3 December Current Affairs in Hindi | डेली करेंट अफेयर्स क्विज | 3 December महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स क्विज | Current Affairs PDF in Hindi
नमस्कार दोस्तों! इस Daily Current Affairs 3 December 2025 अपडेट में प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं:
India Land Mapping Reform: India ne Naksha & LandStack seminar me digital GIS land mapping, CORS survey tech aur Urban Property Card par major reforms announce kiye. India Russia Nuclear Deal 2025: India-Russia nuclear talks me SMR plants, BSMR-200 design, RFP extension aur Atomic Energy Bill 2025 par major progress hui.ISRO Indian Space Station BAS-01 : ISRO ne Indian Space Station BAS-01 ke 5-module design ko approve kiya; first module 2028 me launch hoga, full station 2035 tak ready.
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3 December Current Affairs in Hindi PDF Download फॉर्मेट में पढ़ें और साथ में December 2025 Current Affairs Quiz पाये।
Table of Contents
- 3 December Current Affairs in Hindi
- NAKSHA & LANDSTACK SEMINAR
- INDIA–RUSSIA ROSATOM NUCLEAR COOPERATION
- ISRO INDIAN SPACE STATION (BAS-01)
- 3 दिसम्बर का इतिहास (3 December in History)
- 3 दिसम्बर 2025 करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी (3 December Quiz)
3 December 2025 Current Affairs in Hindi
प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) में सफलता पाने के लिए समय-समय पर अपडेटेड करेंट अफेयर्स (Current Affairs) की गहन समझ होना बेहद आवश्यक है। यहाँ प्रस्तुत करेंट अफेयर्स क्विज़ (Current Affairs Quiz) और प्रश्न आपकी तैयारी को मजबूत बनाने में मदद करेंगे, जिससे आप जनरल अवेयरनेस (General Awareness) के सेक्शन में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। हर दिन की नवीनतम घटनाओं (Latest Events) और महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स पर आधारित यह सामग्री आपकी नॉलेज बढ़ाने के साथ-साथ त्वरित रिविजन (Quick Revision) का भी प्रभावी स्रोत बनेगी। ध्यानपूर्वक अभ्यास करने से आप न केवल परीक्षा की कटऑफ (Cut-off) से ऊपर अंक हासिल करेंगे, बल्कि करेंट अफेयर्स से जुड़े सवालों में भी आत्मविश्वास (Confidence) के साथ उतर पाएंगे। अधिक सहायता के लिए हमने आपके लिए विस्तारपूर्ण नोट्स (Detailed Notes) और ऑनलाइन क्विज़ (Online Quizzes) उपलब्ध कराए हैं, जिनका उपयोग करके आप अपनी परीक्षा तैयारी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।
‘नक्शा’ और ‘लैंडस्टैक’ पर भूमि संसाधन विभाग की राष्ट्रीय संगोष्ठी — भारत में भूमि मानचित्रण के डिजिटल भविष्य पर व्यापक चर्चा
Updated On: 03 दिसंबर 2025
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग द्वारा आज राजधानी दिल्ली में ‘नक्शा’ (NAKSHA – National Geospatial Knowledge-Based Land Survey of Urban Settlements) और ‘लैंडस्टैक’ (LandStack) पर एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में भारत के भूमि प्रशासन, भू-स्थानिक मैपिंग और भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण के भविष्य को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
🇮🇳 आधुनिक डिजिटल मैपिंग — भारत के भूमि प्रबंधन का भविष्य
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी ने कहा कि भारत को अब पुरानी टेप-आधारित माप प्रणाली और हाथ से बनाए गए रेखाचित्रों से आगे बढ़कर डिजिटल, GIS-आधारित, अक्षांश-देशांतर (Latitude-Longitude) आधारित मानचित्रण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि:
- आधुनिक भूमि मानचित्रण आर्थिक स्थिरता के लिए अनिवार्य है।
- यह संपत्ति बाजारों को मजबूत करता है।
- जमीन और संपत्ति रिकॉर्ड में पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित करता है।
- बेहतर डिजिटल रिकॉर्डिंग से भूमि विवाद कम होंगे और प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।
यह वक्तव्य भारत में भूमि सुधार और डिजिटल संपदा प्रबंधन को एक नए युग में प्रवेश कराने वाला माना जा रहा है।
