भारत की भौगोलिक विशेषताएँ: एक परिचय

भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक विशाल देश है जिसका कुल क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है। भारत की भौगोलिक स्थिति 8°4' उत्तरी अक्षांश से 37°6' उत्तरी अक्षांश और 68°7' पूर्वी देशांतर से 97°25' पूर्वी देशांतर के बीच है। भारत की भौगोलिक विशेषताएँ अत्यंत विविधतापूर्ण हैं, जिनमें ऊँचे पर्वत, विस्तृत मैदान, पठार, तटीय क्षेत्र और द्वीप समूह शामिल हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

सबसे ऊँची चोटी: K2 (गॉडविन ऑस्टिन) - 8,611 मीटर

सबसे लंबी नदी: गंगा - 2,525 किमी

कुल क्षेत्रफल: 32,87,263 वर्ग किमी

जलवायु: उष्णकटिबंधीय मानसूनी

भारत के प्रमुख भौगोलिक विभाजन

भारत को मुख्य रूप से निम्नलिखित भौगोलिक विभागों में बाँटा जा सकता है:

उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र

हिमालय पर्वत श्रृंखला

उत्तरी मैदानी क्षेत्र

गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र का मैदान

प्रायद्वीपीय पठार

दक्कन का पठार

तटीय मैदान

पूर्वी और पश्चिमी तट

द्वीप समूह

अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप

थार का मरुस्थल

पश्चिमी राजस्थान

उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र

उत्तरी भारत में स्थित हिमालय पर्वत श्रृंखला विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है। यह भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है और इसे तीन मुख्य भागों में बाँटा जा सकता है:

1. वृहत् हिमालय (हिमाद्रि)

औसत ऊँचाई: 6,000 मीटर
स्थिति: सबसे उत्तर में
हिमनद: सियाचिन, गंगोत्री
प्रमुख चोटियाँ:
  • माउंट एवरेस्ट (नेपाल) - 8,848 मीटर
  • K2 (गॉडविन ऑस्टिन) - 8,611 मीटर
  • कंचनजंगा - 8,586 मीटर
  • नंगा पर्वत - 8,126 मीटर

2. मध्य हिमालय (हिमाचल)

औसत ऊँचाई: 3,700-4,500 मीटर
स्थिति: वृहत् हिमालय के दक्षिण में
वनस्पति: चीड़, देवदार के वन
प्रमुख पर्वत श्रेणियाँ:
  • पीर पंजाल श्रेणी
  • धौलाधर श्रेणी
  • महाभारत श्रेणी (नेपाल)
  • मसूरी श्रेणी

3. शिवालिक श्रेणी

औसत ऊँचाई: 900-1,200 मीटर
स्थिति: सबसे दक्षिण में
दून घाटियाँ: देहरादून, कोटली
विशेषताएँ:
  • नवीनतम पर्वत श्रेणी
  • अवसादी चट्टानों से निर्मित
  • भूकंप संवेदनशील क्षेत्र
  • तराई क्षेत्र से जुड़ाव

उत्तरी मैदानी क्षेत्र

उत्तरी मैदान भारत का सबसे उपजाऊ और घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यह हिमालय के दक्षिण में स्थित है और सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी प्रणालियों द्वारा निर्मित है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

उत्तरी मैदान की लंबाई लगभग 2,400 किमी और चौड़ाई 240 से 320 किमी है। यह विश्व के सबसे उपजाऊ मैदानों में से एक है और भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 40% भाग यहाँ निवास करता है।

पश्चिमी मैदान

  • सिंधु नदी द्वारा निर्मित
  • राजस्थान के मरुस्थलीय भाग शामिल
  • कम वर्षा वाला क्षेत्र
  • बालू के टिब्बे और नमक की झीलें

पूर्वी मैदान

  • गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा निर्मित
  • अधिक वर्षा वाला क्षेत्र
  • डेल्टाई क्षेत्र सुंदरवन शामिल
  • चावल की खेती के लिए उपयुक्त
नदी प्रणाली क्षेत्रफल (वर्ग किमी) प्रमुख नदियाँ मिट्टी का प्रकार
सिंधु प्रणाली 1,165,000 सिंधु, झेलम, चिनाब जलोढ़ मिट्टी
गंगा प्रणाली 1,086,000 गंगा, यमुना, घाघरा जलोढ़ मिट्टी
ब्रह्मपुत्र प्रणाली 580,000 ब्रह्मपुत्र, तीस्ता, मानस जलोढ़ मिट्टी

