11 December Current Affairs in Hindi
नमस्कार दोस्तों! इस Daily Current Affairs 11 December 2025 अपडेट में प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं:
Atal Bhujal Yojana 2025 : अटल भूजल योजना 2025 GIS-टेक्नोलॉजी, सामुदायिक भागीदारी और रियल-टाइम मॉनिटरिंग द्वारा 7 राज्यों के जल संकट समाधान के लिए एक नए युग की शुरुआत करती है। “भारत का पहला स्वदेशी Diving Support Craft DSC A20 : DSC A20 उन्नत कैटामारन डिज़ाइन और अत्याधुनिक गोताखोरी तकनीक से भारतीय नौसेना की अंडरवाटर मिशन क्षमता को अभूतपूर्व शक्ति प्रदान करता है। भारत की जल विरासत फिर जीवित : PMKSY-HKKP और AMRUT 2.0 के अंतर्गत पारंपरिक जल निकायों का पुनरुद्धार जल संरक्षण, भूजल recharge और ग्रामीण–शहरी जल सुरक्षा का मजबूत आधार बना रहा है।
यह सामग्री UPSC, RPSC, RAS, SSC, Railway, Bank Exams, SBI, RBI, IBPS, State PSC और अन्य Competitive Exams के लिए महत्वपूर्ण Current Affairs, National Events, Government Schemes, Art & Culture Updates और Exam-Oriented Facts प्रदान करती है।
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Table of Contents
- 11 December Current Affairs in Hindi
- Atal Bhujal Yojana 2025
- भारतीय नौसेना – DSC A20 (डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट)
- पारंपरिक झीलों/तालाबों/जलाशयों का पुनरुद्धार – Water Bodies Revival
- 11 दिसम्बर का इतिहास (11 December in History)
- 11 दिसम्बर 2025 करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी (11 December Quiz)
11 December 2025 Current Affairs in Hindi
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अटल भूजल योजना 2025: सात राज्यों में 8,203 ग्राम पंचायतों का कवरेज, उन्नत GIS–टेक्नोलॉजी से भूजल प्रबंधन में तेजी
Updated On: 11 December 2025 |
अटल भूजल योजना (Atal Bhujal Yojana) भारत सरकार की एक सामुदायिक-नेतृत्वित, सहभागी एवं वैज्ञानिक भूजल प्रबंधन योजना है। यह योजना सात राज्यों—गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश—के जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में चल रही है। 2025 तक यह योजना 8,203 ग्राम पंचायतों में पायलट रूप में लागू की गई है।
इस महत्वाकांक्षी योजना का मुख्य उद्देश्य है—सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देकर मांग-पक्ष आधारित भूजल प्रबंधन को मजबूत करना, ताकि भूजल संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्थायी बने रहें। इसके लिए राज्यों को संस्थागत ढांचे, नीति सुधारों और ग्राम स्तर पर ठोस कार्यान्वयन के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है।
🌍 अटल भूजल योजना का उद्देश्य एवं महत्व
- स्थानीय समुदायों को भूजल प्रबंधन में शामिल करना।
- GIS आधारित वैज्ञानिक जानकारी पर आधारित भूजल संरक्षण रणनीतियाँ तैयार करना।
- कृषि में कुशल जल उपयोग को बढ़ावा देकर भूजल दोहन को कम करना।
- राज्य सरकारों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- जल संसाधनों की टिकाऊ योजना बनाने हेतु डिजिटल मॉनिटरिंग को मजबूत करना।
यह योजना ग्रामीण भारत में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक मानी जाती है।
📌 कवरेज — 7 राज्यों की 8,203 ग्राम पंचायतों में कार्यान्वयन
अटल भूजल योजना निम्न सात राज्यों की 8,203 जल-संकटग्रस्त ग्राम पंचायतों में लागू है:
- गुजरात
- हरियाणा
- कर्नाटक
- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- राजस्थान
- उत्तर प्रदेश
इन क्षेत्रों का चयन भूजल दोहन, सूखा-प्रभावित स्थिति, कृषि जल-उपयोग पैटर्न और जल संकट की तीव्रता को ध्यान में रखकर किया गया है।
🛰️ जल संरक्षण हेतु उन्नत तकनीक और डिजिटल इनिशिएटिव
अटल भूजल योजना और जल शक्ति मंत्रालय ने जल संसाधन प्रबंधन में तकनीक का व्यापक उपयोग शुरू किया है।
1️⃣ जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (JSA:CTR)
- जल निकायों की गणना, जियो-टैगिंग और डिजिटल सूचीकरण।
- राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी (NRSA) और GIS मैपिंग द्वारा जल संरचनाओं की पहचान।
- डेटा को NWIC और राज्य जल संसाधन सूचना प्रणालियों से एकीकृत करना।
2️⃣ “जल धरोहर” उप-पोर्टल (India WRIS)
1 नवंबर 2023 से उपलब्ध यह GIS आधारित पोर्टल पूरे भारत के जल निकायों का जियो-टैग्ड डेटाबेस प्रदान करता है।
3️⃣ राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (NAQUIM)
- CGWB द्वारा देशभर में जलभृत मैपिंग।
- हेलिबोर्न भूभौतिकीय सर्वेक्षण द्वारा उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा।
4️⃣ रियल टाइम मॉनिटरिंग (DWLRs)
23,000 से अधिक डिजिटल जल स्तर रिकॉर्डरों का नेटवर्क रियल-टाइम भूजल स्तर डेटा उपलब्ध कराता है।
5️⃣ IN-GRES प्लेटफॉर्म
देश में भूजल संसाधन का वैज्ञानिक आकलन करने वाला वेब-आधारित मंच।
6️⃣ JSA:CTR डिजिटल डैशबोर्ड
जल संरक्षण गतिविधियों की मॉनिटरिंग और आकलन हेतु केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म।
7️⃣ फ्लड वॉच इंडिया ऐप
150 जलाशयों एवं 592 बाढ़ मॉनिटरिंग स्टेशनों से रियल-टाइम बाढ़ डेटा उपलब्ध करवाता है।
📍 राज्यवार प्रमुख उपलब्धियाँ (विशेष: चित्तौड़गढ़ - राजस्थान)
राजस्थान में प्रतापगढ़ और उदयपुर जिले योजना में शामिल नहीं थे। इस योजना के अंतर्गत केवल चित्तौड़गढ़ को शामिल किया गया है।
चित्तौड़गढ़ में किए गए प्रमुख कार्य:
- 3700 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप, स्प्रिंकलर, पाइपलाइन और अन्य जल-संरक्षण तकनीकों को अपनाया गया।
- 700+ कुओं को भूजल स्तर मॉनिटरिंग के लिए चिन्हित किया गया।
- 220 कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं को जियो-टैग किया गया।
- 31 पीजोमीटर का निर्माण।
- 40 रेन गेज स्टेशन स्थापित किए गए।
- 337 जल आपूर्ति-संरचनाओं का निर्माण/नवीनीकरण।
- 480 ग्राम पंचायत स्तरीय, 7 ब्लॉक स्तरीय तथा 10 जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित।
🌾 योजना के व्यापक लाभ
- भूजल स्तर में सुधार और जल संकट में कमी।
- कृषि में जल उपयोग दक्षता बढ़ने से किसानों को लाभ।
- जल निकायों का वैज्ञानिक संरक्षण और पुनर्जीवन।
- डिजिटल जल डेटा से नीति निर्माण में सहायता।
- ग्राम समुदायों में जल सुरक्षा के प्रति जागरूकता में वृद्धि।
📘 परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु (Exam-Oriented Notes)
- अटल भूजल योजना—सात राज्यों की 8,203 ग्राम पंचायतों में लागू।
- GIS आधारित “जल धरोहर” पोर्टल—India WRIS के अंतर्गत।
- 23,000 DWLR — रियल टाइम भूजल मॉनिटरिंग।
- अभियान: “Catch The Rain” — JSA:CTR।
- NAQUIM — CGWB द्वारा भूजलभृत मानचित्रण।
- चित्तौड़गढ़—राजस्थान का एकमात्र जिला शामिल।
🌍 निष्कर्ष
अटल भूजल योजना भारत के भविष्य को जल-सुरक्षित बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्नत GIS तकनीक, उपग्रह डेटा, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से यह योजना ग्रामीण भारत में भूजल प्रबंधन को एक नए स्तर पर ले जा रही है। 2025 तक सात राज्यों की 8,203 ग्राम पंचायतों में इसके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं, जिससे यह योजना न सिर्फ जल संरक्षण बल्कि कृषि सुधार एवं ग्रामीण विकास का भी महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है।
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भारतीय नौसेना 2025: स्वदेशी निर्मित पहला डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट ‘DSC A20’ को 16 दिसंबर को कमीशन करेगी
Updated On: 11 December 2025
भारतीय नौसेना अपनी ऑपरेशनल क्षमताओं को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। 16 दिसंबर 2025 को भारतीय नौसेना अपनी पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट (Diving Support Craft) – DSC A20 को औपचारिक रूप से कमीशन करेगी। यह ऐतिहासिक समारोह दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में आयोजित होगा, जिसकी अध्यक्षता वाइस एडमिरल समीर सक्सेना, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा की जाएगी।