🛰️ उन्नत भू-स्थानिक तकनीकों से बदलेगा भूमि सर्वेक्षण का स्वरूप
इस अवसर पर भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी ने कई महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि सरकार भूमि मानचित्रण को तेज, सटीक और आधुनिक बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रही है।
- CORS तकनीक (Continuously Operating Reference System) के उपयोग से अब सर्वेक्षक दैनिक 200 संपत्तियों तक का सर्वे पूरा कर सकते हैं, जो पहले सिर्फ 1 भूखंड प्रतिदिन होता था।
- LiDAR और Oblique Cameras जैसी तकनीकों का उपयोग 20–30 राज्यों में तेजी से विस्तार कर रहा है।
- जटिल और घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में भी अब सटीक एवं तीव्र मानचित्रण संभव हो रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि देश के 157 शहरों में सरकार एक एकीकृत शहरी संपदा कार्ड (Urban Property Card) पर कार्य कर रही है। यह एक डिजिटल सिस्टम होगा, जिसमें:
- भूमि पंजीकरण डेटा,
- नगरपालिका कर रिकॉर्ड,
- मौजूदा संपत्ति दस्तावेज
को एक ही आधिकारिक दस्तावेज में एकीकृत किया जाएगा। इससे शहरी संपदा प्रबंधन में ऐतिहासिक पारदर्शिता आएगी।
📊 ‘नक्शा’ कार्यक्रम को तेजी से लागू करने का आह्वान
भूमि संसाधन विभाग के निदेशक श्री श्याम कुमार ने संगोष्ठी के समापन सत्र में ‘नक्शा’ कार्यक्रम की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को जीआईएस-आधारित आधुनिक सॉफ्टवेयर, राष्ट्रव्यापी भूमि डेटा और लोगों तथा व्यवसायों के लिए अधिक सुविधाजनक भूमि प्रबंधन प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने सभी राज्यों से आग्रह किया कि भूमि सर्वेक्षण को तेजी से डिजिटल प्लेटफार्म पर ले जाया जाए, जिससे:
- संपत्ति स्वामित्व स्पष्ट हो,
- व्यवसाय करने में आसानी बढ़े,
- भूमि विवादों में कमी आए,
- अर्थव्यवस्था में स्थिरता और निवेश को बढ़ावा मिले।
🌍 डिजिटल भूमि प्रबंधन — भारत के शहरी भविष्य का मजबूत आधार
संगोष्ठी के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकें, GIS आधारित प्लैटफ़ॉर्म और डिजिटल मैपिंग आने वाले वर्षों में भारत के शहरी विकास, बुनियादी ढांचे, भूमि पारदर्शिता और रियल एस्टेट सुधार को निर्णायक रूप से प्रभावित करेंगी।
‘नक्शा’ और ‘लैंडस्टैक’ जैसे कार्यक्रम भारत की उस डिजिटल इंडिया रणनीति का अभिन्न हिस्सा हैं, जो भूमि से जुड़े प्रशासनिक कार्यों को सरल, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
📌 Quick Exam Notes — NAKSHA & LandStack Seminar 2025
- कार्यक्रम: नक्शा और लैंडस्टैक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
- आयोजन: ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग
- मुख्य उद्देश्य: GIS आधारित भूमि मैपिंग, डिजिटल संपदा रिकॉर्ड, आधुनिक सर्वेक्षण तकनीकें
- मुख्य अतिथि: मनोज जोशी (सचिव, भूमि संसाधन विभाग)
- तकनीकी प्रमुख: कुणाल सत्यार्थी (संयुक्त सचिव)
- मुख्य तकनीकें: CORS, LiDAR, Oblique Cameras
- प्रमुख पहल: 157 शहरों में Urban Property Card
- महत्व: पारदर्शिता, आर्थिक स्थिरता, भूमि विवादों में कमी, डिजिटल रिकॉर्ड
🌐 निष्कर्ष — भारत डिजिटल भूमि क्रांति की ओर अग्रसर
‘नक्शा’ और ‘लैंडस्टैक’ पर आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भारत अब पारंपरिक भूमि मापन से निकलकर डिजिटल, सटीक और पारदर्शी भूमि प्रबंधन प्रणाली की ओर निर्णायक कदम बढ़ा चुका है।
आधुनिक तकनीकों, GIS प्लेटफ़ॉर्म और देशव्यापी भूमि डेटा के माध्यम से भारत न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ा रहा है, बल्कि नागरिकों और उद्योगों के लिए एक विश्वसनीय और प्रभावी संपदा प्रबंधन संरचना भी निर्मित कर रहा है।
यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर एक आधुनिक भूमि प्रशासन मॉडल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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रूस के रोसाटॉम के साथ भारत का परमाणु सहयोग — छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तकनीक में बड़ा कदम
Updated On: 03 दिसंबर 2025
भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग और रूस की रोसाटॉम (ROSATOM) के बीच उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा साझेदारी को मजबूत बनाने, आधुनिक परमाणु प्रौद्योगिकियों पर सहयोग बढ़ाने और भारत में परमाणु उपकरणों के स्थानीयकरण को प्रोत्साहित करने पर विशेष चर्चा की गई।
बैठक में बड़े पैमाने के रिएक्टरों के साथ-साथ रूसी डिजाइन के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) को भारत में विकसित करने की संभावनाओं पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। यह बैठक आने वाले वर्षों में भारत के परमाणु ऊर्जा विस्तार मिशन के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
🔬 ROSATOM–India Nuclear Cooperation 2025 — भविष्य की ऊर्जा साझेदारी
रोसाटॉम और परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच बैठक में निम्न मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनी:
- बड़े और छोटे पैमाने के आधुनिक परमाणु रिएक्टरों का संयुक्त विकास।
- भारत में परमाणु उपकरण निर्माण के स्थानीयकरण (Localization) को बढ़ावा।
- परमाणु ईंधन चक्र (Nuclear Fuel Cycle) में सहयोग का विस्तार।
- भारत में रूसी डिजाइन के SMR निर्माण पर विचार।
इस सहयोग से भारत को अपनी बढ़ती बिजली मांग को सुरक्षित, स्थिर और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी।
⚡ Budget 2025–26: 2033 तक पाँच स्वदेशी SMR — 20,000 करोड़ की बड़ी घोषणा
भारत सरकार ने परमाणु ऊर्जा मिशन को बढ़ावा देने के लिए 2025–26 के केंद्रीय बजट में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है —
🔸 2033 तक पाँच स्वदेशी छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित और तैनात किए जाएंगे।
🔸 इस मिशन पर 20,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
यह कदम भारत के न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को नई गति देगा और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगा।
🧪 BARC द्वारा विकसित किए जा रहे भारत के उन्नत SMR रिएक्टर
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास पर कार्य आरंभ कर दिया है। विकसित किए जा रहे रिएक्टरों में शामिल हैं:
- BSMR-200 — 200 मेगावाट भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर
- SMR-55 — 55 मेगावाट लघु मॉड्यूलर रिएक्टर
- 5 मेगावाट HTR — हाइड्रोजन उत्पादन के लिए उच्च तापमान गैस-कूल्ड रिएक्टर
इन रिएक्टरों के प्रमुख इकाइयों का निर्माण डीएई के परीक्षण स्थलों पर किया जाएगा। परियोजना स्वीकृति मिलते ही इनके 60–72 महीनों में तैयार होने की संभावना है।
🏭 उद्योगों के लिए SMR: NPCIL का RFP और निजी भागीदारी
भारत सरकार अब छोटे परमाणु रिएक्टरों को उद्योगों के वाणिज्यिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराना चाहती है। इस दिशा में NPCIL ने 31 दिसंबर 2024 को Request for Proposal (RFP) जारी किया।
इसके बाद:
- फरवरी 2025 में Pre-bid meeting आयोजित की गई।
- उद्योगों के सभी प्रश्नों के विस्तृत उत्तर NPCIL वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए।
- उद्योगों के अनुरोध पर RFP जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दी गई।
यह कदम निजी क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में शामिल करने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है।
📜 परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 — अंतिम चरण में
सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 इस समय अंतिम प्रक्रिया में है।
इस विधेयक में:
- विभिन्न मंत्रालयों के सुझाव शामिल किए जा रहे हैं।
- विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा कानूनी अनुपालन की जाँच जारी है।
- नीतिगत निर्देशों को अंतिम मंजूरी हेतु तैयार किया जा रहा है।
यह विधेयक भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और निवेश–अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
📌 Quick Exam Notes — India–Russia Nuclear Agreement 2025
- बैठक: भारत–रूस परमाणु सहयोग बैठक
- उद्देश्य: SMR तकनीक, ईंधन चक्र, उपकरण स्थानीयकरण
- मुख्य रिएक्टर: BSMR-200, SMR-55, 5 MW HTR
- समय सीमा: 60–72 महीने (डिमॉन्स्ट्रेशन रिएक्टर)
- बजट घोषणा: 20,000 करोड़ (2033 तक 5 SMR)
