.03 करोड़ रुपये समिति का स्व-योगदान शामिल है

इसी मॉडल को अपनाते हुए मुंबई की दो समितियों को 27 अक्टूबर 2025 को PMMSY के तहत 2 नए DSFVs प्रदान किए गए। यह सहकारी आधारित विकास का एक आदर्श उदाहरण है, जो पारंपरिक मछुआरों को गहरे समुद्र में आधुनिक तकनीक के साथ काम करने का अवसर देता है।


🌊 Deep Sea Fishing से बढ़ेगी Blue Economy — आधुनिक, सुरक्षित और लाभदायक मरीन हारवेस्टिंग

यह पहल भारत को एक सतत, सुरक्षित और आर्थिक रूप से लाभप्रद समुद्री प्रबंधन प्रणाली की ओर ले जा रही है।

सरकार निम्न सुविधाएँ उपलब्ध करवा रही है:

  • आधुनिक Deep Sea Fishing Vessels
  • कोल्ड चेन और स्टोरेज सुविधाएँ
  • प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
  • नई तकनीक और प्रशिक्षण
  • मछुआरों के लिए बीमा और सामाजिक सुरक्षा
  • समुद्री सुरक्षा किट और संचार उपकरण

इससे लघु स्तरीय मछुआरों को नई ऊर्जा मिली है और उन्हें गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के अवसर मिल रहे हैं।


💰 PMMSY और FIDF — भारत की अब तक की सबसे बड़ी निवेश योजनाएँ

मत्स्यपालन एवं मछुआरों के कल्याण हेतु सरकार ने भारी निवेश किया है:

  • PMMSY योजना: 2020–21 से अब तक 20,050 करोड़ रुपये का निवेश
  • FIDF फंड: 2018–19 से 7,522.48 करोड़ रुपये की सुविधा
  • FIDF के तहत क्रेडिट गारंटी सुविधा को 2023–24 से 2025–26 तक 3 वर्ष बढ़ाया गया है

ये दोनों योजनाएँ मछुआरों के लिए नाव, जाल, ट्रैकिंग उपकरण, सुरक्षा किट, वैकल्पिक आजीविका (Seaweed, Bivalve Farming) और कोल्ड-चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाएँ सुनिश्चित करती हैं।


⚓ फिशिंग हार्बर और लैंडिंग सेंटर का विकास — सुरक्षित लैंडिंग और निर्यात सुविधाएँ

PMMSY और FIDF दोनों में:

  • फिशिंग हार्बर का निर्माण
  • फिश लैंडिंग सेंटर की स्थापना
  • मरीन कोल्ड चेन का विकास
  • फिश मार्केट और प्रोसेसिंग यूनिट्स का निर्माण

इनसे भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था, मछली निर्यात क्षमता और तटीय आजीविका को नई गति मिल रही है।


📌 Quick Exam Notes — Deep Sea Fishing & Blue Economy India

  • योजना: प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)
  • मुख्य उद्देश्य: Deep Sea Fishing को बढ़ावा, मछुआरों का सशक्तिकरण
  • मुख्य सहयोग: मत्स्यपालन विभाग + सहकारिता मंत्रालय (JWG मॉडल)
  • प्रमुख लाभ: DSFV अधिग्रहण, नाव अपग्रेडेशन, सुरक्षा किट, बीमा
  • महत्वपूर्ण निवेश: PMMSY — 20,050 करोड़, FIDF — 7,522.48 करोड़
  • महाराष्ट्र मॉडल: 14 DSFV, लागत 20.30 करोड़
  • नीली अर्थव्यवस्था लक्ष्य: सतत, सुरक्षित और आधुनिक मरीन हारवेस्टिंग
  • मंत्री: राजीव रंजन सिंह (लल्लन सिंह)

🌍 निष्कर्ष — नीली अर्थव्यवस्था को नई दिशा, मछुआरों को नया भविष्य

भारत की नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए PMMSY, FIDF और सहकारिता आधारित मॉडल एक मजबूत सामूहिक ढांचा तैयार कर रहे हैं।

गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए आधुनिक वेसल्स, बेहतर सुरक्षा, कोल्ड-चेन, प्रोसेसिंग यूनिट्स और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता की तकनीकों के साथ भारत वैश्विक समुद्री बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर रहा है।