DSC A20 का नौसेना बेड़े में शामिल होना भारत की समुद्री सुरक्षा, डाइविंग सहायता, पानी के भीतर निरीक्षण और बचाव अभियानों की क्षमता में एक महत्वपूर्ण वृद्धि का संकेत है। यह स्वदेशी जहाज आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ को समुद्री क्षेत्र में मजबूती से स्थापित करने का शक्तिशाली उदाहरण है।
🚢 स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट DSC A20 — एक परिचय
DSC A20 कोलकाता स्थित टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) द्वारा निर्मित पाँच जहाजों की श्रृंखला का पहला पोत है। यह विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में गोताखोरी, पानी के भीतर निरीक्षण और आपातकालीन जलीय अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- स्वदेशी डिजाइन और निर्माण
- उन्नत डाइविंग सिस्टम और आधुनिक सुरक्षा तकनीक
- उच्च विश्वसनीयता और ऑपरेशनल दक्षता
- इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) के नौसेना नियमों के अनुरूप
⚙️ तकनीकी विशेषताएँ — अत्याधुनिक डिजाइन और उत्कृष्ट स्थिरता
यह पोत कैटामारन-आधारित पतवार विन्यास पर आधारित है, जो कम गति पर भी हाई-स्टेबिलिटी, विस्तृत डेक और समुद्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।
- विस्थापन (Displacement): लगभग 390 टन
- उच्च स्थिरता हेतु कैटामारन डिजाइन
- विस्तारित डेक क्षेत्र जो डाइविंग ऑपरेशन को और सुविधाजनक बनाता है
- उन्नत डाइविंग कंट्रोल सिस्टम और सुरक्षा उपकरण
इस जहाज का विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (NSTL) में कठोर हाइड्रोडायनामिक परीक्षण किया गया, जिससे DSC A20 के प्रदर्शन, समुद्री योग्यता और दीर्घकालिक टिकाऊपन की पुष्टि हुई।
🇮🇳 आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की बड़ी उपलब्धि
DSC A20 का निर्माण भारत के स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करता है बल्कि देश के शिपबिल्डिंग सेक्टर को भी मजबूत बनाता है।
- स्वदेशी रक्षा तकनीकों का विकास
- रक्षा अनुसंधान संस्थानों और उद्योगों के बीच सहयोग की सफलता
- मेक इन इंडिया पहल की एक प्रतीकात्मक उपलब्धि
🌊 नौसेना की परिचालन क्षमताओं में बड़ा विस्तार
DSC A20 के कमीशन होने से भारतीय नौसेना की निम्न क्षमताएँ मजबूत होंगी:
- गोताखोरी सहायता संचालन में दक्षता
- पानी के नीचे निरीक्षण (Underwater Inspection)
- आपातकालीन खोज एवं बचाव अभियान (Search & Rescue)
- तटीय क्षेत्रों में तेज और सुरक्षित परिचालन तैनाती
DSC A20 को साउदर्न नेवल कमांड, कोच्चि में तैनात किया जाएगा, जहाँ से यह विभिन्न समुद्री अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएगा।
📘 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Exam-Oriented Points)
- DSC A20 — भारत का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट क्राफ्ट।
- निर्माता — टिटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL)।
- कमीशन तिथि — 16 दिसंबर 2025।
- स्थान — दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि।
- विस्थापन — लगभग 390 टन।
- कैटामारन-आधारित पतवार विन्यास।
- NSTL, विशाखापत्तनम द्वारा हाइड्रोडायनामिक परीक्षण।
- भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का प्रमुख उदाहरण।
🌍 निष्कर्ष
DSC A20 का भारतीय नौसेना में शामिल होना भारत की समुद्री क्षमताओं के आधुनिकीकरण का एक बड़ा मील का पत्थर है। यह पोत न केवल स्वदेशी तकनीक की उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि भारतीय नौसेना की गोताखोरी, बचाव और जल के भीतर अभियानों को अत्याधुनिक स्तर पर ले जाता है। मेक इन इंडिया को नई गति देने वाला यह पोत आने वाले वर्षों में भारत की समुद्री सुरक्षा और ऑपरेशनल तैयारी को और अधिक सुदृढ़ करेगा।
भारत में पारंपरिक झीलों, तालाबों और जलाशयों का पुनरुद्धार 2025: केंद्र–राज्य सहयोग, तकनीकी नवाचार और 545.35 करोड़ की सहायता
