राजस्थान स्वतंत्रता संग्राम का परिचय
राजस्थान का स्वतंत्रता संग्राम भारत के राष्ट्रीय आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। राजस्थान की जनता ने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध अनेक आंदोलन किए और बलिदान दिए। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 में देश की आजादी तक, राजस्थान के लोगों ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन दो स्तरों पर चला - ब्रिटिश शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा में सीधा संघर्ष और देशी रियासतों में प्रजामंडल आंदोलन।
1857 की क्रांति और राजस्थान
1. नसीराबाद छावनी में विद्रोह
31 मई, 1857 को नसीराबाद छावनी में 15वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया। यह राजस्थान में 1857 की क्रांति की पहली घटना थी। सैनिकों ने अपने अधिकारियों के विरुद्ध विद्रोह किया और दिल्ली की ओर कूच कर गए।
परीक्षा उपयोगी तथ्य
पहला विद्रोह: नसीराबाद छावनी में 31 मई, 1857 को
नीमच छावनी: 3 जून, 1857 को विद्रोह
एरिनपुरा छावनी: 21 अगस्त, 1857 को विद्रोह
कोटा विद्रोह: जयदयाल और मेहराब खान के नेतृत्व में
2. कोटा का विद्रोह
अक्टूबर 1857 में कोटा में सैनिकों और जनता ने विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह का नेतृत्व जयदयाल और मेहराब खान ने किया। विद्रोहियों ने कोटा पर कब्जा कर लिया और महाराव को नजरबंद कर दिया। अंग्रेजों ने मार्च 1858 में कोटा पर पुनः कब्जा कर लिया और जयदयाल और मेहराब खान को फांसी दे दी गई।
3. अन्य रियासतों की भूमिका
1857 के विद्रोह में अधिकांश राजपूत शासकों ने अंग्रेजों का साथ दिया। जोधपुर, बीकानेर, जयपुर आदि रियासतों ने अंग्रेजों को सैनिक सहायता प्रदान की। केवल कोटा और झालावाड़ में ही महत्वपूर्ण विद्रोह हुए।
प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और आंदोलन
बिजोलिया किसान आंदोलन
साधु सीताराम दास के नेतृत्व में शुरू हुआ
रॉलेट एक्ट विरोध
अजमेर में रॉलेट एक्ट के विरोध में प्रदर्शन
असहयोग आंदोलन
राजस्थान में असहयोग आंदोलन की शुरुआत
प्रजामंडल आंदोलन
बिजोलिया में पहले प्रजामंडल की स्थापना
सविनय अवज्ञा आंदोलन
राजस्थान में नमक सत्याग्रह और विदेशी वस्त्रों की होली
भारत छोड़ो आंदोलन
राजस्थान में जोरदार आंदोलन और गिरफ्तारियाँ
आजादी और एकीकरण
देश आजाद हुआ और राजस्थान का एकीकरण शुरू हुआ
प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी
नाम | क्षेत्र | योगदान |
---|---|---|
विजय सिंह पथिक | बिजोलिया | बिजोलिया किसान आंदोलन, तरुण राजस्थान |
अर्जुन लाल सेठी | जयपुर | विद्यापीठ स्थापना, राजनीतिक जागरण |
जोरावर सिंह बारहठ | शाहपुरा | क्रांतिकारी गतिविधियाँ, दिल्ली षडयंत्र |
गोकुल भाई भट्ट | सिरोही | प्रजामंडल आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन |
जमनालाल बजाज | जयपुर | राष्ट्रीय आंदोलन में आर्थिक सहयोग |
मोहन लाल सुखाड़िया | उदयपुर | मेवाड़ प्रजामंडल, स्वतंत्रता के बाद मुख्यमंत्री |
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: राजस्थान में प्रथम प्रजामंडल की स्थापना कहाँ हुई?
उत्तर: बिजोलिया में 1927 में
प्रश्न: 'तरुण राजस्थान' समाचार पत्र के संपादक कौन थे?