- RFP अंतिम तिथि: 31 मार्च 2026
- विधेयक: परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 (अंतिम चरण)
🌐 निष्कर्ष — भारत छोटा मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की ओर
रूस के रोसाटॉम के साथ यह सहयोग और भारत का स्वदेशी SMR विकास कार्यक्रम, दोनों मिलकर देश को ऊर्जा सुरक्षा, कार्बन-न्यूट्रल भविष्य और आधुनिक परमाणु प्रौद्योगिकी की दिशा में एक तेज कदम प्रदान करते हैं।
SMR तकनीक न केवल उद्योगों, शहरों और दूरदराज़ के इलाकों के लिए स्वच्छ ऊर्जा समाधान उपलब्ध कराएगी, बल्कि भारत को वैश्विक परमाणु बाजार में प्रमुख स्थान दिलाने की ठोस नींव भी रखेगी।
भारत का यह मिशन 21वीं सदी में ऊर्जा नवाचार का एक नया अध्याय खोलने जा रहा है।
इसरो ने तैयार किया भारतीय स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन का पूरा ब्लूप्रिंट — 2035 तक पांच मॉड्यूल वाला 'BAS' पूरी तरह operational
Updated On: 03 दिसंबर 2025
भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इसरो ने घोषणा की है कि भारतीय स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के पांच मॉड्यूलों की पूरी आकृति (Final Configuration) तैयार कर ली गई है। राष्ट्रीय स्तरीय समीक्षा समिति द्वारा इस ब्लूप्रिंट की विस्तृत समीक्षा भी पूरी कर ली गई है।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करेगी जिनके पास अपना स्वतंत्र, दीर्घकालिक और उन्नत अंतरिक्ष स्टेशन है।
🛰️ BAS-01: पहला बेस मॉड्यूल 2028 तक लॉन्च किया जाएगा
सितंबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS-01) के पहले मॉड्यूल के विकास और प्रक्षेपण को मंजूरी दी थी। इसरो के मुताबिक:
- पहला मॉड्यूल BAS-01 (Base Module) वर्ष 2028 में लॉन्च किया जाएगा।
- इसके बाद अन्य मॉड्यूलों को क्रमिक चरणों में जोड़ा जाएगा।
- पूरे पांच मॉड्यूलों वाला भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक पूरी तरह operational होने की उम्मीद है।
यह स्टेशन भारत को अंतरिक्ष विज्ञान, माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान, जैव-अंतरिक्ष अध्ययन, अंतरिक्ष चिकित्सा और तकनीकी परीक्षणों के क्षेत्र में बड़ी छलांग देगा।
🔧 उन्नत तकनीकों के साथ BAS-01 का विकास तेज़ी से आगे बढ़ रहा है
इसरो ने बताया कि BAS-01 की:
- सिस्टम इंजीनियरिंग
- उप-प्रणालियों की टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट
- टेस्टिंग और प्रोटोटाइप निर्माण
तेजी से प्रगति पर हैं।
BAS-01 मॉड्यूल को अंतरराष्ट्रीय मानकों (International Standards) के अनुरूप डिज़ाइन किया जा रहा है ताकि भविष्य में विभिन्न देशों की स्पेस एजेंसियों के मॉड्यूल और उपकरण इसके साथ आसानी से इंटरऑपरेट कर सकें।
💰 गगनयान कार्यक्रम में शामिल हुआ अंतरिक्ष स्टेशन बजट — कुल राशि ₹20,193 करोड़
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और मिशनों को गगनयान कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
सितंबर 2024 में कैबिनेट द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद:
- गगनयान कार्यक्रम का दायरा बढ़ाया गया।
- अतिरिक्त निधि जोड़कर कुल बजट बढ़ाकर ₹20,193 करोड़ किया गया।
- इसी बजट से BAS-01 और इसके पूर्ववर्ती मानव मिशनों का विकास समर्थित होगा।
यह निवेश भारत के 2047 के अंतरिक्ष विज़न के लिए सबसे बड़ा आधार बनेगा।
🤝 अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए अवसर — ISRO की वैश्विक साझेदारियाँ
इसरो अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ सहयोग बढ़ाने पर भी काम कर रहा है। BAS-01 की प्रणालियों को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है कि यह:
- अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक उपकरणों
- साझा प्रयोगशालाओं
- विदेशी मॉड्यूलों
- संयुक्त परीक्षण सुविधाओं
के साथ आसानी से जुड़ सके।
इस दिशा में वैश्विक स्पेस एजेंसियों के साथ संयुक्त तकनीकी विकास और साझा परीक्षण प्रणालियों पर भी चर्चा चल रही है।
👨🚀 Gaganyaan से BAS तक — भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की अगली बड़ी छलांग