Updated On: 11 December 2025
भारत में जल संकट और बढ़ते भूजल दोहन को देखते हुए पारंपरिक झीलों, तालाबों और जलाशयों का पुनरुद्धार आज एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गया है। चूँकि जल राज्य का विषय है, इसलिए जल निकायों का पुनर्जीवन राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है, लेकिन केंद्र सरकार वित्तीय सहयोग, नीति मार्गदर्शन, तकनीकी सहायता और राष्ट्रीय स्तर पर मॉनिटरिंग के माध्यम से इस प्रक्रिया को गति प्रदान करती है।
हाल के वर्षों में, केंद्र और राज्यों ने मिलकर आधुनिक तकनीकों—जैसे GIS मैपिंग, जियो-टैगिंग, स्प्रिंग इन्वेंट्री, हाइड्रोलॉजिकल आकलन—का उपयोग करते हुए देशभर में हजारों तालाबों और जलाशयों का संरक्षण, पुनरुद्धार और पुनर्जीवन कार्य किए हैं। 2025 तक देशभर में जल निकायों के पुनरुद्धार से जुड़े कार्यों को तेज़ी से विस्तार दिया गया है।
💧 जल निकायों का पुनरुद्धार — भारत में क्यों महत्वपूर्ण?
- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जल की बढ़ती मांग को पूरा करना।
- भूजल स्तर के लगातार गिरने को रोकना।
- बाढ़–सूखा प्रबंधन में सहायता।
- परंपरागत जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर सतत जल सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- शहरों में जल संचयन और पुनर्भरण प्रणाली को मजबूत करना।
🏛️ अटल नवीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT & AMRUT 2.0)
AMRUT मिशन के तहत राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने शहरी क्षेत्रों में झीलों, तालाबों और जलाशयों के पुनरुद्धार के लिए परियोजनाओं का चयन एवं क्रियान्वयन कर सकें।
AMRUT 2.0 के अंतर्गत:
- 3031 जल निकाय पुनरुद्धार परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई।
- कुल प्रोजेक्ट लागत – 6,270.51 करोड़ रुपये।
- जल संरक्षण, शहरी जल निकायों की सफाई और पारिस्थितिक पुनर्जीवन पर विशेष ध्यान।
📊 सिंचाई गणना योजना — व्यापक जल डेटाबेस निर्माण
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (DoWR, RD & GR) राज्यों में 100% केंद्रीय सहायता से 'सिंचाई गणना' योजना लागू करता है।
मुख्य उद्देश्य:
- लघु, मध्यम और प्रमुख सिंचाई संरचनाओं का विस्तृत सर्वेक्षण।
- देश में जल निकायों, तालाबों, जलाशयों और स्प्रिंग्स का विश्वसनीय डेटाबेस बनाना।
- नीति निर्माण को वैज्ञानिक आधार प्रदान करना।
🚰 पीएमकेएसवाई-हर खेत को पानी (PMKSY-HKKP) — जल निकाय पुनरुद्धार को गति
PMKSY-HKKP के तहत राज्य सरकारें उप-बेसिन दृष्टिकोण अपनाते हुए जल निकायों/तालाबों/झीलों के पुनरुद्धार का प्रस्ताव कर सकती हैं।
योजना की विशेषताएँ:
- हर जलाशय को एक विशिष्ट कोड नंबर (Unique ID) प्रदान किया जाता है।
- सभी जल निकायों की जियो-टैगिंग अनिवार्य।
- स्थानीय समुदायों और जल उपयोगकर्ता संघ की भागीदारी।
जारी की गई राशि: 31 मार्च 2025 तक, PMKSY-HKKP के अंतर्गत राज्यों को जल निकायों के पुनरुद्धार हेतु 545.35 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जा चुकी है।
🛰️ जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (JSA:CTR 2025)
भारत सरकार और राज्यों द्वारा शुरू किए गए इस राष्ट्रीय अभियान का मुख्य लक्ष्य है— “जहां गिरे बारिश का हर बूंद—वहीं सहेजें”।
2025 अभियान की थीम: “जल संचय जन भागीदारी: जन जागरूकता की ओर”
- 148 जिलों में फोकस, जिन्हें CGWB द्वारा जल संकट के आधार पर चिन्हित किया गया।
- देशभर में 1.97 करोड़ से अधिक जल-संबंधित कार्य पूर्ण।
- 712 जल शक्ति केंद्र (JSK) स्थापित।
- तालाबों की गणना, जियो-टैगिंग, सूचीकरण और अतिक्रमण हटाने पर जोर।
📡 तकनीक का व्यापक उपयोग — GIS, जियो-टैगिंग, बेसलाइन सर्वेक्षण
- हर जलाशय की GIS मैपिंग।
- जियो-टैगिंग आधारित डिजिटल मॉनिटरिंग।
- हाइड्रोलॉजिकल और स्ट्रक्चरल मूल्यांकन।
- तलछट (Sedimentation) अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिक डी-सिल्टिंग।
- बांध, स्लूइस गेट्स और जलग्रहण क्षेत्रों का उपचार।