यह पहल न केवल मछुआरों की आजीविका को सशक्त बना रही है, बल्कि भारत को एक सस्टेनेबल, आधुनिक और आर्थिक रूप से मजबूत Blue Economy की ओर ले जा रही है।

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इसरो के आगामी अभियान और गगनयान कार्यक्रम — मार्च 2026 तक भारत के सात बड़े अंतरिक्ष मिशन

Updated On: 04 दिसंबर 2025

ISRO Upcoming Missions and Gaganyaan 2025

भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम लगातार नई ऊँचाइयों को छू रहा है। ISRO और न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) आने वाले डेढ़ वर्ष में कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय महत्व के मिशन लॉन्च करने जा रहे हैं। विभाग ने मार्च 2026 तक सात प्रमुख अभियान निर्धारित किए हैं, जिनमें वाणिज्यिक सैटेलाइट प्रक्षेपण, अत्याधुनिक तकनीकों के परीक्षण, रणनीतिक पृथ्वी अवलोकन मिशन और बहुप्रतीक्षित गगनयान कार्यक्रम का मानवरहित उड़ान परीक्षण शामिल है।

इन मिशनों का उद्देश्य न केवल भारत की अंतरिक्ष क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि देश को वैश्विक स्पेस मार्केट में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करना भी है।


🚀 मार्च 2026 तक ISRO के 7 बड़े अंतरिक्ष मिशन — विस्तृत सूची

क्र.सं. मिशन मुख्य उद्देश्य
1 LVM3 M6 / NSIL AST SpaceMobile USA के BlueBird Block-2 सैटेलाइट का समर्पित वाणिज्यिक प्रक्षेपण
2 PSLV-C62 / EOS-N1 रणनीतिक उपयोगकर्ता हेतु पृथ्वी अवलोकन उपग्रह + 18 को-पैसेंजर सैटेलाइट्स
3 HLVM3 G1 / OM-1 गगनयान का पहला मानवरहित मिशन — मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल, रिएंट्री और रिकवरी का परीक्षण
4 GSLV-F17 / EOS-05 सामरिक उपयोग के लिए पृथ्वी अवलोकन क्षमताओं का विस्तार
5 PSLV-C63 / TDS-01 उन्नत प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन — Electric Propulsion, Indigenous TWT Amplifier, Quantum Key Distribution
6 PSLV-N1 / EOS-10 पहला उद्योग-निर्मित PSLV, Ocean Studies हेतु EOS-10 + भारत-मॉरिशस संयुक्त उपग्रह IMJS का प्रक्षेपण
7 SSLV-L1 / NSIL NSIL का समर्पित वाणिज्यिक मिशन

🌐 अंतरिक्ष सुधारों का प्रभाव — NSIL भारत को Commercial Space Power बना रहा है

अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद NSIL ने वाणिज्यिक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। NSIL ने अब तक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और भारतीय ग्राहकों के लिए:

  • 5 PSLV
  • 2 LVM3
  • 2 SSLV

के माध्यम से कुल 137 ग्राहक उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है।

इसके साथ ही NSIL आने वाले 3–4 वर्षों में कम से कम 3 और वाणिज्यिक संचार उपग्रह लॉन्च करेगा।


🏭 भारतीय उद्योग में क्षमता निर्माण — 2026 तक आएगा पहला “Industry-Made PSLV”

भारत में अंतरिक्ष निर्माण क्षेत्र को मजबूत करने हेतु NSIL:

  • HAL और L&T कंसोर्टियम के साथ मिलकर 5 PSLV-XL रॉकेट बना रहा है
  • पहला "पूरी तरह भारतीय उद्योग द्वारा निर्मित PSLV" 2026 की पहली तिमाही में लॉन्च होगा
  • INSPIRE और HAL के बीच Technology Transfer Agreement सितंबर 2025 में हस्ताक्षरित किया गया

यह कदम भारत को वैश्विक वाणिज्यिक स्पेस लॉन्च मार्केट में बड़ी जगह बनाने में मदद करेगा।


🛰️ TDS-01: नई भारतीय तकनीकों का “Flying Test Bed”