गगनयान मिशन भारत का पहला मानवरहित/मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है जो Low Earth Orbit (LEO) में सुरक्षित मानव यात्रा और वापसी की क्षमता को प्रदर्शित करेगा।
इसके बाद BAS यानी भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन:
- मानव अंतरिक्ष विज्ञान की निरंतर क्षमता स्थापित करेगा,
- सालभर वैज्ञानिक मिशनों को संचालित करने में सक्षम होगा,
- माइक्रोग्रैविटी में उन्नत अनुसंधान का मार्ग खोलेगा,
- और भारत के मानव चंद्रमा लैंडिंग मिशन के लिए आधार तैयार करेगा।
BAS भारत के Space Vision 2047 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
📌 Quick Exam Notes — ISRO Indigenous Space Station 2025
- परियोजना: भारतीय स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन (BAS)
- पहला मॉड्यूल: BAS-01 (Base Module) — लॉन्च 2028
- पूरा स्टेशन: 5 मॉड्यूल — पूरी तरह operational 2035
- बजट: गगनयान के विस्तारित दायरे में ₹20,193 करोड़
- मुख्य लाभ: माइक्रोग्रैविटी रिसर्च, मानव अंतरिक्ष यात्रा, अंतरराष्ट्रीय सहयोग
- समीक्षा: राष्ट्रीय स्तरीय समीक्षा समिति द्वारा ब्लूप्रिंट मंज़ूर
- अंतरराष्ट्रीय समन्वय: अन्य स्पेस एजेंसियों के साथ इंटरऑपरेबल डिज़ाइन
🌐 निष्कर्ष — 2035 में भारत का अपना स्पेस स्टेशन, वैश्विक अंतरिक्ष शक्तियों में स्थान और मजबूत
इसरो द्वारा तैयार किया गया भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) देश के स्पेस इतिहास का सबसे बड़ा वैज्ञानिक निवेश साबित होगा। यह केवल एक स्पेस प्लेटफ़ॉर्म नहीं, बल्कि भविष्य के मानव अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में भारत की निर्णायक छलांग है।
2035 में पांच मॉड्यूल वाला यह भारतीय स्पेस स्टेशन न सिर्फ वैज्ञानिक अनुसंधान को नई गति देगा, बल्कि भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगा।
3 दिसंबर का इतिहास: आज के दिन क्या हुआ था? | December 3 Today in History, Important Events & Significance
लेखक: Examseries (Co-Writer : Satish Pathak)
प्रकाशन तिथि: 3 December 2025
3 दिसंबर: इतिहास, सामाजिक न्याय, विज्ञान और राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा महत्वपूर्ण दिन
3 दिसंबर का दिन राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस तिथि पर कई ऐसी घटनाएँ हुईं जिन्होंने न केवल भारत के सामाजिक ढांचे को प्रभावित किया, बल्कि विश्व राजनीति, विज्ञान, मानवाधिकार और संस्कृति पर भी गहरा प्रभाव डाला।
यह लेख 3 दिसंबर से संबन्धित महत्वपूर्ण दिवसों, इतिहास की प्रमुख घटनाओं, जन्मदिवस, तथा इस तिथि के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व को विस्तार से प्रस्तुत करता है।
यह सामग्री विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षा, UPSC, SSC, Railways, तथा इतिहास छात्रों के लिए उपयोगी है।
3 दिसंबर: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस (Important Observances)
1. अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस (International Day of Persons with Disabilities)
हर वर्ष 3 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत 1992 में हुई थी ताकि दुनिया भर में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों, सम्मान, समानता, समावेशन और कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके।
आज भी दुनिया में करोड़ों लोग शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक बाधाओं का सामना करते हैं। यह दिवस वैश्विक समाज को अधिक समावेशी तथा सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
2. कृषि शिक्षा दिवस (Agricultural Education Day)
भारत में 3 दिसंबर को कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जो स्वयं एक कृषि वैज्ञानिक और ग्रामीण विकास के समर्थक थे।
इसका उद्देश्य युवाओं में कृषि अनुसंधान, खेती-किसानी, फसल प्रबंधन, और आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
3. डॉ. राजेंद्र प्रसाद जयंती
3 दिसंबर 1884 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ। वे संविधान सभा अध्यक्ष, स्वतंत्रता सेनानी और एक महान विचारक थे।
उनके नेतृत्व में भारत ने संविधान निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाए।