इन आधुनिक तकनीकों का उपयोग जल निकायों के दीर्घकालिक संरक्षण और पुनरुद्धार को सुनिश्चित बनाता है।
🤝 PPP मॉडल और सामुदायिक भागीदारी
केंद्र सरकार जल निकायों के पुनरुद्धार में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को बढ़ावा दे रही है।
मुख्य प्रावधान:
- AMRUT 2.0 में 10 लाख+ आबादी वाले शहरों की परियोजनाओं में 10% फंड PPP मोड में उपयोग किया जा सकता है।
- PMKSY-HKKP के अंतर्गत समुदाय की भागीदारी अनिवार्य।
- जल उपयोगकर्ता संघ (WUA), पंचायतें और ग्रामीण संस्थाएं शामिल।
- NGO और SHG समूहों की भागीदारी—AMRUT-Mitra कार्यक्रम के तहत।
📘 परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Exam-Oriented Points)
- PMKSY-HKKP के तहत 545.35 करोड़ रुपये की सहायता जारी।
- जल शक्ति अभियान के तहत 1.97 करोड़ जल कार्य & 712 JSK केंद्र स्थापित।
- AMRUT 2.0—3031 प्रोजेक्ट्स, लागत 6,270.51 करोड़ रुपये।
- सिंचाई गणना योजना—100% CSS योजना, व्यापक जल डेटाबेस निर्माण।
- जल निकायों के लिए GIS मैपिंग & जियो-टैगिंग अनिवार्य।
- 148 जल-संकट जिलों में JSA:CTR फोकस कार्यक्रम।
- PPP मॉडल—10 लाख+ आबादी वाले शहरों में 10% फंड उपयोग।
- SHG और समुदाय को शामिल करने हेतु AMRUT Mitra पहल।
🌍 निष्कर्ष
पारंपरिक झीलों, तालाबों और जलाशयों का पुनरुद्धार भारत की जल सुरक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन और ग्रामीण-शहरी विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयास, आधुनिक तकनीक का उपयोग, सामुदायिक भागीदारी और PPP मॉडल ने 2025 तक इस दिशा में अभूतपूर्व प्रगति की है।
GIS आधारित मॉनिटरिंग, जियो-टैगिंग और वैज्ञानिक गाइडलाइनों के साथ भारत अब अपने जल संसाधनों को पुनर्जीवित करने के लिए एक अधिक संगठित, पारदर्शी और भविष्य-उन्मुख मॉडल की ओर बढ़ रहा है।
11 दिसंबर का इतिहास: महत्व, दिवस, घटनाएँ, जन्मदिवस और सामान्य ज्ञान
लेखक: Examseries
प्रकाशन तिथि: 11 December 2025
11 दिसंबर: भारत और विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण तिथि
11 दिसंबर का दिन भारत और विश्व इतिहास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तिथि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय राजनीति, वैज्ञानिक उपलब्धियों और वैश्विक कूटनीति से जुड़े कई ऐतिहासिक क्षणों की याद दिलाती है।
यह लेख विशेष रूप से UPSC, SSC, Railway, RPSC, State PSC, Defence Exams की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए उपयोगी तथ्य, महत्वपूर्ण दिवस, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और परीक्षा-उपयोगी जानकारी प्रदान करता है।
11 दिसंबर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस, यूनिसेफ दिवस जैसे वैश्विक दिवस मनाए जाते हैं, साथ ही कई ऐतिहासिक घटनाएँ भारत की संवैधानिक और राजनीतिक यात्रा को भी दिशा देती हैं।
11 दिसंबर: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस
1. अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day)
हर वर्ष 11 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2002 को “अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष” घोषित करने के बाद 2003 से इस दिवस को मनाना शुरू किया।
इसका मुख्य उद्देश्य पर्वतीय संसाधनों के संरक्षण, पर्वतों में रहने वाले समुदायों के विकास और पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
पर्वत वैश्विक जल संसाधनों, जैव विविधता, पर्यटन और जलवायु संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। UPSC और State PSC परीक्षाओं में इससे जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
2. यूनिसेफ दिवस (UNICEF Day)
11 दिसंबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेन इमरजेंसी फंड (UNICEF) की स्थापना की थी। इसलिए प्रत्येक वर्ष 11 दिसंबर को यूनिसेफ दिवस मनाया जाता है।