TDS-01 मिशन में कई महत्वपूर्ण स्वदेशी तकनीकों का सत्यापन किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं:

  • High-Thrust Electric Propulsion System
  • Indigenous Traveling Wave Tube (TWT) Amplifier
  • Quantum Key Distribution (QKD) तकनीक

इन तकनीकों के सफल परीक्षण के बाद इन्हें भविष्य की नेविगेशन, संचार और पृथ्वी अवलोकन मिशनों में शामिल किया जाएगा।


👨‍🚀 गगनयान कार्यक्रम — पहला मानवरहित परीक्षण “G1” भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की दिशा में बड़ा कदम

HLVM3 G1 / OM-1 मिशन गगनयान कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण चरण है। इस मिशन द्वारा:

  • Human-Rated Launch Vehicle की Performance Testing
  • Orbital Module की Flight Validation
  • Crew Module की Re-entry और Recovery प्रक्रिया का परीक्षण

यह मिशन 2026–27 में प्रस्तावित भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन का पथ प्रशस्त करेगा।


🌊 OceanSat-3A (EOS-10) — समुद्र विज्ञान और मौसम विज्ञान के लिए भारत की बड़ी छलांग

EOS-10 ओशनसैट-3 श्रृंखला का उन्नत संस्करण है। इसमें निम्न पेलोड शामिल हैं:

  • Ocean Colour Monitor (OCM)
  • Scatterometer
  • Sea Surface Temperature Monitor (SSTM)
  • MATHS Atmospheric Sounder

यह उपग्रह ओशनसैट-3 (EOS-06) के साथ मिलकर:

  • संभावित मत्स्यन क्षेत्र की पहचान
  • क्लोरोफिल और फाइटोप्लांकटन मॉनिटरिंग
  • तटीय क्षेत्र प्रबंधन
  • साइक्लोन निगरानी
  • Numerical Weather Forecasting

जैसे महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराएगा।


📡 NVS-03 — NavIC सेवाओं को और मजबूत करने वाला रणनीतिक उपग्रह

NVS-03 उपग्रह भारत के स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम NavIC का हिस्सा है और यह उपयोग होगा:

  • Vehicle Tracking
  • Train Tracking
  • Fishermen Communication Services
  • Emergency Alert & Rescue Systems

यह भारत को PNT (Positioning, Navigation, Timing) सेवाओं में और अधिक आत्मनिर्भर बनाएगा।


🏆 भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा और STEM शिक्षा पर प्रभाव

चंद्रयान, आदित्य-L1 और अब गगनयान जैसे मिशन भारत को वैश्विक स्तर पर एक उभरती अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित कर चुके हैं। इन मिशनों से:

  • STEM शिक्षा में युवाओं की रुचि बढ़ती है
  • उन्नत हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकास को गति मिलती है
  • नई पीढ़ी में अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति प्रेरणा बढ़ती है
  • भारत की वैज्ञानिक क्षमता वैश्विक मंच पर मजबूत होती है

ISRO के आगामी मिशन राष्ट्र के वैज्ञानिक, सामरिक और आर्थिक भविष्य को नई ऊर्जा प्रदान करेंगे।


📌 Quick Exam Notes — ISRO Upcoming Missions (2025–26)

  • कुल मिशन: 7 प्रमुख अभियान
  • गगनयान: पहला मानवरहित मिशन HLVM3-G1
  • नई तकनीकें: Electric Propulsion, QKD, Indigenous TWT Amplifier
  • उद्योग भागीदारी: पहला Industry-Built PSLV 2026
  • NSIL: अब तक 137 ग्राहक उपग्रह लॉन्च
  • महत्वपूर्ण उपग्रह: EOS-10, TDS-01, EOS-05, NVS-03
  • लक्षित क्षेत्र: Ocean Studies, Weather Monitoring, Navigation, Strategic Applications

🌍 निष्कर्ष — भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का सुनहरा युग

ISRO और NSIL के ये आगामी मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं, औद्योगिक सामर्थ्य और वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को दर्शाते हैं।

गगनयान कार्यक्रम मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा, जबकि वाणिज्यिक मिशन देश को वैश्विक स्पेस मार्केट में एक अग्रणी शक्ति बनाएंगे। नई तकनीकों का विकास भारत को आत्मनिर्भर, नवाचार-प्रधान और वैज्ञानिक दृष्टि से सशक्त राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।