प्रायद्वीपीय पठार

प्रायद्वीपीय पठार भारत का सबसे प्राचीन भूखंड है जो गोंडवाना लैंड का अवशेष माना जाता है। यह त्रिभुजाकार आकार का है और इसकी औसत ऊँचाई 600-900 मीटर है।

पठार के प्रमुख भाग

मालवा का पठार

मध्य भारत में स्थित

छोटानागपुर का पठार

खनिज संपदा से समृद्ध

दक्कन का पठार

सबसे बड़ा पठारी भाग

पठार की सीमाएँ

प्रायद्वीपीय पठार की सीमाएँ निम्नलिखित पर्वत श्रेणियों द्वारा निर्धारित होती हैं:

  • उत्तर-पश्चिम: अरावली पर्वत श्रेणी
  • उत्तर: विंध्य और सतपुड़ा पर्वत श्रेणी
  • पूर्व: पूर्वी घाट
  • पश्चिम: पश्चिमी घाट
प्राचीन काल

प्रायद्वीपीय पठार गोंडवाना लैंड का हिस्सा था और यह विश्व के सबसे प्राचीन भूखंडों में से एक है।

जुरासिक काल

भारतीय प्लेट अफ्रीका से अलग होकर उत्तर की ओर खिसकना शुरू हुई।

वर्तमान

प्रायद्वीपीय पठार खनिज संपदा और वन संपदा से समृद्ध है और यहाँ की मिट्टी काली कपास मिट्टी है जो कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।

तटीय मैदान और द्वीप समूह

भारत की प्रायद्वीपीय स्थिति के कारण यहाँ लंबा तटीय क्षेत्र है जिसे पूर्वी तट और पश्चिमी तट में बाँटा जा सकता है।

पश्चिमी तटीय मैदान

  • अरब सागर के साथ स्थित
  • संकीर्ण और अवरोधी
  • कोंकण तट (महाराष्ट्र-गोवा)
  • मालाबार तट (केरल-कर्नाटक)
  • प्रमुख बंदरगाह: मुंबई, कोच्चि, मंगलौर

पूर्वी तटीय मैदान

  • बंगाल की खाड़ी के साथ स्थित
  • विस्तृत और समतल
  • कोरोमंडल तट (तमिलनाडु-आंध्र)
  • उत्तरी सरकार तट (ओडिशा-पश्चिम बंगाल)
  • प्रमुख बंदरगाह: चेन्नई, विशाखापत्तनम, कोलकाता

द्वीप समूह

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

बंगाल की खाड़ी में स्थित, ज्वालामुखीय उत्पत्ति

कुल द्वीप: 572

लक्षद्वीप द्वीप समूह

अरब सागर में स्थित, प्रवाल उत्पत्ति

कुल द्वीप: 36

महत्वपूर्ण तथ्य

भारत की तटरेखा की कुल लंबाई 7,516.6 किमी है जिसमें मुख्यभूमि की तटरेखा 6,100 किमी और द्वीपों की तटरेखा 1,416.6 किमी है।

भारत की जलवायु

भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है जो मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम मानसून से प्रभावित होती है। भारत की जलवायु को निम्नलिखित ऋतुओं में विभाजित किया जा सकता है:

  • शीत ऋतु (दिसंबर-फरवरी): उत्तरी भारत में ठंड, दक्षिण में समशीतोष्ण मौसम
  • ग्रीष्म ऋतु (मार्च-मई): उच्च तापमान, शुष्क मौसम, उत्तरी भारत में लू चलना
  • वर्षा ऋतु (जून-सितंबर): दक्षिण-पश्चिम मानसून द्वारा वर्षा
  • शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर): मानसून का लौटना, आर्द्रता कम होना
  • जलवायु प्रकार क्षेत्र वार्षिक वर्षा तापमान सीमा
    उष्णकटिबंधीय आर्द्र पश्चिमी घाट, अंडमान द्वीप 200-400 सेमी 20°C - 30°C
    उष्णकटिबंधीय शुष्क राजस्थान, गुजरात 10-50 सेमी 15°C - 45°C
    उपोष्णकटिबंधीय उत्तरी मैदान 100-200 सेमी 5°C - 40°C
    पर्वतीय हिमालय क्षेत्र 100-250 सेमी -5°C - 25°C