यूनिसेफ दुनिया के 190 से अधिक देशों में बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के लिए काम करता है। बाल अधिकारों की रक्षा, टीकाकरण, आपातकालीन सहायता और बाल कल्याण कार्यक्रम इसके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं।
11 दिसंबर: भारतीय और विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
1. भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ
- 1845 – प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध की शुरुआत
11 दिसंबर 1845 को सिख साम्राज्य और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच युद्ध प्रारंभ हुआ। यह युद्ध भारतीय इतिहास की निर्णायक घटनाओं में से एक था जिसने पंजाब क्षेत्र में ब्रिटिश सत्ता के विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया।
- 1946 – डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष चुने गए
11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत की संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया। भारत के संविधान निर्माण की प्रक्रिया में यह एक ऐतिहासिक दिन था।
- 2014 – अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रस्ताव पारित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए प्रस्ताव को 11 दिसंबर 2014 को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। इसके बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया।
2. विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
- 1941 – द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी और इटली ने अमेरिका पर युद्ध की घोषणा की
पर्ल हार्बर पर जापान के हमले के बाद, जर्मनी और इटली ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी। इससे द्वितीय विश्व युद्ध का परिदृश्य पूरी तरह बदल गया।
- 1972 – अपोलो 17 मिशन चंद्रमा पर उतरा
नासा का अपोलो 17 मिशन, जो चंद्रमा पर भेजा गया अंतिम मानवयुक्त मिशन था, 11 दिसंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरा। विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
- 1997 – क्योटो प्रोटोकॉल अपनाया गया
जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु क्योटो, जापान में क्योटो प्रोटोकॉल पर सहमति बनी। यह वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने का पहला महत्वपूर्ण कदम था।
- 2007 – उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच रेल सेवा बहाल
लगभग 50 वर्षों के बाद, दोनों देशों के बीच सीमित स्तर पर रेल सेवा को प्रतीकात्मक रूप से शुरू किया गया। यह कोरियाई प्रायद्वीप में शांति प्रक्रिया का एक बड़ा संकेत था।
11 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति
- 1935 – प्रणब मुखर्जी
भारत के 13वें राष्ट्रपति, अनुभवी राजनीतिज्ञ और कूटनीति विशेषज्ञ। इन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
- 1969 – विश्वनाथन आनंद
भारत के पहले विश्व शतरंज चैंपियन और "Madras Tiger" के नाम से प्रसिद्ध। इन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- 1969 – ज्योतिर्मयी सिकदर
एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाली भारत की पूर्व धाविका।
11 दिसंबर की पुण्यतिथियाँ
- 2012 – पंडित रवि शंकर
विश्व प्रसिद्ध सितार वादक और भारत रत्न से सम्मानित। भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक मंच देने का श्रेय इन्हीं को जाता है।
- 1949 – कृष्ण चंद्र भट्टाचार्य
प्रसिद्ध दार्शनिक, शिक्षा विशेषज्ञ और कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रमुख विद्वान।
11 दिसंबर: प्रमुख तथ्यों का सार
| श्रेणी |
विवरण |
| अंतरराष्ट्रीय दिवस |
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस, यूनिसेफ दिवस |
| भारतीय ऐतिहासिक घटना |
1946 – डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष बने |
| विश्व ऐतिहासिक घटना |
1972 – अपोलो 17 चंद्रमा पर उतरा |
| जन्म |
प्रणब मुखर्जी, विश्वनाथन आनंद, ज्योतिर्मयी सिकदर |
| पुण्यतिथि |
पंडित रवि शंकर, कृष्ण चंद्र भट्टाचार्य |
निष्कर्ष: 11 दिसंबर क्यों है महत्वपूर्ण?