निस्संदेह, आने वाले वर्षों में भारत विश्व की अंतरिक्ष शक्तियों की प्रथम पंक्ति में खड़ा होगा।

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4 दिसंबर का इतिहास: भारतीय नौसेना दिवस, ऐतिहासिक घटनाएँ, जन्मदिवस और राष्ट्रीय महत्व

लेखक: Examseries एवं (Co-Writer: रविकान्‍त भार्गव)
प्रकाशन तिथि: 4 December 2025


4 दिसंबर: भारत के सैन्य गौरव और विश्व इतिहास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण तिथि

4 दिसंबर भारतीय इतिहास में एक गौरवपूर्ण और स्मरणीय दिन है, जिसे पूरे देश में भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमता, साहस और वीरता का प्रतीक है। विशेष रूप से ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता ने भारतीय नौसेना को विश्व मंच पर एक शक्तिशाली समुद्री सेना के रूप में स्थापित किया। इसके अतिरिक्त, इस तिथि से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऐतिहासिक घटनाएँ, सामाजिक सुधार तथा कई महान व्यक्तित्वों के जन्म जुड़े हुए हैं। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं—UPSC, SSC, State PSC, Railways—के लिए अत्यंत उपयोगी है।


4 दिसंबर: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस (Important Observances)

1. भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day)

हर साल 4 दिसंबर को भारत में भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन वीर नौसैनिकों के सम्मान का प्रतीक है जो दिन-रात देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करते हैं। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना की शक्ति, भूमिका, जिम्मेदारियों और राष्ट्र-निर्माण में उनके योगदान को जन-जन तक पहुँचाना है।


✔ ऑपरेशन ट्राइडेंट: 1971 युद्ध की ऐतिहासिक सफलता

4 दिसंबर 1971 की रात भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर ऑपरेशन ट्राइडेंट के तहत एक अभूतपूर्व समुद्री हमला किया। भारतीय नौसेना की मिसाइल नौकाओं ने:

  • PNS Khaibar सहित पाकिस्तान के चार जहाज नष्ट कर दिए,
  • कराची बंदरगाह को भारी क्षति पहुंचाई,
  • और सबसे विशेष बात—इस ऑपरेशन में कोई भी भारतीय सैनिक शहीद नहीं हुआ
इस ऑपरेशन ने विश्वभर में भारतीय नौसैनिक क्षमता और रणनीति की धाक जमा दी।


4 दिसंबर: भारतीय और विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

1. भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ

✔ 1829 – सती प्रथा पर प्रतिबंध

4 दिसंबर 1829 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने बंगाल प्रेसीडेंसी में सती प्रथा को गैरकानूनी घोषित कर दिया। यह सामाजिक कुप्रथा के अंत की दिशा में की गई सबसे महत्वपूर्ण पहल थी। इस सुधार में राजा राममोहन राय का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था, जिन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया।


2. विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ

✔ 1783 – जॉर्ज वॉशिंगटन का इस्तीफा

4 दिसंबर 1783 को अमेरिकी क्रांति के बाद जॉर्ज वॉशिंगटन ने कॉन्टिनेंटल आर्मी के कमांडर-इन-चीफ के पद से इस्तीफा देकर अमेरिका में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत किया।

✔ 1791 – दुनिया का पहला रविवार समाचार पत्र

4 दिसंबर 1791 को लंदन में दुनिया का पहला रविवार को प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र ‘द ऑब्जर्वर’ प्रकाशित हुआ। यह पत्रकारिता के इतिहास में एक बड़ा मील का पत्थर माना जाता है।


4 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

✔ आर. वेंकटरमन (1910)

भारत के आठवें राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन का जन्म 4 दिसंबर 1910 को हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया तथा बाद में वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की।

✔ जेफ ब्रिजेस (1949)

हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता जेफ ब्रिजेस का जन्म इसी दिन हुआ। उन्होंने कई पुरस्कार-विजेता फिल्मों में अभिनय किया और उन्हें विश्व सिनेमा के उत्कृष्ट अभिनेताओं में गिना जाता है।

✔ जे-जेड (1970)

विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी रैपर, गीतकार और बिजनेस टाइकून जे-जेड का जन्म 4 दिसंबर 1970 को न्यूयॉर्क में हुआ। वे वैश्विक संगीत उद्योग की सबसे प्रभावशाली हस्तियों में से एक हैं।


4 दिसंबर: राष्ट्रीय महत्व का सारांश

श्रेणी विवरण
दिवस भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day)
मुख्य भारतीय घटना 1971 के युद्ध में ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की सफलता
सामाजिक सुधार 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबंध
जन्म आर. वेंकटरमन, जेफ ब्रिजेस, जे-जेड

निष्कर्ष: 4 दिसंबर क्यों है खास?

4 दिसंबर भारतीय सैन्य शक्ति, समुद्री सुरक्षा, और ऐतिहासिक उपलब्धियों का प्रतीक है। जहाँ ऑपरेशन ट्राइडेंट भारतीय नौसेना की वीरता और रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है, वहीं इतिहास के अन्य अध्याय इस तिथि को वैश्विक परिवर्तन, सामाजिक सुधार और ज्ञान का द्योतक बनाते हैं। यह दिन भारत के गौरव, साहस और ऐतिहासिक चेतना को अभिव्यक्त करता है।

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4 December 2025 से बनने वाले Daily Current Affairs Quiz

4 December 2025 से शुरू होने वाला हमारा Daily Current Affairs Quiz आपके करंट अफेयर्स की तैयारी को अगले लेवल तक ले जाएगा। यह Quiz न सिर्फ UPSC, SSC, Bank, Railway, और State PCS जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए जरूरी सवालों को आसान और यादगार बनाता है, बल्कि रोज़ाना अभ्यास से आपकी रिवीजन तेज़, स्मार्ट और सटीक होती है। Daily Current Affairs Quiz के जरिए आप MCQ फॉर्मेट में सही जवाब देने की आदत डालेंगे, समय बचाएंगे और परीक्षा में Confidence बढ़ाएंगे। अगर आपकी तैयारी में Edge चाहिए और हर एग्ज़ाम में GK/Current Affairs से फ़ायदा उठाना है, तो यह Quiz आपके लिए सबसे प्रभावी तरीका है।