3 दिसंबर: भारतीय और विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
1. भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएँ
✔ 1829 – सती प्रथा पर प्रतिबंध
3 दिसंबर 1829 को ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक ने भारत में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाया।
यह सुधार राजा राममोहन राय के अथक प्रयासों और सामाजिक सुधार आंदोलनों का परिणाम था। यह भारतीय समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की दिशा में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जाता है।
✔ 1971 – भारत-पाकिस्तान युद्ध की शुरुआत
3 दिसंबर 1971 की शाम को पाकिस्तान वायुसेना ने भारत के कई हवाई अड्डों—जैसे आगरा, अंबाला, अमृतसर—पर अचानक हमला किया।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे युद्ध की घोषणा मानते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी और 1971 का भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ।
यह युद्ध 11 दिनों तक चला और इसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा।
✔ 1984 – भोपाल गैस त्रासदी
2-3 दिसंबर 1984 की रात, भोपाल में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ।
इसे दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी माना जाता है। हजारों लोगों की तत्काल मृत्यु हुई और लाखों लोग आज भी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।
इस दुर्घटना ने औद्योगिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन की अनिवार्यता को वैश्विक स्तर पर साबित किया।
2. विश्व इतिहास की प्रमुख घटनाएँ
✔ 1792 – फ्रांस के राजा लुई सोलहवें पर मुकदमे की शुरुआत
फ्रांसीसी क्रांति के दौरान 3 दिसंबर 1792 को राजा लुई XVI के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। यह घटना यूरोपीय इतिहास में राजशाही पतन का प्रतीक है।
✔ 1818 – इलिनोइस अमेरिका का 21वाँ राज्य बना
3 दिसंबर 1818 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने इलिनोइस को अपना 21वां राज्य घोषित किया। यह अमेरिकी इतिहास और भू-राजनीति में महत्वपूर्ण पड़ाव था।
✔ 1910 – आधुनिक नियॉन लाइटिंग का पहला प्रदर्शन
फ्रांसीसी वैज्ञानिक जॉर्जेस क्लाउड ने 3 दिसंबर 1910 को पेरिस मोटर शो में दुनिया को पहली बार आधुनिक नियॉन लाइटिंग दिखाई।
यह प्रदर्शन 20वीं सदी के वैज्ञानिक नवाचारों में महत्वपूर्ण माना जाता है।
✔ 1967 – दुनिया का पहला मानव हृदय प्रत्यारोपण
3 दिसंबर 1967 को दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर क्रिश्चियन बर्नार्ड ने दुनिया का पहला सफल ह्यूमन हार्ट ट्रांसप्लांट किया।
यह चिकित्सा विज्ञान की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
✔ 1989 – शीत युद्ध का अंत
3 दिसंबर 1989 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने माल्टा में मुलाकात के बाद शीत युद्ध के अंत की घोषणा की।
इस घटना ने वैश्विक राजनीति में नए युग की शुरुआत की।
3 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति
✔ नंदलाल बोस (1882)
भारत के महान चित्रकार, जिन्होंने भारतीय संविधान की मूल प्रति को अपनी कलात्मक शैली से सजाया।
वे आधुनिक भारतीय कला आंदोलन के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
✔ डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1884)
भारत के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी और संविधान सभा के अध्यक्ष।
उनका जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सीवान में हुआ था।
✔ खुदीराम बोस (1889)
भारत के सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने मात्र 18 वर्ष की आयु में देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए।
उनकी बहादुरी आज भी प्रेरणा का स्रोत है।
✔ यशपाल (1903)
हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक और कथाकार, जिन्होंने समाजिक चेतना आधारित रचनाएँ लिखीं।
✔ देव आनंद (1923)
भारतीय सिनेमा के “सदाबहार” अभिनेता, निर्देशक और निर्माता।
3 दिसंबर 2011 को उनका निधन भी इसी दिन हुआ था।
✔ मिताली राज (1982)
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए।
निष्कर्ष: 3 दिसंबर क्यों है खास?
