मध्यकालीन राजस्थान का परिचय
राजस्थान का मध्यकालीन इतिहास 8वीं शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक फैला हुआ है। इस काल में राजस्थान में राजपूत शासकों का उदय हुआ और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने राज्य स्थापित किए। इस युग में चौहान, गुहिल, राठौड़, कछवाहा और अन्य राजपूत वंशों ने यहाँ शासन किया।
मध्यकाल में राजस्थान मुगल साम्राज्य का महत्वपूर्ण भाग बना। अकबर ने राजपूत शासकों के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित किए और उन्हें मुगल दरबार में उच्च पद दिए।
प्रमुख राजवंश और उनके शासक
1. चौहान वंश
चौहान वंश ने अजमेर और दिल्ली में शासन किया। इस वंश के प्रमुख शासकों में पृथ्वीराज चौहान तृतीय सबसे प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने 1179-1192 ई. तक शासन किया।
परीक्षा उपयोगी तथ्य
पृथ्वीराज चौहान ने तराइन के द्वितीय युद्ध (1192 ई.) में मुहम्मद गोरी के हाथों पराजय का सामना किया।
चौहान वंश की राजधानी अजमेर थी, जिस की स्थापना अजयपाल चौहान ने की थी।
2. गुहिल (सिसोदिया) वंश
गुहिल वंश ने मेवाड़ में शासन किया। इस वंश के प्रमुख शासकों में राणा कुम्भा, राणा सांगा और महाराणा प्रताप शामिल हैं।
शासक | शासनकाल | महत्वपूर्ण योगदान |
---|---|---|
राणा कुम्भा | 1433-1468 ई. | कुम्भलगढ़ दुर्ग का निर्माण, संगीतराज ग्रंथ की रचना |
राणा सांगा | 1508-1528 ई. | खानवा का युद्ध (1527 ई.), मुगलों के विरुद्ध संघर्ष |
महाराणा प्रताप | 1572-1597 ई. | हल्दीघाटी का युद्ध (1576 ई.), मुगलों के विरुद्ध संघर्ष |
3. राठौड़ वंश
राठौड़ वंश ने मारवाड़ में शासन किया। इस वंश की स्थापना राव सीहा ने की थी और इसकी राजधानी जोधपुर थी।
4. कछवाहा वंश
कछवाहा वंश ने आमेर (जयपुर) में शासन किया। इस वंश की स्थापना दुल्हेराय ने की थी और इसकी राजधानी आमेर थी, जिसे बाद में जयपुर स्थानांतरित किया गया।
महत्वपूर्ण युद्ध और घटनाएँ
तराइन का प्रथम युद्ध
पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी को पराजित किया
तराइन का द्वितीय युद्ध
मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित किया
खानवा का युद्ध
बाबर ने राणा सांगा को पराजित किया
हल्दीघाटी का युद्ध
अकबर और महाराणा प्रताप के बीच युद्ध
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व किसने किया?
उत्तर: मानसिंह और आसफ खाँ
प्रश्न: मेवाड़ के किस शासक को 'हिन्दूपत' की उपाधि दी गई?
उत्तर: राणा सांगा
मुगल-राजपूत संबंध
मुगल काल में राजस्थान के राजपूत शासकों के साथ मुगलों के संबंध जटिल रहे हैं। अकबर ने राजपूतों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने की नीति अपनाई, जबकि औरंगजेब ने कठोर नीति अपनाई।
अकबर की राजपूत नीति
- वैवाहिक संबंध स्थापित करना
- राजपूत शासकों को मुगल दरबार में उच्च पद देना
- धार्मिक सहिष्णुता की नीति
- जजिया कर को समाप्त करना
मुगल दरबार में प्रमुख राजपूत
राजपूत शासक | मुगल सम्राट | पद/योगदान |
---|---|---|
राजा भारमल | अकबर | आमेर का शासक, अकबर की ससुर |
मानसिंह | अकबर | मुगल सेनापति, बंगाल का सूबेदार |
राजा जयसिंह | शाहजहाँ | जयपुर का संस्थापक, मुगल दरबार में प्रमुख |
जसवंत सिंह | शाहजहाँ/औरंगजेब | मारवाड़ का शासक, मुगल सेनापति |
मध्यकालीन राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत
मध्यकाल में राजस्थान ने स्थापत्य कला, साहित्य, संगीत और चित्रकला के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की।
स्थापत्य कला
- कुम्भलगढ़ दुर्ग: राणा कुम्भा द्वारा निर्मित, राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा दुर्ग
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग: राजस्थान का सबसे बड़ा दुर्ग
- जैन मंदिर, रणकपुर: मार्बल से निर्मित सुप्रसिद्ध जैन मंदिर
- विजय स्तम्भ: राणा कुम्भा द्वारा मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी पर विजय के उपलक्ष्य में निर्मित
साहित्य एवं कला
- राणा कुम्भा ने 'संगीतराज' और 'सूडप्रबंध' ग्रंथों की रचना की
- मीराबाई की भक्ति रचनाएँ
- पृथ्वीराज रासो - चंदबरदाई द्वारा रचित महाकाव्य
- मेवाड़ और मारवाड़ शैली की चित्रकला का विकास
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण नोट्स
राजपूत वंशों की स्थापना
• चौहान वंश - वासुदेव चौहान (551 ई.)
• गुहिल वंश - गुहिल (566 ई.)
• राठौड़ वंश - राव सीहा (550 ई.)
• कछवाहा वंश - दुल्हेराय (967 ई.)
महत्वपूर्ण तिथियाँ
• 1191 ई. - तराइन का प्रथम युद्ध
• 1192 ई. - तराइन का द्वितीय युद्ध
• 1527 ई. - खानवा का युद्ध
• 1576 ई. - हल्दीघाटी का युद्ध
मुगल-राजपूत संबंध
• अकबर ने जोधपुर के राव मालदेव के पुत्र रायसिंह को जागीर दी
• अकबर ने बीकानेर के रायसिंह को 5000 की मनसबदारी प्रदान की
• अकबर ने आमेर के भारमल की पुत्री से विवाह किया