Q1. "मेरा गाँव मेरी धरोहर (MGMD)" कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है? A. ग्रामीण कृषि सुधार B. गाँवों की सांस्कृतिक प्रोफाइल तैयार करना C. ग्रामीण रोजगार सृजन D. ग्रामीण स्वास्थ्य विश्लेषण Answer: B Explanation: MGMD का उद्देश्य भारत के गाँवों की मूर्त एवं अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का विस्तृत सांस्कृतिक मानचित्रण और ग्राम-स्तरीय प्रोफाइल तैयार करना है। Q2. MGMD कार्यक्रम के तहत कितने गाँवों की पहचान की गई है? A. 5.21 लाख B. 6.38 लाख C. 7.01 लाख D. 4.89 लाख Answer: B Explanation: लगभग 6,38,365 गाँव सांस्कृतिक मानचित्रण के लिए पहचाने गए हैं। Q3. MGMD द्वारा दस्तावेजीकृत किए जाने वाले तत्वों में निम्न में से कौन शामिल नहीं है? A. मौखिक परंपराएं B. पारंपरिक भोजन C. ग्रामीण बैंकिंग अवसंरचना D. विरासत स्थल Answer: C Explanation: MGMD केवल सांस्कृतिक तत्वों को दस्तावेजीकृत करता है, बैंकिंग अवसंरचना इसमें शामिल नहीं है। Q4. MGMD किस मंत्रालय के अंतर्गत लागू किया जाता है? A. ग्रामीण विकास मंत्रालय B. संस्कृति मंत्रालय C. पर्यटन मंत्रालय D. गृह मंत्रालय Answer: B Explanation: MGMD का संचालन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय करता है। Q5. MGMD पोर्टल पर वर्तमान तक अपलोड किए गए डेटा की संख्या है— A. 5,90,211 B. 6,23,449 C. 5,43,119 D. 6,18,020 Answer: B Explanation: कुल 6,23,449 गाँवों का सांस्कृतिक डेटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। Q6. डीप सी फिशिंग को बढ़ावा देने के लिए भारत कौन-सी प्रमुख योजना लागू कर रहा है? A. PM-KUSUM B. PMMSY C. PMGSY D. PMJJBY Answer: B Explanation: प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का एक प्रमुख लक्ष्य पारंपरिक मछुआरों को Deep Sea Fishing हेतु आधुनिक जहाज और सुविधाएँ प्रदान करना है। Q7. NCDC द्वारा महाराष्ट्र में कितने डीप-सी फिशिंग वेसल्स को सहायता प्रदान की गई? A. 10 B. 14 C. 20 D. 7 Answer: B Explanation: NCDC ने 14 DSFVs के लिए परियोजना सहायता उपलब्ध कराई है। Q8. PMMSY योजना की कुल निवेश राशि कितनी है? A. ₹10,000 करोड़ B. ₹12,000 करोड़ C. ₹20,050 करोड़ D. ₹25,450 करोड़ Answer: C Explanation: FY 2020–21 से PMMSY का कुल निवेश ₹20,050 करोड़ है। Q9. FIDF फंड का मुख्य उद्देश्य क्या है? A. मत्स्य किसानों को बीमा B. मछुआरों के लिए मुफ्त नाव C. मछली उत्पाद निर्यात में कमी D. मत्स्य एवं जलीय कृषि अवसंरचना को रियायती वित्त Answer: D Explanation: FIDF मत्स्य अवसंरचना विकास (जैसे हार्बर, लैंडिंग सेंटर, कोल्ड-चेन, डीप-सी वेसल्स) हेतु रियायती वित्त प्रदान करता है। Q10. गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए किस मंत्रालय के साथ संयुक्त कार्यसमूह बनाया गया है? A. कृषि मंत्रालय B. सहकारिता मंत्रालय C. पर्यावरण मंत्रालय D. वित्त मंत्रालय Answer: B Explanation: मत्स्यपालन विभाग और सहकारिता मंत्रालय मिलकर JWG के माध्यम से डीप सी फिशिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। Q11. गगनयान का पहला मानवरहित मिशन कौन-से लॉन्च वाहन द्वारा भेजा जाएगा? A. PSLV B. GSLV Mk-II C. HLVM3 D. SSLV Answer: C (HLVM3 G1/OM1) Explanation: गगनयान के लिए मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल HLVM3 का उपयोग किया जाएगा। Q12. TDS-01 उपग्रह का प्रमुख उद्देश्य क्या है? A. मौसम विज्ञान B. समुद्र विज्ञान C. तकनीकी प्रदर्शन D. संचार सेवाएँ Answer: C Explanation: TDS-01 नई तकनीकों (Electric Propulsion, TWT Amplifier, Quantum Key Distribution) का Technology Demonstration Satellite है। Q13. ISRO द्वारा प्रक्षेपित EOS-10 उपग्रह किस उपयोग के लिए है? A. रक्षा तैयारियां B. कृषि डेटा संग्रह C. समुद्र विज्ञान संबंधी अध्ययन D. मौसम पूर्वानुमान मॉडल Answer: C Explanation: EOS-10 (Oceansat-3A) Oceanography, SST, Ocean Color Monitoring आदि के लिए है। Q14. NSIL की भूमिका ISRO मिशनों में क्या है? A. केवल वैज्ञानिक अनुसंधान B. वाणिज्यिक उपग्रह सेवा और इंडस्ट्री-निर्मित लॉन्चर C. पृथ्वी अवलोकन डेटा संकलन D. रक्षा उपग्रह निर्माण Answer: B Explanation: NSIL वाणिज्यिक लॉन्च सेवाएँ प्रदान करता है और PSLV–XL जैसे लॉन्च वाहनों का इंडस्ट्री निर्माण करवा रहा है। Q15. NavIC समूह का हिस्सा बनने वाला NVS-03 उपग्रह किन सेवाओं से संबंधित है? A. कृषि उपज पूर्वानुमान B. PNT सेवाएं (Position, Navigation, Timing) C. आपदा प्रबंधन D. सैन्य टेलीमेट्री Answer: B Explanation: NavIC = इंडिया की PNT सेवा प्रणाली, NVS-03 इसी नेटवर्क का हिस्सा है।