3 दिसंबर मानव अधिकारों, विज्ञान, सामाजिक सुधार, ऐतिहासिक परिवर्तनों और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है।
जहाँ भारत में यह दिन भोपाल गैस त्रासदी की पीड़ा और 1971 युद्ध के साहस की याद दिलाता है, वहीं वैश्विक स्तर पर यह दिव्यांगजनों के अधिकारों, वैज्ञानिक प्रगति और राजनीतिक परिवर्तनों का गवाह रहा है।
यह तिथि इतिहास, समाज, विज्ञान और मानवता के कई आयामों को जोड़ती है।
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3 December 2025 से बनने वाले Daily Current Affairs Quiz
3 December 2025 से शुरू होने वाला हमारा Daily Current Affairs Quiz आपके करंट अफेयर्स की तैयारी को अगले लेवल तक ले जाएगा। यह Quiz न सिर्फ UPSC, SSC, Bank, Railway, और State PCS जैसी प्रमुख परीक्षाओं के लिए जरूरी सवालों को आसान और यादगार बनाता है, बल्कि रोज़ाना अभ्यास से आपकी रिवीजन तेज़, स्मार्ट और सटीक होती है। Daily Current Affairs Quiz के जरिए आप MCQ फॉर्मेट में सही जवाब देने की आदत डालेंगे, समय बचाएंगे और परीक्षा में Confidence बढ़ाएंगे। अगर आपकी तैयारी में Edge चाहिए और हर एग्ज़ाम में GK/Current Affairs से फ़ायदा उठाना है, तो यह Quiz आपके लिए सबसे प्रभावी तरीका है।
Q1. ‘नक्शा’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निम्न में से किस क्षेत्र में तकनीकी आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना है?
A. कृषि उत्पादन पूर्वानुमान
B. भूमि सर्वेक्षण एवं भू-स्थानिक मानचित्रण
C. जल संसाधन संरक्षण
D. आपदा प्रबंधन
Correct Answer: B
Explanation:
‘नक्शा’ (National Geospatial Knowledge-based Land Survey) का उद्देश्य भारत में पारंपरिक सर्वेक्षण पद्धतियों से हटकर GIS आधारित, अक्षांश–देशांतर आधारित डिजिटल लैंड मैपिंग को लागू करना है।
Q2. CORS तकनीक के उपयोग से भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में किस प्रकार का परिवर्तन संभव हुआ है?
A. सर्वेक्षण सिर्फ उपग्रहों तक सीमित हो गया
B. प्रतिदिन 200 संपत्तियों तक मानचित्रण संभव हुआ
C. जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता समाप्त हो गई
D. ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वेक्षण असंभव हो गया
Correct Answer: B
Explanation:
सतत संचालन संदर्भ प्रणाली (CORS) से सर्वेक्षण की सटीकता बढ़ती है और मैनुअल सर्वेक्षण की तुलना में उत्पादकता 1 प्लॉट/दिन से बढ़कर लगभग 200 संपत्तियों/दिन तक हो जाती है।
Q3. ‘Urban Property Card’ पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. शहरी परिवहन को एकीकृत करना
B. नगर निगमों में भू-अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाना
C. विभिन्न संपत्ति रिकॉर्डों को एक ही डिजिटल दस्तावेज़ में एकीकृत करना
D. शहरी आवास योजनाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करना
Correct Answer: C
Explanation:
Urban Property Card में नगरपालिका कर रिकॉर्ड, पंजीकरण विवरण और मौजूदा भूमि दस्तावेज एकीकृत होते हैं जिससे एकीकृत आधिकारिक संपत्ति पहचान मिलती है।
Q4. निम्न में से कौन-सी उन्नत तकनीकें शहरी क्षेत्रों के जटिल भू-भागों के सर्वेक्षण हेतु अपनाई जा रही हैं?
A. RADAR and Photometry
B. LIDAR और Oblique Cameras
C. Thermal Imaging और SONAR
D. Cryo-sensing Cameras
Correct Answer: B
Explanation:
भारत सरकार लैंडस्टैक एवं नक्शा परियोजनाओं में LiDAR और Oblique कैमरों के उपयोग से 3D high-accuracy mapping कर रही है।
Q5. भूमि संसाधन विभाग द्वारा GIS-आधारित सॉफ्टवेयर विकास का अंतिम उद्देश्य क्या है?
A. अंतरिक्ष प्रक्षेपणों में दक्षता बढ़ाना
B. कृषि डेटा को क्लाउड में स्टोर करना
C. राष्ट्रव्यापी भूमि डेटा के माध्यम से व्यवसाय और जीवन को आसान बनाना
D. विदेशी निवेश को समाप्त करना
Correct Answer: C
Explanation:
संगोष्ठी का अंतिम लक्ष्य देशभर में सटीक डिजिटल भूमि डेटाबेस बनाकर शासन, व्यवसाय और नागरिक सेवाओं को तेज और पारदर्शी बनाना है।
Q6. भारत–रूस रोसाटॉम सहयोग की बैठक का एक प्रमुख एजेंडा क्या था?