11 दिसंबर का दिन भारतीय संवैधानिक इतिहास, वैश्विक पर्यावरण संरक्षण, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक है।
यह UPSC, SSC, PCS, Railways और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है, क्योंकि इस दिन से जुड़े प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
पर्वत संरक्षण से लेकर बाल अधिकारों, विश्व युद्ध, जलवायु परिवर्तन और भारतीय राजनीति—इन सभी विषयों का सार 11 दिसंबर को जुड़ी घटनाओं में मिलता है। इसलिए इस तिथि के अध्ययन से सामान्य ज्ञान, करंट अफेयर्स और परीक्षा लेखन क्षमता को मजबूत किया जा सकता है।
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11 December 2025 से बनने वाले Daily Current Affairs Quiz
11 December 2025 से शुरू होने वाला हमारा Daily Current Affairs Quiz आपके करंट अफेयर्स की तैयारी को अगले लेवल तक ले जाएगा। यह Quiz न सिर्फ UPSC, SSC, Bank, Railway, और State PCS जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए जरूरी सवालों को आसान और यादगार बनाता है, बल्कि रोज़ाना अभ्यास से आपकी रिवीजन तेज़, स्मार्ट और सटीक होती है। Daily Current Affairs Quiz के जरिए आप MCQ फॉर्मेट में सही जवाब देने की आदत डालेंगे, समय बचाएंगे और परीक्षा में Confidence बढ़ाएंगे। अगर आपकी तैयारी में Edge चाहिए और हर एग्ज़ाम में GK/Current Affairs से फ़ायदा उठाना है, तो यह Quiz आपके लिए सबसे प्रभावी तरीका है।
1. अटल भूजल योजना के अंतर्गत 2025 तक कुल कितनी ग्राम पंचायतों को कवर किया गया?
A) 5,112
B) 8,203
C) 7,804
D) 9,001
Answer: B) 8,203
Explanation:
अटल भूजल योजना सात राज्यों की जल-संकटग्रस्त 8,203 ग्राम पंचायतों में पायलट रूप से लागू है, जिसका उद्देश्य सामुदायिक सहभागिता से भूजल प्रबंधन सुधारना है।
2. “जल धरोहर” (Jal Dharohar) उप-पोर्टल किस राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म के अंतर्गत विकसित किया गया है?
A) India Water Portal
B) India WRIS
C) IN-GRES
D) NWIC Geo Portal
Answer: B) India WRIS
Explanation:
1 नवंबर 2023 से उपलब्ध “जल धरोहर” पोर्टल India-WRIS का GIS-आधारित सब-पोर्टल है, जो देशभर के जल निकायों का एकीकृत जियो-टैग्ड डेटाबेस देता है।
3. अटल भूजल योजना में रियल-टाइम भूजल स्तर मॉनिटरिंग के लिए कितने DWLR स्थापित किए गए हैं?
A) 12,000
B) 18,540
C) 23,000+
D) 30,200
Answer: C) 23,000+
Explanation:
CGWB द्वारा लगभग 23,000 DWLRs (Digital Water Level Recorders) लगाए गए हैं, जो राष्ट्र स्तर पर रियल-टाइम भूजल डेटा उपलब्ध कराते हैं।
4. राजस्थान में अटल भूजल योजना के अंतर्गत केवल किस जिले को शामिल किया गया?
A) प्रतापगढ़
B) उदयपुर
C) कोटा
D) चित्तौड़गढ़
Answer: D) चित्तौड़गढ़
Explanation:
राजस्थान के प्रतापगढ़ और उदयपुर शामिल नहीं थे; योजना का कवरेज केवल चित्तौड़गढ़ जिले तक सीमित था।
5. NAQUIM कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A) जल निकायों की आर्थिक उपयोगिता का आकलन
B) जलभृत (Aquifer) मैपिंग और प्रबंधन
C) जलाशयों के पुनरुद्धार की निगरानी
D) उपग्रह आधारित बाढ़ चेतावनी
Answer: B) जलभृत मैपिंग और प्रबंधन
Explanation:
NAQUIM, CGWB द्वारा चलाया गया कार्यक्रम है जो Aquifer Mapping, पुनर्भरण क्षेत्रों की पहचान, और हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा तैयार करता है।