उत्तर: विजय सिंह पथिक
प्रश्न: 1857 के विद्रोह में कोटा विद्रोह के नेता कौन थे?
उत्तर: जयदयाल और मेहराब खान
प्रजामंडल आंदोलन
1. बिजोलिया प्रजामंडल
राजस्थान में पहले प्रजामंडल की स्थापना 1927 में बिजोलिया में हुई। इसकी स्थापना विजय सिंह पथिक और माणिक्य लाल वर्मा ने की। बिजोलिया प्रजामंडल ने किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और लाग-बाग व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई।
2. मेवाड़ प्रजामंडल
मेवाड़ प्रजामंडल की स्थापना 1938 में उदयपुर में हुई। इसके प्रमुख नेता माणिक्य लाल वर्मा, बालू भाई, मोहन लाल सुखाड़िया और गोकुल भाई भट्ट थे। मेवाड़ प्रजामंडल ने महाराणा के शासन में सुधारों की मांग की।
3. मारवाड़ प्रजामंडल
मारवाड़ प्रजामंडल की स्थापना 1938 में जोधपुर में हुई। जयनारायण व्यास इसके प्रमुख नेता थे। मारवाड़ प्रजामंडल ने जनता के अधिकारों और सविंधानिक सुधारों की मांग की।
महत्वपूर्ण तथ्य
प्रथम प्रजामंडल: बिजोलिया (1927)
अंतिम प्रजामंडल: डूंगरपुर (1944)
प्रजामंडल आंदोलन का उद्देश्य: लोकतांत्रिक अधिकार और संवैधानिक सुधार
मेवाड़ प्रजामंडल के नेता: माणिक्य लाल वर्मा और मोहन लाल सुखाड़िया
4. अन्य प्रजामंडल
राजस्थान की अन्य रियासतों में भी प्रजामंडल स्थापित हुए। कोटा, बूंदी, भरतपुर, करौली, अलवर, शाहपुरा, किशनगढ़, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और जैसलमेर में प्रजामंडलों की स्थापना हुई और उन्होंने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
राजस्थान में राष्ट्रीय आंदोलन
1. असहयोग आंदोलन (1920-1922)
राजस्थान में असहयोग आंदोलन का नेतृत्व अर्जुन लाल सेठी, विजय सिंह पथिक और केसरी सिंह बारहठ ने किया। अजमेर में विद्यार्थियों ने सरकारी शिक्षण संस्थाओं का बहिष्कार किया और विदेशी वस्त्रों की होली जलाई गई।
2. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1934)
1930 में गांधी जी के दांडी मार्च के बाद राजस्थान में भी नमक कानून तोड़ा गया। अजमेर में रामचन्द्र जैन के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह हुआ। देशी रियासतों में भी जनजागरण और सविनय अवज्ञा आंदोलन चले।
3. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में राजस्थान ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अजमेर, कोटा, जयपुर, उदयपुर आदि स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन हुए। सरकार ने कड़ी दमन नीति अपनाई और सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को गिरफ्तार किया गया।
परीक्षा नोट्स
प्रमुख समाचार पत्र
• तरुण राजस्थान - विजय सिंह पथिक
• नवीन राजस्थान - सेठ दामोदर दास
• राजस्थान केसरी - सेठ जमनालाल बजाज
• प्रजा - माणिक्य लाल वर्मा
महत्वपूर्ण तिथियाँ
• 1913 - बिजोलिया किसान आंदोलन
• 1927 - प्रथम प्रजामंडल
• 1938 - मेवाड़ प्रजामंडल
• 1942 - भारत छोड़ो आंदोलन
• 1947 - देश की आजादी
प्रमुख किसान आंदोलन
• बिजोलिया किसान आंदोलन (1913-1941)
• बेंगु किसान आंदोलन (1921-1923)
• नीमूचाणा किसान आंदोलन (1923-1924)
• अलवर किसान आंदोलन (1925)
महिला स्वतंत्रता सेनानी
• रतन शास्त्री - बिजोलिया
• नथी बाई - मेवाड़
• अमर कौर - भरतपुर
• किशोरी देवी - अलवर