A. केवल अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहयोग
B. छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के संयुक्त निर्माण पर चर्चा
C. जलवायु परिवर्तन अनुसंधान
D. विदेशी कोयला आयात नीति
Correct Answer: B
Explanation:
बैठक का मुख्य केंद्र SMR (Small Modular Reactors) विशेषकर रूसी डिज़ाइन वाले SMR के भारत में निर्माण के अवसरों पर था।
Q7. भारत द्वारा विकसित किए जा रहे ‘BSMR-200’ का संदर्भ किससे है?
A. उच्च ऊर्जा लेजर हथियार
B. 200 मेगावाट छोटा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर
C. 200 मीटर गहराई वाला समुद्री ऊर्जा स्टेशन
D. नई पीढ़ी का मौसम उपग्रह
Correct Answer: B
Explanation:
BSMR-200 एक 200 MW का स्वदेशी Small Modular Reactor (SMR) है जिसे BARC डिजाइन कर रहा है।
Q8. NPCIL द्वारा जारी SMR के लिए RFP की अंतिम तिथि किस कारण बढ़ाई गई?
A. राजनीतिक कारण
B. उद्योगों की मांग पर
C. बजट में कटौती
D. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध
Correct Answer: B
Explanation:
उद्योगों द्वारा अधिक समय मांगने पर NPCIL ने RFP की अंतिम तिथि 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई।
Q9. भारत के परमाणु ऊर्जा मिशन 2025-26 के अनुसार SMR परियोजनाएँ किस वर्ष तक तैनात करने की योजना है?
A. 2027
B. 2030
C. 2033
D. 2040
Correct Answer: C
Explanation:
बजट 2025-26 में 2033 तक पाँच स्वदेशी SMRs तैनात करने का लक्ष्य रखा गया है।
Q10. परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 का मसौदा किस चरण में है?
A. संसद में पारित हो चुका
B. प्रारंभिक ड्राफ्ट स्थिति
C. प्रक्रिया और तैयारी के उन्नत चरण में
D. अस्थायी रूप से स्थगित
Correct Answer: C
Explanation:
विधेयक विभिन्न मंत्रालयों की टिप्पणियों को जोड़ते हुए उन्नत ड्राफ्टिंग स्टेज में है और विधि मंत्रालय इसकी कानूनी जांच कर रहा है।
Q11. भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के पहले मॉड्यूल BAS-01 के प्रक्षेपण का लक्ष्य वर्ष कौन-सा है?
A. 2026
B. 2028
C. 2030
D. 2035
Correct Answer: B
Explanation:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने BAS-01 को 2028 तक लॉन्च करने को मंजूरी दी है।
Q12. भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की कुल मॉड्यूल संख्या कितनी प्रस्तावित है?
A. 3
B. 4
C. 5
D. 7
Correct Answer: C
Explanation:
ISRO ने पाँच मॉड्यूल वाले स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन की आकृति तैयार की है।
Q13. BAS मिशन किस दीर्घकालिक दृष्टि का महत्वपूर्ण हिस्सा है?
A. Digital India 2030
B. Gati Shakti Mission
C. India’s Space Vision 2047
D. Maritime India Vision 2030
Correct Answer: C
Explanation:
Space Vision 2047 में मानव चंद्रमा मिशन सहित दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष अन्वेषण लक्ष्यों का उल्लेख है।
Q14. ISRO BAS-01 मॉड्यूल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर compatible बनाने हेतु किस चीज़ को शामिल कर रहा है?
A. विदेशी प्रक्षेपण सेवाएँ
B. अंतर्राष्ट्रीय मानक (interoperability standards)
C. निजी अंतरिक्ष यात्रियों की भर्ती
D. केवल UAV आधारित परीक्षण
Correct Answer: B
Explanation:
ISRO BAS-01 मॉड्यूल की डिजाइन में global interoperability standards शामिल कर रहा है ताकि वह अन्य एजेंसियों की प्रणालियों के साथ संगत रहे।
Q15. BAS स्टेशन क्यों महत्वपूर्ण माना जा रहा है?
A. यह GPS का पूर्ण विकल्प बनेगा
B. यह भारत को पहली बार सतत micro-gravity अनुसंधान का प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा
C. यह केवल मौसम अध्ययन हेतु बनाया जा रहा
D. यह अंतरिक्ष पर्यटन के लिए प्राथमिक रूप से बनाया जा रहा है
Correct Answer: B
Explanation:
BAS स्टेशन micro-gravity आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास में भारत को नई क्षमता देगा।