राजस्थान एकीकरण का परिचय
राजस्थान का एकीकरण भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान 19 देशी रियासतों, 3 ठिकानों और 1 केंद्र शासित प्रदेश (अजमेर-मेरवाड़ा) में बंटा हुआ था। सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में इन सभी रियासतों का भारत में विलय करके राजस्थान का निर्माण किया गया। यह एकीकरण 7 चरणों में 18 मार्च, 1948 से 1 नवंबर, 1956 के बीच पूरा हुआ।
राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जिसका निर्माण 7 चरणों में हुआ। 1 नवंबर, 1956 को वर्तमान राजस्थान का गठन हुआ और इस दिन को राजस्थान स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
एकीकरण के प्रमुख सूत्रधार

सरदार वल्लभभाई पटेल
सरदार पटेल को भारत की एकता का मुख्य शिल्पी माना जाता है। उन्होंने देशी रियासतों के भारत में विलय की प्रक्रिया का नेतृत्व किया और राजस्थान के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नारायण विष्णु गाडगिल
गाडगिल जी ने राजस्थान एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी अध्यक्षता में गठित गाडगिल समिति ने राज्य पुनर्गठन में महत्वपूर्ण सिफारिशें प्रस्तुत कीं।

हीरालाल शास्त्री
हीरालाल शास्त्री ने राजस्थान एकीकरण की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई और संयुक्त राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने।
राजस्थान एकीकरण के चरण
प्रथम चरण - मत्स्य संघ
अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली रियासतों को मिलाकर मत्स्य संघ का गठन किया गया। धौलपुर के महाराजा उदयभान सिंह को इसका राजप्रमुख बनाया गया और अलवर को राजधानी।
द्वितीय चरण - राजस्थान संघ
बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुरा और टोंक रियासतों को मिलाकर राजस्थान संघ का गठन किया गया। कोटा के महाराव भीम सिंह को राजप्रमुख बनाया गया और कोटा को राजधानी।
तृतीय चरण - संयुक्त राजस्थान
उदयपुर रियासत को राजस्थान संघ में मिलाया गया और इसका नाम बदलकर संयुक्त राजस्थान कर दिया गया। उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह को राजप्रमुख बनाया गया और हीरालाल शास्त्री को प्रथम मुख्यमंत्री।
चतुर्थ चरण - वृहत्तर राजस्थान
जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और जयपुर रियासतों को संयुक्त राजस्थान में मिलाया गया और इसका नाम बदलकर वृहत्तर राजस्थान कर दिया गया। जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह को राजप्रमुख बनाया गया और हीरालाल शास्त्री को मुख्यमंत्री।
पंचम चरण - संयुक्त वृहत्तर राजस्थान
मत्स्य संघ को वृहत्तर राजस्थान में मिलाया गया। इस तरह अब तक की सभी रियासतें एकीकृत हो गईं। सवाई मान सिंह राजप्रमुख और हीरालाल शास्त्री मुख्यमंत्री बने रहे।
षष्ठम चरण - राजस्थान
18 रियासतों के एकीकरण के बाद 26 जनवरी, 1950 को इसे भारत का हिस्सा बनाया गया और इसका नाम राजस्थान रखा गया।
सप्तम चरण - वर्तमान राजस्थान
राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत अजमेर-मेरवाड़ा, आबू रोड तहसील और सुनेल टप्पा का राजस्थान में विलय किया गया। इस दिन वर्तमान राजस्थान का गठन हुआ और मध्य प्रदेश की मंदसौर रियासत का कोटा में विलय हुआ।
परीक्षा उपयोगी तथ्य
प्रथम एकीकरण: 18 मार्च, 1948 को मत्स्य संघ का गठन
अंतिम एकीकरण: 1 नवंबर, 1956 को अजमेर का विलय
राजधानी: प्रथम राजधानी - कोटा, अंतिम राजधानी - जयपुर
राजप्रमुख: प्रथम - उदयभान सिंह (धौलपुर), अंतिम - सवाई मान सिंह (जयपुर)
राजस्थान एकीकरण की चुनौतियाँ
राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ आईं। जोधपुर के महाराजा हनुवंत सिंह पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे, लेकिन सरदार पटेल के हस्तक्षेप से वे भारत में शामिल हो गए। जैसलमेर के महारावल भी पाकिस्तान में शामिल होने की इच्छा रखते थे, लेकिन अंततः भारत में ही रहे। अलवर और भरतपुर के शासकों ने भी प्रारंभ में विलय का विरोध किया था।
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: राजस्थान के एकीकरण के समय किस रियासत के शासक पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे?
उत्तर: जोधपुर के महाराजा हनुवंत सिंह
प्रश्न: राजस्थान के एकीकरण का अंतिम चरण कब पूरा हुआ?
उत्तर: 1 नवंबर, 1956
प्रश्न: वर्तमान राजस्थान की राजधानी क्या है और यह कब बनी?
उत्तर: जयपुर, 1 नवंबर, 1956 को
एकीकरण के बाद का विकास
राजस्थान के एकीकरण के बाद राज्य के विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। नई प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की गई, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया, और कृषि एवं उद्योग के क्षेत्र में विकास के लिए योजनाएँ बनाई गईं। राजस्थान ने धीरे-धीरे प्रगति की और आज देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण नोट्स
एकीकरण के चरण
1. मत्स्य संघ - 18 मार्च, 1948
2. राजस्थान संघ - 25 मार्च, 1948
3. संयुक्त राजस्थान - 18 अप्रैल, 1948
4. वृहत्तर राजस्थान - 30 मार्च, 1949
5. संयुक्त वृहत्तर राजस्थान - 15 मई, 1949
6. राजस्थान - 26 जनवरी, 1950
7. वर्तमान राजस्थान - 1 नवंबर, 1956
प्रमुख व्यक्तित्व
• सरदार वल्लभभाई पटेल - एकीकरण के मुख्य सूत्रधार
• नारायण विष्णु गाडगिल - वित्त मंत्री
• हीरालाल शास्त्री - प्रथम मुख्यमंत्री
• सवाई मान सिंह - अंतिम राजप्रमुख
महत्वपूर्ण तिथियाँ
• 18 मार्च, 1948 - प्रथम चरण
• 30 मार्च, 1949 - वृहत्तर राजस्थान
• 26 जनवरी, 1950 - गणतंत्र दिवस के दिन राजस्थान
• 1 नवंबर, 1956 - वर्तमान राजस्थान का गठन
राजधानियाँ
• मत्स्य संघ - अलवर
• राजस्थान संघ - कोटा
• संयुक्त राजस्थान - उदयपुर
• वृहत्तर राजस्थान - जयपुर
• वर्तमान राजस्थान - जयपुर