6. DSC A20 किस प्रकार के पोत की पहली स्वदेशी यूनिट है?
A) Mine Countermeasure Vessel
B) Diving Support Craft
C) Hydrographic Survey Vessel
D) Patrol Torpedo Boat
Answer: B) Diving Support Craft
Explanation:
DSC A20 भारत में निर्मित पहला स्वदेशी Diving Support Craft है, जो उन्नत गोताखोरी सहायता संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
7. DSC A20 का निर्माण किस कंपनी द्वारा किया गया?
A) Mazagon Dock Shipbuilders
B) Garden Reach Shipbuilders
C) Titagarh Rail Systems Ltd
D) Cochin Shipyard Ltd
Answer: C) Titagarh Rail Systems Ltd
Explanation:
यह पोत कोलकाता स्थित Titagarh Rail Systems Limited (TRSL) द्वारा निर्मित 5 DSC श्रृंखला का पहला पोत है।
8. DSC A20 के पतवार विन्यास (Hull Design) की विशेषता क्या है?
A) Monohull
B) Trimaran
C) Catamaran
D) Planing Hull
Answer: C) Catamaran
Explanation:
DSC A20 Catamaran-based hull का उपयोग करता है, जो स्थिरता, विस्तृत डेक और बेहतर समुद्री क्षमता सुनिश्चित करता है।
9. DSC A20 का व्यापक हाइड्रोडायनामिक परीक्षण किस संस्था में किया गया?
A) DRDO – NPOL
B) Naval Science & Technological Laboratory (NSTL)
C) NIOT
D) IISc Bangalore
Answer: B) NSTL
Explanation:
विशाखापत्तनम स्थित NSTL (DRDO लैब) में मॉडल परीक्षण एवं प्रदर्शन आकलन किया गया।
10. DSC A20 को किस स्थान पर परिचालन तैनाती मिलेगी?
A) मुंबई
B) विशाखापत्तनम
C) कोलकाता
D) कोच्चि
Answer: D) कोच्चि
Explanation:
DSC A20 को Southern Naval Command, Kochi में तैनात किया जाएगा।
11. PMKSY–HKKP के तहत जल निकायों के पुनरुद्धार पर राज्यों को दी गई कुल केंद्रीय सहायता (31 मार्च 2025 तक) कितनी है?
A) ₹312 करोड़
B) ₹450 करोड़
C) ₹545.35 करोड़
D) ₹780 करोड़
Answer: C) ₹545.35 करोड़
Explanation:
PMKSY–HKKP के "Repair, Renovation and Restoration (RRR)" घटक के अंतर्गत ₹545.35 करोड़ जारी किए गए।
12. AMRUT 2.0 के अंतर्गत कितनी जल निकाय पुनरुद्धार परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है?
A) 1,200
B) 2,500
C) 3,031
D) 4,500
Answer: C) 3,031
Explanation:
AMRUT 2.0 में जल निकाय पुनरुद्धार मिशन एक प्रमुख घटक है, जिसके तहत 3,031 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
13. जल शक्ति अभियान: Catch The Rain (CTR) 2025 का मुख्य विषय क्या था?
A) जल सुरक्षा, जन जागरूकता
B) जल संचय जन भागीदारी
C) नदी संरक्षण — जन सहयोग
D) भूजल बचाओ — देश बचाओ
Answer: B) जल संचय जन भागीदारी
Explanation:
CTR 2025 का विषय “जल संचय जन भागीदारी: जन जागरूकता की ओर” था।
14. JSA:CTR अभियान 2025 के अंतर्गत कितने जल क्षेत्र संबंधी कार्य पूरे हुए?
A) 75 लाख
B) 1.1 करोड़
C) 1.97 करोड़
D) 3.5 करोड़
Answer: C) 1.97 करोड़
Explanation:
9 दिसंबर 2025 तक CTR अभियान के तहत 1.97 करोड़ जल-संबंधित गतिविधियाँ पूरी हुईं।
15. AMRUT 2.0 में PPP मोड का उपयोग किस स्थिति में अनिवार्य है?
A) 5 लाख से अधिक आबादी
B) 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर
C) ग्रामीण पंचायत स्तर
D) राज्य मुख्यालयों में
Answer: B) 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर
Explanation:
AMRUT 2.0 दिशानिर्देश के अनुसार 10 लाख+ आबादी वाले शहरों में 10% फंड PPP मोड में प्रयुक्त किया जा सकता है।