    भारत की मिट्टी

    भारत में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं जो विभिन्न कृषि उत्पादों के लिए उपयुक्त हैं। मिट्टी के प्रकार मुख्य रूप से जलवायु, स्थलाकृति और मूल चट्टानों पर निर्भर करते हैं।

    जलोढ़ मिट्टी

    उत्तरी मैदान, नदी घाटियाँ

    45% क्षेत्र

    काली मिट्टी

    दक्कन का पठार

    16% क्षेत्र

    लाल मिट्टी

    प्रायद्वीपीय भारत

    11% क्षेत्र

    लैटेराइट मिट्टी

    पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर

    8% क्षेत्र

    महत्वपूर्ण तथ्य:

    जलोढ़ मिट्टी भारत की सबसे उपजाऊ मिट्टी है और गेहूँ, चावल, गन्ना आदि फसलों के लिए उपयुक्त है। काली मिट्टी कपास की खेती के लिए आदर्श है और इसे 'रेगुर मिट्टी' भी कहा जाता है।

    भारत की प्राकृतिक वनस्पति

    भारत में विभिन्न प्रकार की वनस्पति पाई जाती है जो जलवायु, वर्षा और मिट्टी के प्रकार के अनुसार बदलती है। भारत का कुल वन क्षेत्र देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.56% है।

    वनस्पति के प्रकार

    उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

    पश्चिमी घाट, अंडमान, असम

    उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन

    उत्तरी भारत, प्रायद्वीपीय क्षेत्र

    पर्वतीय वन

    हिमालय क्षेत्र

    मरुस्थलीय वनस्पति

    थार मरुस्थल

    संरक्षित क्षेत्र

    भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए विभिन्न संरक्षित क्षेत्र स्थापित किए गए हैं:

    • राष्ट्रीय उद्यान: 106
    • वन्यजीव अभयारण्य: 567
    • जीवमंडल रिजर्व: 18
    • टाइगर रिजर्व: 53

    भारत के प्राकृतिक संसाधन

    भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध देश है। यहाँ खनिज, वन, जल और ऊर्जा संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।

    संसाधन प्रकार प्रमुख क्षेत्र उत्पादन/भंडार राष्ट्रीय महत्व
    कोयला झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ विश्व में 5वाँ स्थान ऊर्जा का प्रमुख स्रोत
    लौह अयस्क ओडिशा, झारखंड, कर्नाटक विश्व में 4था स्थान इस्पात उद्योग का आधार
    बॉक्साइट ओडिशा, गुजरात, झारखंड विश्व में 5वाँ स्थान एल्युमिनियम उत्पादन
    प्राकृतिक गैस मुंबई हाई, कृष्णा-गोदावरी सीमित भंडार ऊर्जा और उर्वरक

    महत्वपूर्ण तथ्य

    भारत विश्व का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक देश है और चाय, कपास, गन्ना उत्पादन में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। भारत की 60% से अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर है।

    परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य

    प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत की भौगोलिक विशेषताओं से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:

  • भारत का सबसे उत्तरी बिंदु - इंदिरा कॉल (जम्मू-कश्मीर)
  • भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु - इंदिरा पॉइंट (ग्रेट निकोबार)
  • भारत का सबसे पूर्वी बिंदु - किबिथू (अरुणाचल प्रदेश)
  • भारत का सबसे पश्चिमी बिंदु - गौर मोटा (गुजरात)
  • भारत की मुख्यभूमि का सबसे दक्षिणी बिंदु - कन्याकुमारी (तमिलनाडु)
  • भारत का सबसे बड़ा राज्य (क्षेत्रफल) - राजस्थान
  • भारत का सबसे छोटा राज्य (क्षेत्रफल) - गोवा
  • भारत की सबसे लंबी नदी - गंगा (2,525 किमी)
  • भारत की सबसे बड़ी झील - चिल्का झील (ओडिशा)
  • भारत का सबसे बड़ा डेल्टा - सुंदरवन डेल्टा
  • ज्ञान परीक्षण

    1. भारत का सबसे बड़ा प्रायद्वीपीय पठार कौन सा है?
    मालवा का पठार
    छोटानागपुर का पठार
    दक्कन का पठार
    बुन्देलखण्ड का पठार
    2. भारत की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
    ब्रह्मपुत्र
    सिंधु
    गंगा
    गोदावरी

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